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Monday 29 April 2019 03:56:00 PM
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान 'फानी' पर अलर्ट जारी किया है। दक्षिणी राज्यों और बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान फानी पिछले 6 घंटों के दौरान 4 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर दिशा की ओर बढ़ गया है और आज सुबह 8:30 बजे यह 8.7 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 86.9 डिग्री पूर्वी देशांतर पर बंगाल की खाड़ी में दक्षिण पूर्व दिशा की ओर श्रीलंका के त्रिंकोमाली से 620 किलोमीटर पूर्व में और चेन्नई से 870 किलोमीटर दूर पूर्व एवं दक्षिण पूर्व तथा आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से 1040 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में था। मौसम विभाग का कहना है कि फानी अगले छह घंटों के दौरान भीषण चक्रवाती तूफान तथा अगले 24 घंटे में बेहद भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। फानी 1 मई की शाम तक उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए उत्तर पूर्व दिशा की ओर मुड़ जाएगा।
मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवाती तूफान फानी के कारण आज और 30 अप्रैल को तटीय तमिलनाडू, दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश और केरल में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय इलाकों और ओडिशा के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में 2 मई को हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। ओडिशा के तटवर्तीय इलाकों और उससे सटे आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटवर्ती जिलों में 3 मई से तेज से बहुत तेज बारिश हो सकती है। पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिलों में भी 3 मई से कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर तेज बारिश होने की संभावना है। चक्रवाती तूफान फानी के कारण बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व और उसके आसपास के क्षेत्रों में 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही तेज हवाएं 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार भी पकड़ सकती हैं, तीस अप्रैल की सुबह से हवा की रफ्तार बढ़कर 120 से 145 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। एक मई की शाम से बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और पास के पश्चिम मध्य क्षेत्र में तथा तमिलनाडू के पूर्वी हिस्से तथा पुद्दुचेरी और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटवर्ती क्षेत्रों में 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटीय तथा कोमोरिन क्षेत्र और मन्नार की खाड़ी में आज सुबह से 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली है और कल सुबह तक इसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाने की संभावना है। तीस अप्रैल की शाम से उत्तर-तमिलनाडु एवं पुदुचेरी और इससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश के जिलों के तटों पर हवा की रफ्तार 50-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्वी हिस्से और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति भी खराब है, समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं और कल से तीन मई के बीच बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य क्षेत्र, आंध्रप्रदेश के तटवर्ती इलाकों, पुद्दुचेरी एवं आंध्र प्रदेश के दक्षिणी व उत्तरी तटवर्ती क्षेत्रों और ओडिशा के तटीय इलाकों में समुद्र की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाने की आशंका है। मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी एवं दक्षिण पूर्वी क्षेत्र भूमध्यरेखीय हिंद महासागर व श्रीलंका से सटे समुद्री क्षेत्र और ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में न जाएं और वे मछुआरे जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए जा चुके हैं, उन्हें तुरंत वापस लौट आने को कहा है।
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने भी चक्रवाती तूफान फानी से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों ने वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया। संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे। बैठक के दौरान सभी राज्य सरकारों के अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए अपनी तैयारियों का ब्यौरा दिया। अधिकारियों ने बताया कि 14 जून तक समुद्र में मछली पकड़ने पर मौसमी प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि इस मौसम में मछलियां अंडे देती हैं। राज्य सरकारों से कहा गया कि वे प्रतिबंध को कारगर तरीके से लागू करें। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को आश्वस्त किया कि उनके आग्रह के अनुसार एसडीआरएफ की पहली किस्त अग्रिम रूपमें जारी कर दी जाएगी।
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान फानी इस समय चेन्नई के दक्षिण-पूर्व में 880 किलोमीटर की दूरी पर है। आशंका है कि 30 अप्रैल 2019 तक इसमें तेजी आएगी और तूफान भीषण रूप ले सकता है। तूफान 1 मई तक उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ेगा और उसके बाद धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व की तरफ घूम जाएगा। सरकार पूर्वीतट के राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव की कड़ी निगरानी कर रही है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और तट रक्षक को हाई अलर्ट पर रख दिया गया है। मौसम विभाग हर 3 घंटे पर संबंधित राज्यों को मौसम संबंधी जानकारियां प्रदान कर रहा है। गृह मंत्रालय संबंधित राज्य सरकारों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति प्रधानमंत्री के निर्देशों का पालन कर रही है, जो हालात पर लगातार नज़र बनाए हुए है।