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Tuesday 19 March 2019 03:55:54 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा तथा केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को कठिन, प्रतिस्पर्धी और चयन परीक्षा प्रक्रिया की सफलता पर बधाई दी है। प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि आईएएएस सेवा हमारे देश में बहुत सम्मानित है और इसकी 150 वर्ष लंबी विरासत है, हालांकि इस अवधि में अर्थव्यवस्था बदली है, प्रौद्योगिकीबदली है, लेखांकन प्रक्रिया बदली, लेकिन आईएएएस के दर्शन और सिद्धांत नहीं बदले। राष्ट्रपति ने कहा कि आईएएएस अधिकारी कार्यपालिका और विधायिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय समितियों के लिए लेखा परीक्षा की रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण इनपुट है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आईएएएस अधिकारी जनता के विश्वास और वित्तीय विवेक के संरक्षक होते हैं, उनका उद्देश्य शासन रणनीतियों में सुधार लाने वाला होना चाहिए और उनके निष्कर्षों की विश्वसनीयता शासन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लेखा परीक्षा की उपयोगिता को निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग की विधायिका के समक्ष पेश की जाने वाली रिपोर्ट इस जवाबदेही को सुनिश्चित करने का एक अहम जरिया होता है। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को सलाह दी कि वे इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि लेखा परीक्षण शासन की नीतियों को बेहतर बनाने के लिए हो। राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा (सड़क) का भी देश में प्रमुख योगदान है, यह सड़क और राजमार्ग के विकास के रोमांचक चरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्ष में राष्ट्रीय राजमार्गों के रूपमें हमारे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच सड़कों का तेजी से विस्तार हुआ है और इस सेवा के अधिकारी देश की जुड़ाव क्रांति का हिस्सा हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों से कहा कि अब चुनौती बेहतर और सुरक्षित निर्माण करने की है, सड़क और राजमार्ग परियोजनाओं में एक इंजीनियर के रूपमें काम करते हुए आपके मन में यह तथ्य होना चाहिए कि आप अगली यात्रा के लिए नहीं, बल्कि अगली पीढ़ी के लिए निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को डिजाइन करते समय सड़कों को अधिक टिकाऊ और सस्ती बनाने के लिए नई तकनीकियों का उपयोग किया जाना चाहिए। रामनाथ कोविंद ने कहा कि जैसे-जैसे देश में ऑटोमोबाइल यातायात बढ़ रहा है, वैसे ही हमारी सड़कों और राजमार्गों पर दो पहिया वाहनों, कारों और वाणिज्यिक वाहनों की संख्या बढ़ती है। उन्होंने कहा कि भारत में यातायात दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु की संख्या बहुत अधिक है, इसका समाधान अकेले इंजीनियर नहीं कर सकते, लेकिन इन्हें कम करने के प्रति वे हमेशा सचेत रहें। उन्होंने अधिकारियों से उम्मीद जताई कि वे समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते समय ईमानदारी और अनुशासन के उच्च मानकों को बनाए रखेंगे।