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कैसे चुने जाते हैं भारत के महामहिम राष्ट्रपति

राष्‍ट्रपति चुनाव 2012 और एक दृष्टि में महत्वपूर्ण तथ्‍य

भारत के चौदहवें राष्ट्रपति का चुनाव 19 जुलाई को

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Sunday 30 December 2012 04:54:21 AM

president house-राष्ट्रपति भवन

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति के चुनाव का कार्यक्रम घोषित करते हुए चुनाव की 19 जुलाई मुकर्रर की है। भारत के वर्तमान राष्‍ट्रपति का कार्यकाल 24 जुलाई 2012 तक है, इसलिए नये राष्ट्रपति का चुनाव 24 जुलाई 2012 से पहले कराया जाना है। राष्‍ट्रपति और उपराष्‍ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 के खंड-4 के उपखंड (3) की व्‍यवस्‍थाओं के अनुसार इस कानून के खंड-4 उपखंड (1) के अंतर्गत चुनाव आयोग निवर्तमान राष्‍ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति से 60 दिन पहले वाले दिन या उसके बाद चुनाव कराने के बारे में अधिसूचना जारी कर सकता है, अर्थात, चुनाव आयोग राष्‍ट्रपति पद के चुनाव की कार्यक्रम संबंधी सूचना 25 मई 2012 को या इसके बाद किसी भी दिन जारी कर सकता है। राष्‍ट्रपति पद के लिए होने वाला यह चुनाव चौदहवां चुनाव होगा। इससे पहले इस पद के लिए 1952, 1957, 1962, 1967, 1969, 1974, 1977, 1982, 1987, 1992, 1997, 2002 और 2007 में चुनाव कराये जा चुके हैं।
संवैधानिक व्‍यवस्‍थाएं
भारत के राष्‍ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्य करते हैं। इस निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्‍य और राज्‍यों (संविधान-17वां संशोधन अधिनियम 1992 के अनुच्‍छेद 54 के अनुसार राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी सहित) की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य होते हैं। संसद के किसी भी सदन या राज्‍यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्‍य निर्वाचक मंडल के सदस्‍य नहीं होते हैं। चुनाव से संबंधित विस्‍तृत व्यवस्थाएं राष्‍ट्रपति और उपराष्‍ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 (1952 की संख्‍या 31) और उसके अंतर्गत बनाये गये नियमों यानी राष्‍ट्रपति और उपराष्‍ट्रपति चुनाव नियम 1974 में उल्लिखित हैं। राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किस प्रकार होना है, उसका विवरण राष्‍ट्रपति और उपराष्‍ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के नियम 17 में दिया गया है।
संविधान संशोधन (84वां) अधिनियम 2001 में व्‍यवस्‍था है कि जब तक 2026 के बाद की पहली जनगणना से संबंधित जनसंख्‍या के आंकड़े प्रकाशित नहीं हो जाते, तब तक राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए मतों के मूल्‍य की गणना के लिए राज्‍यों की जनसंख्‍या का मतलब 1971 की जनगणना की जनसंख्‍या होगा। प्रत्‍येक विधानसभा के सभी सदस्‍यों के मतों के कुल मूल्‍य की गणना विधानसभा की निर्वाचन योग्‍य सीटों की संख्‍या को प्रत्‍येक सदस्‍य के लिए निश्चित मतों की संख्‍या से गुणा करके की जाती है। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश के मतों का मूल्‍य 294 X 148=43512 होगा। प्रत्‍येक संसद सदस्‍य के लिए मतों का मूल्‍य प्राप्‍त करने के लिए सभी राज्‍यो के मतों के कुल मूल्‍य को जोड़कर संसद के कुल निर्वाचित सदस्‍यों (लोकसभा 543+राज्‍यसभा 233) से भाग किया जाता है।
एकल स्थानांतरणीय मत प्रणाली
राष्‍ट्रपति का चुनाव एकल स्थानांतरणीय मत के जरिये आनुपातिक प्रतिनिधित्‍व की प्रणाली के अनुसार होगा और चुनाव के लिए गुप्‍त मतदान होगा। मत पत्र में कोई चुनाव चिन्‍ह नहीं होगा। मत पत्र में दो कॉलम (भाग) होंगे। एक में उम्‍मीदवार का नाम लिखा होगा और दूसरे में लिखा होगा-प्राथमिकता का क्रम दर्शाएं। प्रत्‍येक निर्वाचक के पास उतनी ही प्राथमिकताएं होंगी, जितने उम्‍मीदवार होंगे, लेकिन किसी भी मत पत्र को केवल इसी आधार पर अवैध नहीं माना जाएगा, कि सभी प्राथमिकताओं के निशान नहीं लगाये गये हैं। प्रत्‍येक निर्वाचक के मत का मूल्‍य पहले से ही निश्चित है। उदाहरण के लिए, संसद के प्रत्‍येक सदस्‍य के मत का मूल्‍य 708 है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रत्‍येक सदस्‍य के मत का मूल्‍य 208 है और सिक्किम विधानसभा के प्रत्‍येक सदस्‍य के मत का मूल्‍य 7 है। इस प्रकार प्रत्‍येक विधानसभा के सदस्‍यों के मतों का मूल्‍य अलग-अलग है।
