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Wednesday 10 April 2019 12:50:51 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में आयुष मंत्रालय के सचिव डॉ वैद्य राजेश कोटेचा ने विश्व होम्योपैथी दिवस पर दिल्ली में दो दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि होम्योपैथी के संस्थापक डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सेमुएल हनीमैन के जन्मदिन पर विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। डॉ वैद्य राजेश कोटेचा ने इस अवसर पर कहा कि आयुष मंत्रालय शोध और होम्योपैथी उत्पादों के निर्माण तथा होम्योपैथी कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तथा विज्ञान और परंपरा के अंतर को शोध के माध्यम से कम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा के विकास के लिए मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी की विश्वसनीयता के लिए होम्योपैथी उत्पादों की सुरक्षा, गुणवत्ता नियंत्रण और निरंतरता आवश्यक है।
सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ राज के मनचंदा ने कहा कि शिक्षा को शोध और व्यवहार के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। आयुष मंत्रालय के संयुक्त सचिव रोशन जग्गी ने वैज्ञानिकों और शिक्षकों के बीच समन्वय विकसित करने के लिए शैक्षिक और अनुसंधान में परस्पर सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने जून 2014 में स्नातक छात्रों के लिए अल्प अवधि होम्योपैथी योजना लागू करने के लिए परिषद की सराहना की। उन्होंने कहा कि एमडी की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए सीसीआरएच छात्रवृत्ति योजना उनमें शोध को बढ़ावा देगी और क्षमता निर्माण करेगी। सम्मेलन में आयुष निदेशालय चंडीगढ़ प्रशासन ने डेंगू, चिकनगुनिया, क्षयरोग और अन्य संक्रामक रोगों पर शोध तथा क्लीनिक शोध के लिए जेएसपीएस गर्वमेंट होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज रामनाथपुर हैदराबाद के साथ सहमति पत्रों का आदान-प्रदान किया।
विश्व होम्योपैथी दिवस पर ‘सोवेनिर ऑफ कन्वेंशन’, होम्योपैथी-ए साइंस ऑफ जेंटल हिलिंग एक कॉफी टेबल बुक और स्टेंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइंस जारी किए गए। एक डिजिटल कोष-सीसीआरएच आरकाइव्स ऑन होम्योपैथी भी लांच किया गया। डॉ वैद्य राजेश कोटेचा ने होम्योपैथी शोध के क्षेत्र में योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए। इनमें डॉ रमनलाल पी पटेल को होम्योपैथी चिकित्सा क्षेत्र में योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया गया। डॉ रमनलाल पी पटेल को होम्योपैथी चिकित्सा क्षेत्र में 50 वर्ष का अनुभव है और उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। डॉ रवि एम नायर को होम्योपैथी चिकित्सा शिक्षा विकास के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रोफेसर कन्जक्शा घोष को होम्योपैथी चिकित्सा में शोध के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट से सम्मानित किया गया। डॉ तापस कुंडु को सर्वेश्रेष्ठ शोध प्रबंध पुरस्कार प्रदान किया गया।
मुनमुन सिन्हा को जापानी बुखार पर किए गए शोध कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ शोध प्रबंध दवा शोध पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ पोन्नम हिमा बिंदु और डॉ मुनमुन कोले को संयुक्त रूपसे युवा वैज्ञानिक पुरस्कार क्लीनिक शोध होम्योपैथी प्रदान किया गया। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के प्रोफेसर डॉ शैलेंद्र के सक्सेना को होम्योपैथी में औषधि शोध के लिए युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान दिया गया। डॉ दिव्या तनेजा को होम्योपैथी में भाषाई शोध के लिए युवा वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया। सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार डॉ अभिनचंद्र होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भुवनेश्वर ओडिशा के पूर्व प्रोफेसर लक्ष्मीकांत नंदा को प्रदान किया गया। सम्मेलन में केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के चेयरमैन नीलांजल सान्याल, त्रिदंडी चिन्ना रामानुज जीयार स्वामी, होम्योपैथी संकाय ब्रिटेन के अध्यक्ष डॉ गैरी स्मिथ और एलएमएचआई के अध्यक्ष डॉ आलोक पारीक भी उपस्थित थे।