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Saturday 11 May 2019 03:47:37 PM
कपूर यानी कैम्फर। इसे जनसामान्य में 'कपूर' के नाम से ज्यादा लोकप्रियता प्राप्त है और यह मनुष्य के जीवन में औषधि जगत का एक शानदार उत्तरदान है। भारतीय घरों में यह एक आध्यात्मिक सुगंध है। पूजा से लेकर स्किन केयर तक, रूम फ्रेशनर से लेकर एसेंशियल ऑयल तक कपूर का इस्तेमाल अलग-अलग रूपों में किया जाता है। कपूर की खुशबू भी जबरदस्त चिकित्सकीय गुणों से भरी है और इसे सकारात्मक वायु के साथ तनाव, चिंता एवं अवसाद को कम करने के लिए भी जाना जाता है। कपूर सर्वत्र चमत्कारी है। चिकित्सकों का कहना है कि इसकी विशेषताओं का कोई पार नहीं है। आयुर्वेद में इसका जगह-जगह उल्लेख मिलता है। होम्योपैथी यूनानी और एल्योपैथी में रोगानुसार इसके प्रयोग के विभिन्न तरीके बताए गए हैं।
चिकित्सा विज्ञान में कपूर का उपयोग शरीर में खुजली-खाज तक पर किया जाता है। थोड़े से पानी में मिश्रित खाद्य कपूर संक्रमित क्षेत्र के लिए जादू की तरह काम कर सकता है, लेकिन खुले घाव और चोट पर कपूर का उपयोग वर्जित है। घर पर बने कपूर के तेल का उपयोग गर्भावस्था की अकड़न के इलाज के लिए किया जाता है। सिंथेटिक कपूर को सरसों के तेल या नारियल के तेल के साथ गर्म करें, जब यह ठंडा हो जाए तो पैरों पर मालिश करें, यह तुरंत तनाव से राहत प्रदान करेगा। मिर्गी, हिस्टीरिया, गठिया और अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए कपूर के धुएं को सूंघना फायदेमंद हो सकता है। नारियल के तेल में मिलाकर इसका उपयोग त्वचा और बालों की समस्याओं, एक्जिमा, जलने के निशान, बालों का झड़ना, गंजापन आदि के इलाज के लिए किया जाता है। यदि कपूर को नारियल या जैतून के तेल के साथ मिलाकर बाहरी त्वचा पर लगाया जाए तो यह स्वाभाविक रूपसे कोलेजन का निर्माण बढ़ाता है और त्वचा में कसावट लाता है, महीन रेखाओं को हटा देता है, लेकिन ध्यान रखें कि ऐसे मामलों में कपूर शुद्ध हो न कि बाज़ार में उपलब्ध इंडस्ट्रियल श्रेणी का कपूर।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ रेणु गुप्ता कृत्रिम कॉस्मेटिक्स के बजाय प्राकृतिक तरीकों को अपनाने का परामर्श देती हैं। उनके अनुसार कपूर के साथ यदि अन्य औषधीय तेलों का प्रयोग किया जाए तो यह त्वचा और बालों की सामान्य समस्याओं से बचाने और उन्हें ठीक करने में काफी असरदार साबित हो सकता है, यह कृत्रिम सौंदर्य प्रसाधनों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावी होता है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। कपूर के दैनिक रूपसे उपयोग के अनेक लाभ हैं जैसे-कपूर का उपयोग अनेक एंटी एजिंग क्रीम्स और लोशंस में होता है, क्योंकि इसमें मौजूद कोलेजन में त्वचा को जवां बनाए रखने की अद्भुत क्षमता होती है। एंटी एजिंग लाभों के लिए कपूर के उपयोग का सबसे अच्छा तरीका है कि थोड़ेसे कपूर को नारियल के शुद्ध तेल में मिलाएं और बाहरी अंगों पर इसका उपयोग करें। जलने से होने वाले दागों को दूर करने के लिए कपूर सबसे अच्छा होता है। थोड़े से कपूर को पानी में मिलाएं और इसे जले हुए अंग पर हर रोज लगाएं। ध्यान रखें कि हाल ही में जले शरीर के अंग पर इसे न लगाएं, इससे सूजन हो सकती है। मुंहासे की समस्या काफी सामान्य है, लगभग हर किसी को कभीन कभी इसका सामना करना पड़ता है। कपूर के औषधीय गुणों के जानकार इसे कील-मुंहासे के उपचार के लिए सर्वोत्तम बनाते हैं, इसके लिए कपूर का तेल अत्यंत उपयोगी है। मुंहासों के उपचार के लिए क्यूटिप के जरिए कपूर के तेल को मुंहासे पर लगाएं।