चुनाव के लिए कोटा
प्रत्‍येक उम्‍मीदवार को प्राप्‍त मतों के कुल मूल्‍य की गणना करने के बाद चुनाव अधिकारी डाले गये सभी वैध मतों के मूल्‍य को जोड़ता है। किसी भी उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित करने के लिए निर्धारित कोटा, वैध मतों को 2 से भाग करने के बाद इसके भजनफल में 1 जोड़कर प्राप्‍त किया जाता है। (बचे शेष को नज़रअंदाज किया जाता है) उदाहरण के लिए, माना कि डाले गये वैध वोटों का कुल मूल्‍य 1,00,001 है, तो निर्वाचित घोषित होने के लिए कोटा होगा और-1,00,001+1­=50,000.50+1 (.50 को छोड़ दें) कोटा= 50,000+1= 50,001 और कोटा निर्धारित करने के बाद चुनाव आधिकारी को देखना होता है कि किसी उम्‍मीदवार ने पहली प्राथमिकता में मिले मतों के कुल मूल्‍य के आधार पर निर्वाचित घोषित होने के योग्‍य कोटा प्राप्‍त किया है कि नहीं।
यदि किसी भी उम्‍मीदवार को पहली प्राथमिकता में मिले मतों के आधार पर कोटा हासिल नहीं होता है, तो चुनाव अधिकारी मतगणना का दूसरा दौर शुरू करता है। इस दौर में पहली प्राथमिकता में मिले वोटों के सबसे कम मूल्य वाले उम्मीदवार को हटा दिया जाता है और उसके वोटों को मत पत्रों में दर्शायी गई दूसरी प्राथमिकता के अनुसार बाकी के उम्‍मीदवारों में बांट दिया जाता है। बाकी के उम्‍मीदवारों को हटाये गये उम्‍मीदवार के वोट उसी मूल्‍य पर मिल जाते हैं, जिस पर उसे मतगणना के पहले दौर में मिले थे। चुनाव अधिकारी इस प्रकार मतगणना के अगले दौरों में भी सबसे कम वोट प्राप्‍त करने वाले उम्‍मीदवारों को तब तक हटाता जाएगा, जब तक की बाकी के उम्‍मीवारों में से किसी एक उम्‍मीदवार को निर्धारित कोटा हासिल नहीं हो जाता या केवल एक ही उम्‍मीदवार नहीं रह जाता है, तब चुनाव अधिकारी उस उम्‍मीदवार को निर्वाचित घोषित कर देगा।
चुनाव के लिए योग्‍यता
किसी भी व्‍यक्ति के लिए राष्‍ट्रपति पद के चुनाव में खड़ा होने के लिए जरूरी है कि वह वह भारत का नागरिक हो, उसकी आयु 35 वर्ष पूरी हो गई हो और वह लोक सभा (अनुच्‍छेद 58) के सदस्‍य के रूप में चुने जाने के योग्‍य हो। कोई भी व्‍यक्ति राष्‍ट्रपति पद के चुनाव के योग्‍य नहीं होगा, यदि वह भारत सरकार या किसी राज्‍य सरकार या किसी राज्‍य सरकार के नियंत्रण वाले स्‍थानीय निकाय अथवा अन्‍य प्राधिकरण में लाभ के पद पर कार्य कर रहा हो। किसी भी व्‍यक्ति को केवल इस कारण से लाभ के पद पर नहीं माना जा सकता कि वह राष्‍ट्रपति या उपराष्‍ट्रपति है या किसी राज्‍य का राज्‍यपाल है या केंद्र अथवा राज्‍य में मंत्री है।
नामांकन और जमानत राशि
कोई नामांकन वैध होने के लिए जो आवश्‍यकताएं पूरी होनी चाहिएं, वे इस प्रकार हैं-वह भारत का नागरिक होना चाहिए, उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और वह लोकसभा के सदस्‍य के रूप में चुने जाने के योग्‍य होना चाहिए। उम्‍मीदवार को भारत सरकार या किसी राज्‍य सरकार या किसी सरकार के नियंत्रण वाले स्‍थानीय निकाय अथवा अन्‍य प्राधिकरण में लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए। उम्‍मीदवार को निर्धारित फार्म (1974 के नियमों के परिशिष्‍ट में फार्म-2) भरना होगा और यह फार्म कम से कम 50 निर्वाचकों से प्रस्‍तावित हो और कम से 50 निर्वाचक उसका अनुमोदन करें। उम्‍मीदवार नामांकन पत्र को व्‍यक्तिगत रूप से चुनाव अधिकारी को देगा या इसे उसके किसी प्रस्‍तावक अथवा अनुमोदनकर्ता द्वारा दिया जाएगा।
