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Friday 19 April 2019 05:10:28 PM
नई दिल्ली। भारतीय रेल के सिग्नल्स इंजीनियर्स सेवा के अधिकारी एन काशीनाथ रेल बोर्ड के सदस्य सिग्नल और टेलीकॉम का पदभार संभाल लिया है। एन काशीनाथ भारतीय रेल की सिग्नल इंजीनियर्स सेवा के 1980 बैच के अधिकारी हैं। वे अगस्त 2018 से रेल बोर्ड में डीजी सिग्नल तथा टेलीकॉम के पद पर कार्यरत थे। एन काशीनाथ जबलपुर के गर्वमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स तथा टेलीकॉम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और 1980 में पास आउट करने के बाद लगभग डेढ़ वर्ष तक वह नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन में काम किया तथा फरवरी 1982 में रेलवे में शामिल हुए। एन काशीनाथ उत्तर रेलवे में शुरू की गई ट्रेन डिस्क्राइबर परियोजना, उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे के विभिन्न सेक्शनों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल की प्रारंभिक तैनाती तथा उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे में जीएसएमआर का इस्तेमाल करते हुए मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्यूनिकेशन परियोजना के सर्वेक्षण से जुड़े रहे हैं।
एन काशीनाथ को 2003 में दक्षिण रेलवे में चीफ सिग्नल इंजीनियर तथा चीफ सिग्नल तथा टेलीकॉम इंजीनियर (परियोजना) के रूपमें पदस्थापित किया गया था, जहां वह भारतीय रेल की पहली ट्रेन सुरक्षा चेतावनी प्रणाली परियोजना से जुड़े, यह परियोजना 2008 में चालू की गई थी। एन काशीनाथ 2010 में विशाखापत्तनम में मंडलीय रेल प्रबंधक रहे। वह 2012 में दक्षिण पूर्व रेलवे कोलकाता के मुख्य सुरक्षा अधिकारी बनाए गए। उन्होंने मेट्रो रेल कोलकाता के प्रधान मुख्य सिग्नल तथा टेलीकॉम इंजीनियर के रूपमें भी काम किया। अक्टूबर 2016 में उन्होंने अतिरिक्त सदस्य/ सिग्नल रेल बोर्ड के रूपमें काम किया और अगस्त 2018 में उन्हें डीजी सिग्नल तथा टेलीकॉम के रूपमें पदोन्नत किया गया।
भारतीय रेल की स्टोर्स सेवा के 1980 बैच के अधिकारी वीपी पाठक ने रेल बोर्ड के सदस्य मेटेरियल्सट तथा मैनेजमेंट का पदभार संभाला। इससे पहले वे 12 जून 2018 से रेल बोर्ड में महानिदेशक के रूपमें काम कर रहे थे और दिसंबर 2016 से चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के महाप्रबंधक थे। वीपी पाठक ने 1979 में इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वीपी पाठक ने पूर्व रेलवे, एनआर, एनसीआर कोर, एनईआर, एनडब्ल्यूआर, आरसीएफ, डीएलडब्ल्यू तथा सीएलडब्ल्यू में विभिन्न पदों पर कार्य किया। रेल बोर्ड के महानिदेशक के पद पर उनकी सेवा के दौरान भारतीय रेल ने स्क्रैप बिक्री से 4192 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। यह आय पिछले वर्ष की तुलना में 33.4 प्रतिशत अधिक थी। वीपी पाठक की ट्रेकिंग और संगीत में दिलचस्पी है।