मुंबई फिल्मों में अक्सर एक छोटा सा बच्चा फुटपाथ पर बूट-पॉलिश करता है और उसके सामने पॉलिश का पैसा फेंक देने पर वह स्वाभिमान में अकड़ते हुए डॉयलॉग बोलता है कि 'साहब वह मेहनत का पैसा ले रहा है न कि कोई भीख।' बूट-पॉलिश कराने वाला साहब उससे प्रभावित होता है और फिर उसके हाथ में पैसे दे देता है। वास्तविकता देखनी हो तो मुंबई आइए जहां...
नौकरशाही को उसका धर्म बताना या उनके कर्त्तव्यों और कार्यप्रणाली पर टीका टिप्पणी करना या सलाह देना उनके 'ईगो' को सीधे चोट पहुंचाना समझा जाता है। ये अपने स्वार्थ या किसी दबाव में ही अक्सर काम करते देखे जाते हैं। यही कार्य प्रणाली आज इनके लिए मुसीबत बन गई है। वास्तव में उत्तर प्रदेश में नौकरशाहों की गुलामों से भी बदतर स्थिति...
सास गारी देवे, देवर जी समझा लेवे, ससुराल गेंदा फूल.... में रायपुर का भी जिक्र आता है। इस गाने के बोल छत्तीसगढ़ी भाषा में हैं, जिसे पहली बार रायपुर की ही प्रसिद्ध जोशी बहनों ने गाया है। हालांकि अब जोशी बहनों को दुख है कि इस गीत को फिल्मकार ने छत्तीसगढ़ को क्रेडिट नहीं दिया है। अगर ऐसा होता तो और अच्छा होता, मगर उन्हें इसका ज्यादा...
गांधीजीBapu इस मामले में बहुत साफ थे कि सिर्फ अंग्रेजों के देश के चले जाने से भारत को सही स्वराज्य नहीं मिल सकता, वे साफ कहते हैं कि हमें पश्चिमी सभ्यता के मोह से बचना होगा। पश्चिम के शिक्षण और विज्ञान से गांधी अपनी संगति नहीं बिठा पाते। वे भारत की धर्मपरायण संस्कृति में भरोसा जताते हैं और भारतीयों से आत्मशक्ति के उपयोग...
वायुयान से देवदूतों की तरह रायपुर की धरती पर उतरने वाले बुध्दिजीवी, बस्तर के गांवों के दर्द को नहीं समझ सकते। आंखों पर जब खास रंग का चश्मा लगा हो, तो खून का रंग नहीं दिखता। वे लोगों के गांव छोड़ने से दुखी हैं, लेकिन कोई किस पीड़ा, किस दर्द में अपनी आत्मरक्षा के लिए अपना गांव छोड़ता है, इस संदर्भ को नहीं जानते। सलवा-जुड़ूम...
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सड़कों के रखरखाव पर सालाना करोड़ों रूपए की धनराशि खर्च करने पर भी सड़कों की स्थिति बहुत दयनीय है। इन सड़कों पर भीषण दुर्घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। हर साल सैकड़ों लोग इन हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। यहां आने वाले पर्यटक और तीर्थयात्री पहाड़ों की लाजवाब प्राकृतिक छटा के साथ ही इन कष्टदाई...
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार यह तय करे कि अब किसी सार्वजनिक स्थान या सड़क पर मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरूद्वारा नहीं बनेगा अगर सार्वजनिक स्थान पर इनमे से एक भी निर्माण हुआ तो संबंधित अधिकारी को समुचित सजा दी जाएगी। इस महाआदेश के लिए हम उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं। केंद्र सरकार इस मामले पर यदि राज्यों के साथ सहमति बनाने...
भारतीय रेल मंत्रालय के रेलवे बोर्ड की एकमात्र मासिक हिंदी पत्रिका भारतीय रेल अगस्त-2009 को अपनी गौरवशाली यात्रा की स्वर्ण जयंती मना रही है। बीते पांच दशक में इस पत्रिका ने रेलकर्मियों सहित पाठक वर्ग में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम की है। इस अवधि में जहां भारत सरकार की कई पत्रिकाएं बंद हो गईं या बहुत सीमित दायरे तक पहुंच...
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक जांच के आदेश तो दिए हैं, लेकिन जांच के निष्पक्ष होने पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। अब सवाल सिर्फ अस्थाना की मौत की जांच का नहीं है बल्कि न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता पर उंगलियां उठ रही हैं। सूचना के अधिकार की परिधि में जज साहब क्यों नहीं आते हैं? सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की क्या प्रक्रिया...
जलवायु परिवर्तन को आज मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है। माह दिसम्बर 2009 में ही डेनमार्क, कोपेहेगन में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन समझौते को इसे रोकने की दिशा में मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है। धरती की सतह पर बढ़ते तापमान को दो डिग्री सेंटीग्रेड से कम रखने के लिए पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय शासकीय, आर्थिक और शैक्षिक स्तरों पर इसे लेकर विचार-विमर्श...
'निशंक' के सामने उत्तराखंड के भाजपा के शीर्ष नेताओं में सामंजस्य स्थापित करके चलने की जरूरत है जिसमें भगत सिंह कोश्यारी को भी संतुष्ट रखना होगा। इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य में एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा यहां तभी जनता का खोया हुआ विश्वास हासिल कर सकती है जब उसके लीडर राजनीति के 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम' से चलेंगे...
इच्छा शक्ति हो तो पलायन रुक सकता है और इसके साथ ही रुक सकता है लोगों के लापता होने का यह अंत हीन और दुखद सिलसिला जोकि छत्तीसगढ़ जैसे विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक राज्य को कहीं न कहीं शर्मशार करता है। यहां के सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों के लिए यह एक चुनौती है कि वे अपने राज्य के बारे में उन गलत धारणाओं को खत्म करने के लिए गम्भीर पहल करें क्योंकि अकेले पुलिस और प्रशासन के पास ही सारी सामाजिक...
विविधताओं से भरे देश में किसी संदेश का आख़िरी आदमी तक पहुँच जाना साधारण नहीं होता। कंपनियां अब ऐसी रणनीति बना रही हैं, जो उनकी इस चुनौती को हल कर सकें। चुनौती साधारण वैसे भी नहीं है। भारत के गाँवों में सालों के बाद झाँकने की यह कोशिश भारतीय बाज़ार के विस्तारवाद के बहाने हो रही है। देश के मैनेजमेंट गुरू इन्हीं विविधताओं को लेकर शोधरत हैं। यह रास्ता भारतीय बाज़ार के अश्वमेध जैसा कठिन...
चीन की साम्राज्यवादी सोच सुरसा मुख की तरह बढ़ रही है। पड़ोसी देशों में उसकी अनधिकृत घुसपैठ को कमोवेश इसी रूप में देखा जा सकता है। वह जिस तरह नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान की भारत विरोधी सोच को हवा दे रहा है, यह इस बात का द्योतक है कि उसे फाह्यान और ह्वेनसांग के सपनों का गौरवशाली भारत पसंद नहीं है। पड़ोसी देशों...
उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल ने खेल को भी अपनी राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। बदनाम गुटबाज़ जातिवादी और राज्य के खेल परिसरों में अराजकतत्वों को बढ़ावा देकर खेल के वातावरण को लंबे समय से दूषित करते आ रहे खेल विभाग के कुछ अधिकारियों के साथ वे ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं जिनसे खेल का कोई भी विकास नहीं हो...