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Sunday 5 May 2019 01:33:47 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया है कि वे लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सदैव प्रयासरत रहें और प्रतिनिधित्व करने वाली संस्थाओं की गरिमा बनाए रखें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जनप्रतिनिधि लोगों के द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करें और राष्ट्र निर्माण की दिशा में सांसद, विधायक और स्थानीय निकाय के सदस्य अपने कार्यकाल का इष्टतम उपयोग करें। उपराष्ट्रपति ने ये बातें नई दिल्ली में रायतू नेसाम पब्लिकेशंस की प्रकाशित तेलुगु पुस्तक 'ग्रामीण प्रजावनी-सुनकारा सत्यनारायण शासन मंडली प्रसांगलु' (आंध्र प्रदेश विधानसभा में सुनकारा सत्यनारायण के भाषण) का विमोचन करने के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सत्यनारायण जैसे लोगों ने अपने वाक कौशल और लोगों के प्रति समपर्ण की अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से विचार-विमर्श के स्तर को व्यापक और समृद्ध बनाया।
उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश विधानसभा में विधायक के रूपमें अपने दिनों का स्मरण करते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि युवा पीढ़ी श्रीतेन्नेती विश्वनाधाम, श्रीगोथू लताचन्ना, श्रीपुचलपल्ली सुंदरराय और श्रीसुनकारा सत्यनारायण जैसे विख्यात विधायकों के भाषणों को सुनें और उनसे ज्ञान अर्जित करें। वेंकैया नायडू ने जनप्रतिनिधियों से सार्वजनिक जीवन में उपयोगी महत्व के विषयों जैसे कृषि, शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा और योजनाओं के प्रभावी कार्यांवयन की अपील की। उन्होंने राजनीतिक दलों, संसद सदस्यों और विधायकों से रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए अपने दृष्टिकोण का पुर्नमूल्यांकन करने का आह्वान करते हुए कहा कि विधानसभाओं में बहस के स्तर को उच्च बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं जैसे संस्थानों की पवित्रता को बनाए रखना जनप्रतिनिधियों का प्रथम कर्तव्य है।
वेंकैया नायडू ने संसद और विधानसभाओं की कार्यवाही में बढ़ते व्यवधानों पर चिंता व्यक्त की और सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने सदस्यों के लिए एक आचार संहिता तैयार करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विधानसभाओं में सार्थक बहस हों। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया भी लोगों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले व्यक्तियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर रचनात्मक बहस प्रसारित करें। इस अवसर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, केवी चौधरी केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, डॉ लक्ष्मी प्रसाद, के हरि बाबू संसद सदस्य, डॉ सूर्य राव, कर्णति वेंकटेश्वर राव और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।