कपूर फटी हुई एड़ियों को ठीक करने में भी सहायक है। इसके लिए बाल्टी में थोड़ा पानी लें और इसमें थोड़ा कपूर घोल लें। इस पानी में पैरों को कमसे कम 10 मिनट तक डुबोए रखें, फिर प्युमिस स्टोन की मदद से अपने पैरों को धीरे-धीरे रगड़ें। इससे मृत त्वचाएं हट जाएंगी। औषधीय तेलों के साथ कपूर का उपयोग बालों की वृद्धि में भी काफी सहायक है। बालों को जड़ों से मजबूत करने में कपूर का तेल काफी असरकारक होता है। कपूर के तेल, दही और अंडे को मिलाकर हेयर मास्क भी तैयार कर सकते हैं। इस मास्क को स्कैल्प और बालों पर हफ्ते में एक बार लगाएं। यह बालों को मजबूत बनाने के अलावा बालों के बढ़ने में भी मदद करता है, जिससे बालों का झड़ना कम हो जाता है। बालों के झड़ने की समस्या में कपूर से स्कैल्प की मालिश करें, लेकिन इसे नारियल या जैतून के तेल में ज़रूर मिलाएं। कपूर को कीट निवारक, एयर फ्रेशनर और क्लीनर के रूपमें उपयोग करना अच्छा उपाय है। घर के अंदर से मच्छरों को भगाने के लिए कपूर एक प्रभावी विकल्प हो सकता है। यही नहीं यूकेलिप्टस और सैंटरोनेला जैसे पौधों के साथ कपूर भी उच्चकोटि का मच्छर निरोधक है। इसकी खास तरह की गंध मच्छरों को दूर भगाती है। बंद कमरे में जलते शुद्ध कपूर से निकलने वाला तीखा धुआं मच्छरों के विरुद्ध शक्तिशाली निवारक का काम करता है। कमरे के कोने में कपूर की एक गोली रखने पर भी आपको ऐसे ही परिणाम मिलेंगे। कोने पर रखे-रखे 1 दिन में उड़ जाएगा और हवा को शुद्ध व कमरे को मच्छर मुक्त रखेगा।
भीमसेनी कपूर का मच्छरों के विरुद्ध इस्तेमाल का ज्यादा व्यवहारिक तरीका यह है कि कमरे के बंद हवा वाले कोने में कांच की कटोरी या प्याले में पानी रखें और इसमें कपूर के पिसे हुए टुकड़े डाल दें। कपूर इसमें घुल जाएगा, कुछ दिनों के अंतराल में उसमें कपूर के टुकड़े डालते रहें, पुराने हो चुके पानी को फेंके नहीं, बल्कि फर्श धोने या पोछा लगाने में इसका इस्तेमाल करें। मच्छरों को भगाने वाले बाज़ार में मौजूद क्वायल या उपकरण काफी हानिकारक होते हैं, इनसे एलर्जी का खतरा रहता है। टेबलेट के रूपमें उपलब्ध कपूर को मच्छर भगाने वाले उपकरण के साथ उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह इसमें आसानी से इंसर्ट हो सकता है, खासकर उन उपकरणों में जिनमें मैट का उपयोग किया जाता है। कपूर की मदद से खटमल और चींटियों को भी दूर रखा जा सकता है। बिस्तर के गद्दे के चारों कोनों के नीचे कपूर रखें। इसकी गंध खटमल को मार देगी, वहीं घर में कपूर का छिड़काव करने या कपूर आधारित क्लीनर से सफाई करने पर चींटी और अन्य कीट कीड़े मकोड़े भी नहीं आएंगे। यह मान्यता है कि शुद्ध कपूर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। कपूर एक रासायनिक तत्व है, जो गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। शुद्ध कपूर ही इस्तेमाल करें। बाजार में मिलने वाले औद्योगिक उपयोग वाले कपूर का उपयोग न करें।