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Saturday 4 May 2019 02:10:34 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंध अकादमी ने उत्तर प्रदेश संवर्ग 2017 के आईएएस अधिकारियों के 16वें संस्थागत प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली से रू-ब-रू कराने एवं प्रशिक्षण के लिए 16 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को पुलिस महानिदेशक कार्यालय से सम्बद्ध किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 6 महिला अधिकारी एवं 10 पुरुष अधिकारी सहित 16 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी शामिल हुए हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने इन्हें पुलिस की कार्यप्रणाली की बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस जनशिकायतों के त्वरित समाधान करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग किया जा रहा है, जो जनता के साथ जवाबदेही एवं आपसी विश्वास बढ़ाने में उपयोगी और सहायक सिद्ध हो रहा है।
यूपी 100 के सभागार लखनऊ में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीजीपी ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव के कारण जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आधुनिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से समय की बचत के साथ-साथ त्वरित कार्रवाई में भी सहायता मिलती है, क्योंकि सोशल मीडिया एक व्यवस्थित प्रणाली है और पीड़ित के टेक्सट मैसेज के माध्यम से समस्या को पोस्ट करने से प्रत्येक स्तर पर उसकी मानिटरिंग कर समस्या का समाधान करने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि इससे अन्य विभागों में भी सोशल मीडिया तकनीकी का प्रयोग आमजन की समस्याओं के समाधान में सहायक सिद्ध होगा। डीजीपी ने कहा कि राजस्व सम्बंधी प्रकरणों में आपसी सहयोग से कार्य करने पर राजस्व समस्याओं पर और अधिक प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि राजस्व प्रकरणों का सही से या निष्पक्ष रूपसे निस्तारण न होने के कारण हत्याएं बलवा और बड़ी-बड़ी हिंसक घटनाएं सामने आती रहती हैं।
डीजीपी ओपी सिंह ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को सलाह दी कि तहसील दिवस पर आने वाले प्रकरणों को आपसी सहयोग से निवारण किया जाए तथा उन प्रकरणों की समीक्षा भी समय-समय पर की जाए, क्योंकि अनुभव में आया है कि राजस्व प्रकरणों का कानून व्यवस्था से गहरा संबंध है और ये मामले विधिक और शांति व्यवस्था को प्रभावित करते हैं। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने कानून एवं व्यवस्था पर विस्तृत व्याख्यान दिया और जिले में जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक तथा एसडीएम, क्षेत्राधिकारी पुलिस के रोल को रेखांकित किया। कानून एवं व्यवस्था तंत्र जनपद में कैसे काम करता है और जमीन सम्बंधी विवादों पर भी प्रकाश डालते हुए उन्होंने राजस्व एवं पुलिस के रोल को रेखांकित किया। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने प्रशिक्षु अधिकारियों के सामने कानून व्यवस्था मैकेनिज्म, चुनाव और दूसरे विभागों की भूमिका के सम्बंध में अपने अनुभव रखे। प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों की जिज्ञासाओं और प्रश्नों के भी पुलिस अधिकारियों ने जवाब दिए।
एन चौधरी पुलिस महानिरीक्षक पीएसी ने पीएसी के व्यवस्थापन एवं उनकी कार्यप्रणाली के सम्बंध में प्रशिक्षु अधिकारियों को अवगत कराया। कुंतल किशोर पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था मैकेनिज्म पर तथा रोहन पी कनय पुलिस अधीक्षक चुनाव प्रकोष्ठ ने चुनाव सम्बंधी बिंदुओं पर अपने-अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंध अकादमी का यह प्रयोग निश्चित रूपसे आईएएस प्रशिक्षुओं के लिए बहुत उपयोगी होगा, क्योंकि स्थानीय प्रशासन में प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की संयुक्त भूमिका होती है। देखने में आया है कि स्थानीय प्रशासन में तालमेल के अभाव और अहं के कारण जनता से जुड़ी समस्याओं का समाधान या तो भटक जाता है या लम्बित रह जाता है। ऐसे हजारों प्रकरण हैं, जो इस तथ्य की पुष्टि करते हैं और जबतक जिम्मेदारी निश्चित करने का समय आता है तो गुटबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप शुरु हो जाते हैं। गौरतलब है कि राजस्व प्रकरणों का सही से या निष्पक्ष रूपसे निस्तारण न होने के कारण हत्याएं बलवा और बड़ी-बड़ी हिंसक घटनाएं सामने आती रहती हैं। इस अवसर पर संजय सिंघल अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे, डीके ठाकुर अपर पुलिस महानिदेशक यूपी 100 और उच्चाधिकारी उपस्थित थे।