नामांकन पत्र के साथ 15000 रुपये की जमानत राशि जमा करानी होगी। यह राशि चुनाव अधिकारी के पास नामांकन पत्र दाखिल करते समय नकद जमा करायी जा सकती है या नामांकन पत्र के साथ वह रसीद जमा करनी होगी, जिसके अनुसार यह राशि उम्‍मीदवार ने या उसकी ओर से किसी अन्‍य ने रिजर्व बैंक में या सरकारी खजाने में जमा करा दी है। प्रत्‍येक नामांकन पत्र के साथ इस बात का प्रमाण पत्र भी होना चाहिए कि उम्‍मीदवार का नाम उस संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में हैं, जहां वह निर्वाचक के रूप में पंजीकृत है। कोई भी निर्वाचक, चाहे वह प्रस्‍तावक हो या अनुमोदनकर्ता हो, एक ही चुनाव में एक से अधिक नामांकन पत्र के लिए प्रस्‍ताव या अनुमोदन नहीं कर सकता, अगर वह ऐसा करता है तो चुनाव अधिकारी को दिये गये नामांकन पत्र में से पहले नामांकन पत्र को छोड़कर अन्‍य किसी भी नामांकन पत्र पर उसके हस्‍ताक्षर को वैध नहीं माना जाएगा। चुनाव अधिकारी, किसी निर्धारित दिवस पर सुबह 11 बजे से पहले और दोपहर 3 बजे के बाद जमा किये गये नामांकन पत्र को स्‍वीकार नहीं करेगा।
कुल निर्वाचक
इस वर्ष 2012 में होने वाले राष्‍ट्रपति पद के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल के कुल सदस्‍यों की संख्‍या इस प्रकार है-राज्‍य सभा 233, लोकसभा 543, राज्‍य विधानसभाएं 4120 यानि कुल 4896 सीटें हैं।
चुनाव अधिकारी सहायक चुनाव अधिकारी
परंपरा के अनुसार लोकसभा के महासचिव और राज्‍यसभा के महासचिव को बारी-बारी से चुनाव अधिकारी नियुक्‍त किया जाता है। वर्ष 2007 के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए लोकसभा के महासचिव चुनाव अधिकारी नियुक्‍ति किये गये थे, इसलिए 2012 के राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए राज्‍यसभा के महासचिव को चुनाव अधिकारी बनाया गया है। राज्‍यसभा सचिवालय के अन्‍य दो वरिष्‍ठ अधिकारियों और सचिवों तथा राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली और केंद्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी सहित सभी राज्‍यों की विधानसभाओं के एक-एक वरिष्‍ठ अधिकारी को सहायक अधिकारी नियुक्‍त किया गया है।
मतदान के स्‍थल
नई दिल्‍ली में संसद भवन में एक कमरा और राज्य विधानसभा सचिवालयों में आमतौर पर एक-एक कमरा मतदान के लिए निश्चित किया जाता है। संसद सदस्‍य आमतौर पर नई दिल्‍ली में वोट डालते हैं तथा राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली और केंद्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी सहित सभी राज्‍यों की विधानसभाओं के सदस्‍य आमतौर पर हर राज्य की राजधानी में मतदान के लिए निश्चित स्‍थान पर वोट डालते हैं, लेकिन चुनाव आयोग किसी संसद सदस्‍य को अपने राज्य की राजधानी में भी मतदान के लिए सुविधा उपलब्‍ध कराता है। इसी तरह यदि किसी राज्‍य की विधानसभा का कोई सदस्‍य मतदान की तारीख को मजबूरी के कारण दिल्‍ली में ठहरा हुआ है, तो उसे भी संसद भवन में स्‍थापित मतदान केंद्र में वोट डालने की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है, लेकिन यदि किसी सदस्‍य को अपने निर्धारित स्‍थान की जगह किसी और स्‍थान पर वोट डालना है, तो इस बारे में चुनाव आयोग को इस बारे में सूचित किया जाना चाहिए, ताकि आवश्‍यक प्रबंध किये जा सकें। यदि कोई उम्‍मीदवार निर्वाचित नहीं होता है और उसे जितने वैध वोट मिलें हैं, उनकी संख्‍या, ऐसे चुनाव में जमानत की राशि की वापसी के लिए आवश्‍यक वोटों की संख्‍या के छठे हिस्‍से से ज्‍यादा नहीं है, तो ऐसे उम्‍मीदवार की जमानत राशि जब्‍त की जाती है।
चुनाव पर विवाद
राष्‍ट्रपति पद के चुनाव पर कोई भी उम्‍मीदवार आपत्ति उठाते हुए चुनाव याचिका दे सकता है या कोई 20 या अधि‍क निर्वाचक मिलकर याचिका दे सकते हैं। चुनाव याचिका पर सुनवाई का अधिकार भारत की सुप्रीम कोर्ट को है। यह चुनाव याचिका विजयी उम्‍मीदवार के नाम की घोषणा प्रकाशित होने की तिथि से 30 दिन के अंदर दाखिल की जाएगी। चुनाव आयोग की वेबसाइट www.eci.nic.in or www.pib.nic.in पर भारत के राष्‍ट्रपति पद का चुनाव, 2012 शीर्षक से संदर्भ सामग्री डाउनलोड करके और ज्यादा जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

