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आयुष मंत्रालय और सीएसआईआर में समझौता

परम्‍परागत ज्ञान से प्रेरित दवाइयों पर अनुसंधान और विकास

भारतीय चिकित्सा प्रणालियों को जानने में दुनियाभर की रुचि

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 23 April 2019 03:44:47 PM

agreement between the ayush ministry and csir

नई दिल्ली। भारत सरकार में आयुष मंत्रालय और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के मध्‍य चिकित्‍सा की परंपरागत प्रणालियों के क्षेत्रों में अनुसंधान विकास और शिक्षा तथा इसके आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकरण में सहयोग के लिए एक समझौता हुआ है, जिसपर दोनों संगठनों के वरिष्‍ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी मांडे ने हस्‍ताक्षर किए। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने इस अवसर पर कहा कि दुनियाभर में परम्‍परागत दवाओं के बारे में बढ़ती रुचि के कारण इस विज्ञान को अपनाने के लिए बहुस्तरीय और नवाचारी दृष्टिकोणों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि परम्‍परागत स्वास्थ्य सेवा और आधुनिक बुनियादी विज्ञान के संयोजन से नवाचारी और अग्रणी अनुसंधानों की व्‍यापक संभावना है, जिसका विभिन्न बुनियादी अवधारणाओं की व्याख्या करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी मांडे ने आयुष मंत्रालय और सीएसआईआर के बीच चल रही परियोजनाओं और कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मौलिक विज्ञान और वैद्यता के लिए विभिन्‍न संयुक्‍त अनुसंधान एवं विकास प्रयासों से दोनों संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ाकर उत्‍पाद विकास के द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा और यह क्षेत्र केवल राष्‍ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी महत्‍वपूर्ण क्षेत्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अंतर मंत्रालयीय सहयोग से भविष्‍य में किए जानेवाले प्रयासों में परम्‍परागत ज्ञान से प्रेरित दवाइयों की खोज और विकास तथा फूड एज मेडिसिन जैसी अवधारणाओं को सक्षम और सुविधाजनक बनाने में डेटा माइनिंग एंड एनालिटिक्स एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अनुसरण शामिल है।
सीएसआईआर ने आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर परम्‍परागत ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी भी विकसित की है, जो जैव चोरी और परम्‍परागत ज्ञान के दुरुपयोग को रोकने के लिए भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के बारे में विश्व स्तरपर मान्यता प्राप्त ट्रेडमार्क युक्‍त डेटाबेस है। सीएसआईआर की घटक प्रयोगशालाओं और आयुष मंत्रालय की परिषदों ने औषधीय पौधों की उन्नत किस्मों के विकास और उन्‍हें उगाने के बारे में एक-दूसरे की काफी मदद की है। इन औषधीय पौधों में दुर्लभ, लुप्‍त प्राय: और खतरे की स्थिति में पहुंच चुकी प्रजातियां, वनस्‍पति संदर्भ मानक और फार्माकोपियाल मानक,आयर्गेनॉमिक्स तथा अन्‍य मानक शामिल हैं।

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