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Thursday 11 April 2019 11:52:11 AM
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद मामले में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश में कहा है कि समीक्षा याचिकाओं पर फैसला करते समय न्यायालय उन दस्तावेजों पर भी विचार करेगा, जिनमें से कुछ को पब्लिक डोमेन में नहीं रखा जा सकता है। समीक्षा याचिकाएं न्यायालय में लंबित हैं और इन पर सुनवाई होनी शेष है। सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 को आदेश में समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया था। समीक्षा याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने उन दस्तावेजों पर भरोसा किया है, जिनमें से कुछ को पब्लिक डोमेन में नहीं रखा जा सकता था। केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई थी कि समीक्षा याचिकाओं पर विचार करते समय उन दस्तावेजों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वे वर्गीकृत दस्तावेज के अंतर्गत आते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से यह कहा गया है कि याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मामले पर आंतरिक विचार-विमर्श के कुछ हिस्सों को चुनकर और इसकी अधूरी तस्वीर पेश करने के इरादे से दस्तावेजों का उपयोग कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं के दस्तावेज़ यह बताने में विफल रहे हैं कि मुद्दों का किस प्रकार समाधान किया गया और किस तरह सक्षम अधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया। यह याचिकाकर्ताओं की तथ्यों और रिकॉर्डों की चुनी हुई और अधूरी प्रस्तुति है। सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ सूचनाओं की मांग की थी। सरकार ने इन वांछित सूचनाओं से संबंधित कागजात न्यायालय और याचिकाकर्ताओं को सौंपे थे। न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सूचनाएं प्रदान की गई थीं। सीएजी ने भी रिकॉर्डों और फाइलों की मांग की थी। सरकार ने सीएजी को भी सूचना दस्तावेज उपलब्ध कराए। सरकार की मुख्य चिंता पब्लिक डोमेन में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील और वर्गीकृत जानकारी की उपलब्धता से संबंधित है।