तथ्‍य एक नजर में-राष्‍ट्रपति चुनाव 1952 से 2007

 मतदान की तारीख मतदाता सूचीहर सदस्‍य के लिए मतों की संख्‍या खड़े उममीदवारनिर्वाचितप्राप्‍त मत पद ग्रहण की तारीख
प्रथम राष्‍ट्रपति चुनाव02.05.1952लोकसभा,राज्‍य सभा और राज्‍य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्‍य,कुल निर्वाचक 4056 हर संसद सदस्‍य के 494 मत थे। विधायकों के मतों का मूल्‍य हर राज्‍य में अलग-अलग था। कुर्ग राज्‍य के विधायक के मत का मूल्‍य 7 था जबकि उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य 143 था। मत का मूल्‍य 1951 की जनगणना के आधार पर पांचडॉ राजेन्‍द्र प्रसाद5,07,40013.05.1952
दूसरा राष्‍ट्रपति चुनाव 06.05.1957लोकसभा,राज्‍य सभा और 14 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य हर संसद सदस्‍य के = 496 मत

जम्‍मू कश्‍मीर के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे कम 59 और उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे अधिक 147

तीनडॉ.राजेन्‍द्र प्रसाद4,59,69813.05.1957
तीसरा राष्‍ट्रपति चुनाव07.05.1962लोकसभा,राज्‍य सभा और 15 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य हर संसद सदस्‍य के = 493 मत

जम्‍मू कश्‍मीर के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे कम 59 और उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे अधिक 147

तीनडॉ.सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन 5,53,06713.05.1962
चौथा राष्‍ट्रपति चुनाव06.05.1967लोकसभा के (520) राज्‍य सभा के (228) और 17 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (3383) हर संसद सदस्‍य के = 576 मत

नगालैंड के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे कम 08 और उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे अधिक 174 आधार 1961 जनगणना

सत्रह डॉ.जाकिर हुसैन4,71,24413.05.1967
पांचवां राष्‍ट्रपति चुनाव16.08.1969 वही पंद्रहश्री वीवी गिरि4,01,51524.08.1969
छठा राष्‍ट्रपति चुनाव17.08.1974लोकसभा के (521) राज्‍य सभा के (230) और 21 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (3654)हर संसद सदस्‍य के = 723 मत

नगालैंड के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे कम 09 और उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे अधिक 208 आधार 1971 जनगणना

दोश्री फखरुद्दीन अली अहमद7,65,58724.08.1974
सातवां राष्‍ट्रपति चुनाव06.08.1977लोकसभा के (524) राज्‍य सभा के (232) और 22 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (3776)हर संसद सदस्‍य के = 702 मत

सिक्किम के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे कम 07 और उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे अधिक 208

एकश्री नीलम संजीव रेड्डीनिर्विरोध निर्वाचित

(पहला मौका था जब भारत के राष्‍ट्रपति के रूप में सर्वोच्‍च पद के लिए निर्विरोध चुनाव हुआ)

