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Saturday 2 March 2019 01:11:38 PM
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऐसी शिक्षा होनी चाहिए, जो व्यक्ति में आत्मज्ञान का बोध कराने के साथ ही उसे प्रबुद्ध और जागरुक बनाने में सहायक बने। उपराष्ट्रपति हैदराबाद में आंध्र विद्यालय कॉलेज ऑफ आर्ट साइंस एंड कामर्स के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2020 तक भारत की युवा आबादी की औसत उम्र 28 वर्ष पर सीमित हो जाएगी, जबकि चीन और अमेरिका में यह 37, पश्चिमी यूरोप में 45 और जापान में 49 वर्ष होगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास में जनसंख्या का स्वरूप बदलाव की बड़ी भूमिका निभाता है। उन्होंने देश में बढ़ती जनसंख्या पर चिंता भी प्रकट की।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं, गुणवत्तायुक्त शिक्षा तथा रोज़गार और कौशल विकास के जरिए एक सक्षम मानव संसाधन बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि मानव संसाधन विकास की दिशा में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है, लेकिन इसके बावजूद वह निरक्षरता, माध्यमिक स्कूली शिक्षा, निम्नस्तर की बुनियादी जनसेवाओं और लैंगिक भेदभाव जैसी बड़ी बाधाओं से जूझ रहा है, ऐसे में देश को नई प्रौद्योगिकी के अवसरों का लाभ उठाते हुए ज्यादा प्रभावी शिक्षा नीति बनाने की जरूरत है। वेंकैया नायडू ने कहा कि देश में लैंगिक जागरुकता के माध्यम से लैंगिक समानता और महिलाओं की सुरक्षा पर नए सिरे से ध्यान देने की आवश्यकता है, लैंगिक जागरुकता का काम परिवार, स्कूल और कॉलेजों से ही शुरू कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षण संस्थानों से अपील की कि वह ज्यादा से ज्यादा युवा महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें।
वेंकैया नायडू ने कहा कि रोज़गार अवसर होने के बावजूद कई बार उसके लायक दक्ष लोग नहीं मिलते, इसे ध्यान में रखते हुए अक्टूबर 2016 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.0 शुरु की गई थी, इसके तहत चार साल की अवधि में एक करोड़ युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा के सामान अवसर पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसके लिए महिलाओं और लड़कियों, अनुसूचित जाति और जनजाति, दिव्यांगजनों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उच्चशिक्षा के लिए बाधामुक्त और सामान अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने सौ साल पहले दिए गए स्वामी विवेकानंद के उद्बोधन-'उठो, जागो और तबतक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाए' का हवाला देते हुए कहा कि यह दुनिया अवसरों से भरी पड़ी है और लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए।इस अवसर पर तेलंगाना के शिक्षा मंत्री जगदीश रेड्डी और गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।