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Saturday 11 May 2019 06:27:37 PM
नई दिल्ली। अमेरिका का भारत को मिलने वाला पहला गार्जियन हेलीकॉप्टर एएच-64ई (I)-अपाचे औपचारिक रूप से 10 मई 2019 को अमेरिका के मेसा एरिज़ोना में भारतीय वायुसेना को सौंप दिया गया। एयर मार्शल एएस बुटोला ने भारतीय वायुसेना का प्रतिनिधित्व करते हुए अमेरिका के बोइंग उत्पादन केंद्र में आयोजित एक समारोह में अपाचे हेलीकॉप्टर को स्वीकार किया। इस अवसर पर अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और मेसर्स बोइंग लिमिटेड के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। अपाचे हेलीकॉप्टर एक जांबाज़ युद्धक हेलीकाप्टर है, जिसका दुनिया के देश भी लोहा मानते हैं।
अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले जत्थे को इस वर्ष जुलाई तक भारत भेजने की योजना है। भारतीय वायुसेना के चयनित वायु और थल कर्मियों ने अलबामा में अमरीकी सेना के बेस फोर्ट रकर में इसका प्रशिक्षण लिया है। प्रशिक्षण प्राप्त ये कर्मी भारतीय वायुसेना में अपाचे बेड़े का नेतृत्व करेंगे। एएच-64 ई (आई) हेलीकॉप्टर का भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर बेड़े में शामिल हो जाना भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपाचे हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है, खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में इसकी क्षमता महत्वपूर्ण होगी।
अपाचे हेलीकॉप्टर में सीमाओं पर सटीक हमले करने और जमीन से होने वाले खतरों के साथ-साथ हवाई क्षेत्र में शत्रुतापूर्ण कार्रवाई से निपटने की अपार क्षमता है। इस हेलिकॉप्टर के माध्यम से युद्ध की तस्वीर प्राप्त करने और भेजने के साथ-साथ डेटा नेटवर्किंग के माध्यम से हथियार प्रणालियों को संचालित भी किया जा सकता है। अपाचे हेलीकॉप्टर हमले के समय थल सेना को संयुक्त अभियानों में भी महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे। भारत को अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने से पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ गई हैं। पाकिस्तान के पास अपाचे हेलीकॉप्टर का मुकाबला करने का कोई हथियार नहीं है। रक्षा मामलों में पाकिस्तान की निर्भरता चीन पर है और चीन पाकिस्तान को कोई ऐसा हथियार नहीं दे सकता, जो पाकिस्तान को उसके बराबर शक्तिवान बनाता हो।