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Saturday 6 April 2019 02:35:58 PM
नई दिल्ली। भारत में साम्प्रदायिक शक्तियों के सर उठाने और हिंदुत्व एवं राष्ट्रवाद की खातिर कभी सिनेमा जगत से भारतीय जनता पार्टी में आए शत्रुघ्न सिन्हा आज भाजपा के स्थापना दिवस पर बड़े बेमन से कांग्रेस में शामिल हो गए। शत्रुघ्न सिन्हा बिहार की पटना साहिब लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने पर उन्होंने इन दिनों प्रधानमंत्री और भाजपा नेतृत्व पर अनवरत हमले किए और भाजपा विरोधी नेताओं से जुगलबंदी करते हुए जब सारी हदें पार कर दीं तो इसबार भाजपा ने उनसे हाथ जोड़ लेने का मन बना लिया। उनका टिकट काट दिया गया। शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा नेतृत्व पर ताबड़तोड़ हमले करते हुए और भाजपा छोड़ते हुए कहा कि आज वह दुखी और पीड़ित मन से भाजपा छोड़ रहे हैं और कांग्रेस में शामिल हो गए। शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से ही कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
शत्रुघ्न सिन्हा एक अत्यंत राजनीतिक महत्वाकांक्षी राजनेता के रूपमें प्रसिद्ध हो गए थे और यह भूल गए थे कि किसी भी राष्ट्रीय राजनीतिक दल के साथ अनुशासन भी कोई चीज होती है। लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उन्होंने भाजपा नेतृत्व के विरुद्ध ज्यादा ही आलोचनाएं शुरु कर दी थीं। उनको भाजपा नेतृत्व ने आगाह भी किया था कि वे राजनीतिक प्रतिबद्धता और मर्यादाओं का ध्यान रखें, लेकिन उनकी प्रधानमंत्री और भाजपा नेतृत्व पर आलोचनात्मक बयानबाज़ी और व्यंग्यात्मक टिप्पणियां नहीं रुकीं। शत्रुघ्न सिन्हा मीडिया की सुर्खियों में बने रहे। वह चाहते थे कि जिस प्रकार फिल्मों में वे स्टार हैं वैसा ही महत्व राजनीति में भी मिले, जिसके तहत उन्हें मंत्री बनाया जाए, लेकिन उनकी अनुशासहीनता एवं राजनीतिक महत्व की महत्वाकांक्षाएं उनपर भारी पड़ गईं। भाजपा नेतृत्व ने अंतिमतौर पर मान लिया कि शत्रुघ्न सिन्हा को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, वही हुआ, उनका टिकट काट दिया गया।
शत्रुघ्न सिन्हा आज जब दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस में शामिल हुए तो उस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणजीत सिंह सुरजेवाला और बिहार के शक्ति सिंह आदि मौजूद थे, जिससे उनके कांग्रेस में शामिल होने को भी उत्साह से नहीं लिया गया। दरअसल कांग्रेस भी जानती है कि शत्रुघ्न सिन्हा उसके साथ भी ऐसा कर सकते हैं, जैसा उन्होंने भाजपा के साथ किया है। भारतीय जनता पार्टी का टिकट कटने से बौखलाए शत्रुघ्न सिन्हा ने आज फिर भाजपा नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वैसे ही बोल बोले जैसे वे भाजपा में रहते समय बोलते आए हैं। उनकी एकमात्र समस्या कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया, उनके चेहरे पर दिखाई पड़ रही थी और वे यह एहसास करा रहे थे कि अब भाजपा का खेल खत्म हो गया है। शत्रुघ्न सिन्हा ने इससे पहले सारे विपक्षी दलों के नेताओं के यहां जाकर और उनकी तारीफ कर बीजेपी का खूब जनाजा निकाला। शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर बीजेपी को छोड़ने का दिन चुना। उन्होंने कहा कि भाजपा के बड़े नेताओं का अपमान हुआ है, बीजेपी वन मैन शो और टू मैन आर्मी है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बीजेपी में बड़े नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया और लोकशाही तानाशाही में बदल दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के तो मंत्री भी डरे हुए रहते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी राजनीति का भंडाफोड़ करते हुए कांग्रेस में शामिल हुए। शत्रुघ्न सिन्हा को भारतीय जनता पार्टी ने काफी बर्दाश्त किया। वह कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते दिखे, तो कभी भाजपा नेतृत्व की आलोचना करते दिखे, कभी बहुत धर्मनिरपेक्ष बनते हुए दिखाई दिए तो आज कह रहे हैं कि दुखी मन से बीजेपी छोड़ रहा हूं, इसका मतलब हुआ कि शत्रुघ्न सिन्हा ने अभी भी भाजपा से मोह नहीं छोड़ा है, जिसे वे दुखी मन से सिद्ध करना चाहते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा का पटना साहिब से अब भारतीय जनता पार्टी सरकार में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुकाबला होगा। वहां पर भाजपा के एक और नाराज नेता हैं आरके सिन्हा। इससे रविशंकर प्रसाद के सामने मुकाबला बड़े कांटे का होगा। हार-जीत जिस किसी की भी हो, लेकिन भाजपा ने कड़े फैसले लेने की इच्छाशक्ति को सिद्ध करके दिखाया है।
पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है और यह कायस्थ बाहुल्य सीट है। सही मायने में शत्रुघ्न सिन्हा का भाजपा से बहुत पहले पत्ता साफ हो चुका था जब उन्होंने भाजपा नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कभी राहुल गांधी के सामने तो कहीं लालू प्रसाद यादव के सामने, कहीं अखिलेश यादव के सामने तो कहीं ममता बनर्जी के सामने आलोचना की हदें पार कर दी थीं। वे ममता बनर्जी की कोलकाता रैली में भी शामिल हुए थे। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि सच कहना बगावत है तो समझो हम बागी हैं। उन्होंने कहा कि लोकशाही में हमने शनै शनै परिवर्तन होते देखा है। उन्होंने कहा कि भाजपा में बड़े-बड़े नेताओं को दरकिनार किया गया है और मैंने कुछ लोगों से मतभेद की वजह से बीजेपी छोड़ी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति से बड़ी पार्टी है और पार्टी से बड़ा देश होता है। शत्रुघ्न सिन्हा जिस मुद्दे पर सिनेमा जगत से भाजपा में आए थे, अब वह कांग्रेस में उस मुद्दे के साथ नहीं चल सकते हैं। कहने वाले कहते हैं कि एक दिन देखना कि शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के साथ भी ज्यादा नहीं चल पाएंगे और लौटकर भाजपा के दरवाजे पर ही खड़े दिखाई देंगे।