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Thursday 21 February 2019 04:19:42 PM
नई दिल्ली। अस्पतालों और स्वास्थ्यसेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन बोर्ड एनएबीएच ने एंट्री लेवेल प्रमाणन प्रक्रिया को संशोधित किया है, ताकि इस प्रक्रिया को सरल, त्वरित, डिजिटल और इस्तेमाल में और ज्यादा आसानी हो सके। एनएबीएच ने इसके लिए एचओपीई यानी होप के नाम से एक नया पोर्टल भी बनाया है। इसका उद्देश्य देशभर के अस्पतालों सहित स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे छोटी इकाइयों को उनके शुरुआती चरण में ही गुणवत्तायुक्त सेवाओं के लायक बनाना है। इसका लक्ष्य ऐसी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े ऐसे संगठनों को गति प्रदान करना भी है, जो एनएबीएचप्रमाणन हासिल कर भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण तथा आयुष्मान भारत से जुड़े लाभ प्राप्त करना चाहते हैं और इस तरह से देश में एक गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करना चाहते हैं।
बीमा कवरेज के तहत रोगियों को कैशलेस सेवा द्वारा लोगों पर स्वास्थ्य खर्चों का वित्तीय बोझ कम करने के इरादे से दिया गया है। आईआरडीए ने अस्पतालों को एनएबीएचएंट्री-लेवल प्रमाणन प्रक्रिया के माध्यम से एक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए बाध्य किया है। होप का काम सिर्फ प्रमाणन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह अस्पतालों और स्वास्थ्यसेवा प्रदाताओं को मरीजों के लिए एक सुगम, सुरक्षित और गुणवत्तायुक्त सेवाएं देने के लिए भी बाध्य करना है। इसमें ऐसे संगठनों के लिए स्वतः जानकारी देने वाली एक प्रश्नावली भी है। होप के माध्यम से एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है जो अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को यह सुविधा प्रदान करता है कि वह एनबीएच प्रमाणन हासिल करने के लिए जरूरी सभी शर्तों से संबंधित दस्तावेज सीधे अपलोड कर सके। होप के जरिए आंकलन प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। इसके माध्यम से प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर डाटा का संकलन और प्रमाणन किया जाता है।
होप में अस्पतालों और अन्य छोटे स्वास्थ्यसेवा प्रदाताओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई गतिविधियां शुरु की गई हैं, इनमें अस्पतालों को संपूर्ण आंकलन प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए राष्ट्रव्यापी जागरुकता कार्यशालाओं का आयोजन, आवेदनपत्र भरते समय जरूरी मदद के लिए अस्पतालों के वास्ते कॉल सेंटर और हेल्पलाइन सेवा, प्रमाण प्रक्रिया को कम खर्चीली बनाने के प्रमाणीकरण प्रक्रिया में सहायता के लिए अस्पतालों को प्रमाणित सलाहकारों से जोड़ने का मंच प्रदान करना, प्रमाणन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी के साथ एक व्यापक गाइडबुक औरप्रस्तुति के लिए नॉलेज बैंक एवं प्रमाणित आंकलनकर्ताओं का मजबूत नेटवर्क शामिल हैं। देश में ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों और छोटे स्वास्थ्यसेवा प्रदाताओं को इस काम में मदद के लिए और इन्हें इस बारे में जागरुक बनाने के लिए एनएबीएच ने भारतीय चिकित्सा संघ, मरीजों की सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था पीएसएआईआईएफ, सीएएचओ और ऐसे ही अन्य संगठनों के साथ हाथ मिलाया है।
भारत में गुणवत्ता प्रमाणन के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत 1997 में गठित भारतीय गुणवत्ता परिषद एक स्वतंत्र निकाय है। यह देश में गुणवत्ता प्रमाणन और गुणवत्ता को बढ़ावा देने वाली वाली शीर्ष संस्था है। एनएबीएचइस क्यूसीआई का ही एक हिस्सा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में स्वास्थ्य सेवाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बन सकें। अस्पताल और अन्य स्वास्थ्यसेवा प्रदाता एनएबीएच की संशोधित प्रमाण प्रक्रिया के बारे में कॉल सेंटर नबंर 1800-102-3814पर फोन कर या फिर hope@qcin.org या वेबसाइट www.hope.qcin.org पर जाकर सभी जानकारी हासिल की जा सकती है।