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Wednesday 10 April 2019 04:15:52 PM
विक्टोरिया/ नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन यानी 1टीएस के जहाज-आईएनएस तरंगिनी, आईएनएस सुजाता, आईएनएस शार्दुल और आईसीजीएस सारथी सेशेल्स यात्रा पर पोर्ट विक्टोरिया पहुंच गए हैं। तरंगिनी कोच्चि से रवाना हुआ था, जबकि अन्य तीनों जहाज पोर्ट बिएरा मोजाम्बिक से रवाना हुए थे। ये तीनों जहाज इदाई चक्रवात के बाद ऑपरेशन सहायता के तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए मोजाम्बिक गए थे। कमोडोर वरुण पाणिकर ने अपने सहयोगियों के साथ पोर्ट विक्टोरिया पर इन जहाजों का गर्मजोशी से स्वागत किया। जहाजों के बंदरगाह पर आने के दौरान आईएनएस सुजाता में सेना बैंड ने लोकप्रिय धुनें बजाई। जहाजों से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी आईएनएस सुजाता पर दी गई।
पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन पर 7 अप्रैल को योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था, जिनमें उच्चायोग के अधिकारियों ने भी भाग लिया। इन जहाजों को भ्रमण के लिए खुला रखा गया था। जहाज देखने वालों में सेशेल्स मैरीटाईम एकेडमी के कैडेट भी शामिल थे। पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन वरुण सिंह ने 8 अप्रैल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राजदूत और विदेशी मामलों के सचिव बैरी फायूरे, भारतीय उच्चायुक्त डॉ औसफ सईद, एसपीडीएफ डिफेंस फोर्सेज के प्रमुख कर्नल क्लिफोर्ड रोजलीन तथा सेशेल्स कोस्ट गार्ड के कमांडर कर्नल साइमन डाईन से मुलाकात की। अधिकारियों ने मोजाम्बिक में किए गए सहायता कार्यों के लिए भारतीय नौसेना के जहाजों की सराहना की। समुद्री प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सैन्यकर्मियों ने बॉटेनिकल गार्डन, सेशेल्स मैरीटाईम एकेडमी और सेशेल्स कोस्ट गार्ड बेस का भी भ्रमण किया। सेशेल्स कोस्ट गार्ड के नाविकों ने आईएनएस शार्दुल का भ्रमण किया।
आईएनएस सुजाता पर एक रात्रिभोज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कैप्टन वरुण सिंह ने स्वागत भाषण दिया। इसके बाद राजदूत बैरी फायूरे ने कहा कि भारत और सेशेल्स के द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत हुए हैं। उन्होंने 2018 में भारत द्वारा सेशेल्स को उपहार स्वरूप डॉर्नियर देने की प्रशंसा की। पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन जहाज विदेश में तैनाती के अंतिम पड़ाव पर हैं। जहाज 10 अप्रैल को कोच्चि के लिए रवाना हो गए हैं। तैनाती के तहत जहाज सबसे पहले पोर्ट लुईस मॉरिशस पहुंचे थे, वहां से तीन जहाजों को मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए मोजाम्बिक रवाना किया गया था।