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Saturday 20 April 2019 05:58:43 PM
मुंबई। भारतीय नौसेना स्टाफ के एडीसी प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने आज मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के प्रोजेक्ट 15 बी के तीसरे पोत गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर इम्फाल का उद्घाटन किया और कहा कि यह पोत भारत के स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण कार्यक्रम की श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एडमिरल सुनील लांबा ने एमडीएल, भारतीय नौसेना, डीआरडीओ, ओएफबी, बीईएल और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों एवं निजी उद्योग की सहक्रियात्मक भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रीय रणनीतिक उद्देश्यों और सैन्य स्तर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सबकी भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी तकनीक से लैस यह युद्धपोत देश की आत्मनिर्भरता का न सिर्फ एक महत्वपूर्ण संकेत है, बल्कि मेक इन इंडिया की सफलता का एक शानदार उदाहरण भी है।
एनडब्ल्यूडब्ल्यूए की अध्यक्ष रीना लांबाने समुद्री परंपराओं के अनुरूप युद्धपोत के अग्रिम हिस्से पर नारियल तोड़कर अथर्ववेद के मंत्रों के उच्चारण के साथ इसका शुभारंभ किया। इस दौरान 3,037 टन वजन का यह युद्धपोत प्रथम बार करीब 1220 घंटे तक जल में रहा है। प्रोजेक्ट 15 बी के युद्धपोतों में अत्याधुनिक उन्नत तकनीक की सुविधा है और ये विश्व में अपनी श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ युद्धपोतों के समान हैं। इन युद्धपोतों को नई दिल्ली में नौसेना डिजाइन निदेशालय ने स्वदेश में तैयार किया है। प्रत्येक युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर और बीम पर 17.4 मीटर है और इसकी क्षमता 7,300 टन है। इन युद्धपोतों को 30 नॉटिकल मील से अधिक की गति देने के लिए इसमें चार गैस टर्बाइनों का उपयोग किया जाएगा।
इन युद्धपोतों को बेहतर सुविधा, समुद्री क्षमता, स्टेल्थ और युद्ध के समय इसके बेहतर उपयोग की अवधारणाओं को ध्यान में रखते हुए नए डिजाइन के साथ तैयार किया गया है। युद्धपोत में बेहतर स्टील्थ विशेषताओं को शामिल करने के साथ-साथ इसमें रडार पारदर्शी डेक फिटिंग्स का उपयोग भी किया गया है, जिससे इन युद्धपोतों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। इन युद्धपोतों में दो बहुआयामी हेलीकॉप्टरों को संचालित करने की भी सुविधा उपलब्ध है। युद्धपोतों को अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस किया गया है, जिसमें बहुकार्यात्मक निगरानी रडार, समुद्रीय और हवाई लक्ष्यों को भेदने वाली मिसाइल प्रणाली शामिल हैं।