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Friday 15 March 2019 04:29:26 PM
कोयम्बटूर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारत को ज्ञान और नवाचार का केंद्र बनाने के लिए देश के युवाओं की रचनात्मक क्षमता का लाभ उठाने का आह्वान किया है। कोयम्बटूर में पीएसजी इंस्टीट्यूड ऑफ टेक्नोलॉजी एंड एप्लायड रिसर्च के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार के युग में युवा पेशेवरों की नवाचार और उद्यमशीलता भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाईयों पर लेजाने तथा एक समावेशी समाज के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगी। उपराष्ट्रपति ने देश के जनसंख्या बल को बड़े लाभ में परिवर्तित करने पर जोर देते हुए कहा कि भारत को दुनिया में एक बड़ी आर्थिक ताकत के रूपमें स्थापित करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने उच्च शिक्षण संस्थानों को शिक्षा के विश्वस्तरीय केंद्रों के रूपमें विकसित करने के साथ ही विनिर्माण उद्योग का बड़े पैमाने पर विस्तार करने की भी जरूरत है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें अपने युवाओं को ऐसी क्षमताओं से लैस करना है, जो उन्हें नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बना सके। उन्होंने कृषि के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों की मांगों को पूरा करने के लिए कौशल प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन और नवोन्मेषी उद्यमशीलता पर जोर दिया। वेंकैया नायडू ने युवाओं से नैतिक मूल्यों को बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें समाज के व्यापक हित में उसकी आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए एक जिम्मेदार नागरिक बनना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने देश के प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जय जवान, जय किसान नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान का नारा भी जोड़ा था, आज के संदर्भ में इस नारे को जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के रूपमें पढ़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सम्पर्क या एक-दूसरे से जुड़े रहना विकास का मूल आधार है।
वेंकैया नायडू ने लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी की ताकत का हवाला देते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी लोगों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी ने प्रौद्योगिकी की ताकत को हमारी हथेली तक पहुंचा दिया है, इस ताकत का इस्तेमाल समाज के वंचित और सामान्य लोगों का जीवनस्तर सुधारने के लिए होना चाहिए। वेंकैया नायडू ने वर्तमान समय की समस्याओं का समाधान नए प्रयोगों और नए तरीकों से करने की जरूरत पर जोर देते हुए छात्रों से रोबोटिक्स, बिग डाटा एनालिटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमता जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल करने का आह्वान किया।