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भारत, वियतनाम का विश्‍वसनीय सहयोगी-नायडू

वियतनाम के नेताओं से वार्ता और सम्‍मान भोज में भाग लिया

वियतनाम के राष्‍ट्रपति को भारत आने का निमंत्रण भी दिया

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Friday 10 May 2019 06:45:52 PM

vice president m. venkaiah naidu and vice president of vietnam

हनोई/ नई दिल्ली। उपराष्‍ट्रपति एम वें‍कैया नायडू ने वियतनाम की उपराष्‍ट्रप‍ति डांग थी न्गोक थिन्ह, नेशनल असेम्‍बली की अध्‍यक्षगुयेन थी किम नगन और वियतनाम के कई अन्‍य शीर्ष नेताओं के साथ विभिन्‍न मुद्दों पर उच्‍चस्‍तरीय वार्ता की और सम्‍मान भोज में भाग लिया। गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति वियतनाम की चार दिवसीय सरकारी यात्रा पर हैं। उन्होंने राष्‍ट्रीय सम्‍प्रभुता और अंतर्राष्‍ट्रीय कानूनों का सम्‍मान करते हुए एक शांतिपूर्ण और समृद्ध एशिया प्रशांत क्षेत्र के निर्माण के महत्‍व पर जोर दिया और यह उम्‍मीद जताई कि सम्‍बंधित देश दक्षिण चीन सागर क्षेत्र से जुड़ी अपनी गतिविधियों के बारे में आम सहमति से कोई रास्‍ता निकालेंगे। वेंकैया नायडू की उपराष्‍ट्रपति डांग थी न्गोक थिन्ह के साथ चर्चा में द्विपक्षीय और बहुस्‍तरीय सहयोग से जुड़े विभिन्‍न मुद्दों पर बातचीत हुई।
वियतनाम की उपराष्‍ट्रपति के साथ एक संयुक्‍त प्रेस वक्‍तव्‍य में उपराष्‍ट्रपति वें‍कैया नायडू ने कहा कि भारत और वियतनाम अबाधित आर्थिक गतिविधियां संचालित करने, समुद्र और वायुमार्ग से आवागमन की सुविधाएं विकसित करने तथा आपसी विवादों का अंतर्राष्‍ट्रीय नियमों के अनुसार पूरे खुलेपन और पारदर्शी तरीके से समाधान तलाशने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वें‍कैया नायडू ने विश्‍वास जताया कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत से भारत और वियतनाम के द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच शीर्ष नेताओं की उच्‍चस्‍तरीय यात्रा इस बात का स्‍पष्‍ट संकेत हैं कि ये देश अपने रणनीतिक सम्‍बंधों को और मजबूत बनाना चाहते हैं और भारत, वियतनाम के विकास में एक विश्‍वसनीय सहयोगी बना हुआ है। उन्होंने वियतनाम को भारत की एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी का मजबूत रणनीतिक स्‍तम्‍भ बताया और कहा कि वियतनाम के विकास के लिए भारत पहले से भी ज्‍यादा मजबूती के साथ खड़ा है।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि दोनों देश रक्षा और संरक्षा, बाह्यअंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, तेल एवं गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, ढांचागत विकास तथा कृषि और नवाचार आधारित क्षेत्रों में परस्‍पर सहयोग को और मजबूत बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा और संरक्षा सहयोग पहले से ही काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि भारत, वियतनाम की सशस्‍त्र सेनाओं को प्रशिक्षण में मदद करता है और वियतनाम के तटरक्षक बलों के लिए गश्‍ती जहाज के निर्माण के लिए 10 करोड़ डॉलर के ऋण सुविधा प्रदान की है। वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार 2016 में 7.8 अरब डॉलर था, जो पिछले साल दोगुना होकर करीब 14 अरब डॉलर हो गया था। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि 2020 तक यह 15 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। उपराष्‍ट्रपति ने दोनों देशों के बीच व्‍यापार बाधाओं को दूर कर मुक्‍त व्‍यापार की सुविधा दिए जाने की वकालत की।
वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत और वियतनाम के पास द्विपक्षीय व्‍यापार को बढ़ाने की पर्याप्‍त क्षमताएं मौजूद हैं। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा शुरू करने के इंडिगो एयरलाइन की योजना का वह काफी उत्‍सुकता के साथ प्रतीक्षा कर रहे हैं, इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार के साथ ही पर्यटकों के आवागमन में भी वृद्धि होगी। उपराष्‍ट्रपति ने आश्‍वासन दिया कि भारत आईटीईसी कार्यक्रम और भारतीय सांस्‍कृतिक सम्‍बंध परिषद के दीर्घ और अल्‍पवधि वाले स्‍कॉलरशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखेगा। वेकैया नायडू ने वियतनाम के उपराष्‍ट्रपति को भारत आने का न्‍यौता दिया, जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार कर लिया है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भोज में परोसे गए पारंपरिक वियतनामी व्‍यंजनों तथा संगीत की प्रस्‍तुति की भी प्रशंसा की। इससे पहले उन्होंने वियतनाम के वीरों और शहीदों को राष्‍ट्रीय स्‍मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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