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Thursday 18 April 2019 03:29:38 PM
नई दिल्ली। हिंदी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से प्रकाशित डॉ वेदमित्र शुक्ल के ग़ज़ल संग्रह 'जारी अपना सफ़र रहा' का वरिष्ठ साहित्यकार रामदरश मिश्र के आवास पर लोकार्पण कार्यक्रम हुआ। रामदरश मिश्र ने इस अवसर पर युवा ग़ज़लकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी एक लोकतांत्रिक एवं समन्वयकारी भाषा है और एक विशेष भाषा एवं संस्कृति से उपजी ग़ज़ल विधा को सुंदरता के साथ हिंदी ने अपनाया है। उन्होंने कहा कि इन बातों की व्यवहारिकता और प्रमाणिकता इस ग़ज़ल संग्रह से सरलता से समझी जा सकती है।
रामदरश मिश्र ने ग़ज़ल संग्रह से कुछ ग़ज़लों का पाठ करते हुए इसे अपने समय और आस-पास के अनेक खुरदरे सत्य उद्घाटित करने वाला बताया। ग़ज़लों में व्याप्त अनुभव की व्यापकता और गहराई की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मूल्यवादी दृष्टि से ग़ज़लकार ने अपने अनुभवों को रचा है, संग्रह में अनेक नए काफिए और रदीफ़ भी प्रयुक्त किए गए हैं। ग़ज़ल संग्रह लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूपमें उपस्थित ग़ज़लकार नरेश शांडिल्य ने 'जारी अपना सफ़र रहा' की प्रतिनिधि रचनाएं पढ़ते हुए कहा कि पूरे ग़ज़ल संग्रह में हिंदी मिज़ाज को सफलतापूर्वक सहजता के साथ बनाए रखा गया है।
ग़ज़लकार नरेश शांडिल्य ने कहा कि ग़ज़ल संग्रह में संवेदना के स्तर पर दामन नहीं भिगोया होगा पर अंदर से रोया होगा और दो पंक्तियों में हिंदी कथा राजा के सिर पर सींग उगी, अब नाई मारा जाएगा जैसे अनेक उत्कृष्ट उदाहरण देखे जा सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन कवि और प्रसिद्ध कथाकार अलका सिन्हा ने किया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में सरस काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम में सरस्वती मिश्र, राजधानी महाविद्यालय के डॉ जसवीर त्यागी, ग़ज़लकार शशिकांत, हंसराज महाविद्यालय से डॉ गरिमा त्रिपाठी, रूपाभ शुक्ल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि डॉ वेदमित्र शुक्ल दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी महाविद्यालय दिल्ली में अंग्रेजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।