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Friday 15 March 2019 04:42:22 PM
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने ग्रामीण और शहरी अंतर को दूर करने का आह्वान किया है और कहा है कि केंद्र एवं राज्य सरकारें सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं जुटाते हुए गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। आंध्रप्रदेश के नूजविद में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ नॉलेज टेक्नॉलोजी के छात्रों को संबोधित करते हुए वेंकैया नायडु ने सचेत किया कि दो तरह के भारत का होना अच्छी बात नहीं है यानी एक में विकसित शहरी क्षेत्र हैं और दूसरे में पिछड़े ग्रामीण क्षेत्र। उन्होंने कहा कि हमें हर हाल में शहरी-ग्रामीण अंतर को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं तथा आर्थिक गतिविधियों की वजह से शहरों का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहरों में उपलब्ध सुविधाओं को गांवों तक भी पहुंचाया जाना चाहिए। प्रतिभाशाली ग्रामीण युवाओं को उच्च गुणवत्ता की तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा सामाजिक और आर्थिक बदलाव का मुख्य साधन है और यह सुविज्ञ समाज के निर्माण की बुनियाद रखती है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि आज के दौर में यह आवश्यक है कि शिक्षा प्रणाली युवाओं का समग्र विकास करे, जो नैतिक और सदाचारी मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हों। वेंकैया नायडु ने कहा कि शिक्षा वह साधन है, जिसके माध्यम से व्यक्ति के चरित्र का निर्माण होता है, उसके मस्तिष्क की ताकत बढ़ती है और बुद्धि कुशाग्र बनती है, जिसके परिणामस्वरूप वह आर्थिक रूपसे अपने पैरों पर खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि सच्ची शिक्षा युवाओं को ऐसे गुणों से संपन्न बनाती है, जो देश की भौतिक प्रगति में योगदान देते हैं। महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक कौशलों और नवाचारी चिंतन करने में समर्थ बनाने की जगह महज़ डिग्री और प्रमाणपत्र धारक छात्रों का निर्माण करने वाली मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर चिंता प्रकट करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आरजीयूकेटी जैसे उच्चशिक्षण संस्थान कुशल और सक्षम कार्यबल का विशाल समूह तैयार करें, जो राष्ट्र की अर्थव्यवस्था का संचालन करें और देश को हताशा, तेज़गति से हो रहे शहरीकरण, ऊर्जा की बढ़ती मांग, जलवायु परिवर्तन, धरती का बढ़ता तापमान, शहरी ग्रामीण अंतर और आर्थिक असमानताओं जैसी विभिन्न चुनौतियों से कारगर ढंग से निपटने में सहायक बनें।
वेंकैया नायडु ने आज के विश्व की ज्ञान और नवोन्मेष के प्रतिस्पर्धी इस्तेमाल पर निर्भरता को देखते हुए प्रौद्योगिकी के छात्रों से अनुरोध किया कि वे समाज के समक्ष आ रही समस्याओं के व्यावहारिक और कम लागत वाले समाधान तलाशने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि हमारे प्रौद्योगिकीविदों को विदेशी अवधारणाओं और पद्धतियों की ओर देखने की बजाय स्वदेशी समाधान तलाश करने की जरूरत है। वेंकैया नायडु ने कहा कि प्रौद्योगिकी में उन्नति और आर्थिक प्रगति के बावजूद हमारे नागरिकों के एक बड़े वर्ग की पहुंच अबतक अनिवार्य संसाधनों तक नहीं हो सकी है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अवसरों का लाभ उठाएं और प्रत्येक घर तक पेजयल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने, कुपोषण का सफाया करने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं को किफायती और सुगम्य बनाने जैसी विकट समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि हर एक संस्था को अत्याधुनिक जानकारी प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता का केंद्र बनना चाहिए। उन्होंने छात्रों को जीवनशैली के विकारों के प्रति सावधान करते हुए उनसे योगाभ्यास और ध्यान करने का अनुरोध किया।