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Friday 12 April 2019 12:25:23 PM
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के मुख्यालय वायुभवन नई दिल्ली में पहला द्विवार्षिक वायुसेना कमांडर सम्मेलन-2019 शुरू हुआ, जिसमें रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण मुख्य अतिथि के रूपमें शामिल हुईं। सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत किया। रक्षामंत्री ने वायुसेना कमांडरों को संबोधित किया और राष्ट्र की सेवा में वायु सैन्यकर्मियों के उच्चस्तरीय मानकों को बनाए रखने की सराहना की। रक्षामंत्री ने सफल बालाकोट स्ट्राइक तथा पाकिस्तानी कार्रवाई का माकूल जवाब देने के लिए वायुसेना की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि गगन शक्ति-2018 और वायु शक्ति-2019 के अभ्यासों के दौरान वायुसेना ने अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है, यही श्रेष्ठता बालाकोट स्ट्राइक और 27 फरवरी को हुई वायुसेना कार्रवाई में दिखाई पड़ती है।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय महासागर क्षेत्र में तथा मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों में वायुसेना की सक्रिय भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वायुसेना को विश्वस्तरीय आधुनिकतम तकनीक के साथ भविष्य की तैयारी करनी चाहिए और ऐसी तकनीकों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, जिन्हें भारत में विकसित किया जा सकता है। रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को बेहतर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें वायुसेना की अति महत्वपूर्ण जरूरतों के बारे में जानकारी है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि एक राष्ट्र के रूपमें हमें इन क्षमताओं का निर्माण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वायुसेना के सेवा में और अवकाश प्राप्त कर्मी भारत में रक्षा, निर्माण और उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने वायुसेना के सैन्यकर्मियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण की सराहना करते हुए कहा कि यह विंग कमांडर अभिनंदन के कार्यों और व्यवहार से भी परिलक्षित होता है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने कमांडरों को संबोधित करते हुए अंतरिक्ष, साइबर, सूचना प्रौद्योगिकी, एआई और ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमता को और बेहतर बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन की थीम अल्प और लंबी अवधि में युद्ध क्षमता को बेहतर बनाना है, जिसपर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाएगा। बालाकोट स्ट्राइक और 27 फरवरी को वायुसेना की कार्रवाई के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में भारतीय वायुसेना को उच्च तकनीक क्षमता वाली इकाई बनाने और आधुनिकतम हवाई तकनीकों पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए जाएंगे।