25.07.1977
आठवां राष्‍ट्रपति चुनाव12.07.1982लोकसभा के (524) राज्‍य सभा के (232) और 22 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (3827)हर संसद सदस्‍य के = 702 मत

सिक्किम के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे कम 07 और उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे अधिक 208

दोज्ञानी जैल सिंह 7,54,11325.07.1982
नौवा राष्‍ट्रपति चुनाव13.07.1987लोकसभा के (543) राज्‍य सभा के (233) और 25 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (3919)हर संसद सदस्‍य के = 702 मत

सिक्किम के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे कम 07 और उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे अधिक 208

तीन श्री आर वेंकटरमन7,40,14825.07.1987
दसवां राष्‍ट्रपति चुनाव13.07.1992लोकसभा के (543) राज्‍य सभा के (233) और 25 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (3972)हर संसद सदस्‍य के = 702 मत

सिक्किम के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे कम 07 और उत्‍तर प्रदेश के विधायक के मत का मूल्‍य सबसे अधिक 208

चारडॉ.शंकर दयाल शर्मा 6,75,80425.07.1992
11वां राष्‍ट्रपति चुनाव14.07.1997लोकसभा के (543) राज्‍य सभा के (233) और 27 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (4072)हर संसद सदस्‍य के = 708 मत

हर राज्‍य के हर विधायक के मत का मूल्‍य अलग-अलग था।

दोश्री के आर नारायणन 9,56,29025.07.1997
12वां राष्‍ट्रपति चुनाव15.07.2002लोकसभा के (543) राज्‍य सभा के (233) और 30 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (4120) इसमें राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली और पांडिचेरी से चुने गए लोकसभा सदस्‍य शामिल हैं।हर संसद सदस्‍य के = 708 मत

हर राज्‍य के हर विधायक के मत का मूल्‍य अलग-अलग था।

दोडॉ.एपीजे अब्‍दुल कलाम 9,22,88425.07.2002
13वां राष्‍ट्रपति चुनाव19.07.2007लोकसभा के (543) राज्‍य सभा के (233) और 30 राज्‍य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्‍य (4120) इसमें राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली और पांडिचेरी से चुने गए लोकसभा सदस्‍य शामिल हैं।हर संसद सदस्‍य के = 708 मत

हर राज्‍य के हर विधायक के मत का मूल्‍य अलग-अलग था।

दोश्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटील 6,38,11625.07.2007

 

अन्य महत्‍वपूर्ण जानकारियां इस प्रकार हैं-
सन् 1969 के पांचवें राष्‍ट्रपति चुनाव के समय आयोग ने नागरिक उड्डयन अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे डाले गए मतों के बक्‍सों को ले जाने वाले व्‍यक्ति (क्रमश: सहायक मतदान अधिकारियों) को सील किए हुए बक्‍से विमान में अपनी सीट के नजदीक रखने की अनुमति दें।
छठे राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान 1974 में राष्‍ट्रपति एवं उप राष्‍ट्रपति अधिनियम 1952 में संशोधन करके यह प्रावधान किया गया कि किसी उम्‍मीदवार के नामांकन पत्र के साथ कम से कम 10 निर्वाचकों समर्थन प्रस्‍तावक के रूप में और 10 निर्वाचकों का समर्थन द्वितीयक के रूप में होना चाहिए, साथ ही जमानती रकम रूपये 2500 कर दी गई और यह भी प्रावधान किया गया कि अगर कोई चुनाव याचिका दायर की जाती है, तो वह सिर्फ उच्‍चतम न्‍यायालय में खुद उस उम्‍मीदवार द्वारा दायर की जानी चाहिए, जो चुनाव लड़ रहा था और उसके साथ कम से कम 20 निर्वाचक भी याचिकाकर्ता के रूप में हों।
वर्ष 1997 के 11वें राष्‍ट्रपति चुनाव के समय भारत के राष्‍ट्रपति ने एक अध्‍यादेश 5 जून, 1997 को जारी करके राष्‍ट्रपति और उप राष्‍ट्रपति अधिनियम 1952 में और संशोधन कर दिए। उस समय इस प्रकार संशोधन किए गए-राष्‍ट्रपति चुनाव के मामले में प्रस्‍तावकों और द्वितीयकों की संख्‍या जो नामांकन पत्र के साथ होनी चाहिए, 10 से बढ़ाकर 50 प्रस्‍तावक और 10 द्वितीयक के स्‍थान पर 50 द्वितीयक कर दी गयी। उप राष्‍ट्रपति चुनाव के मामले में किसी नामांकन पत्र के लिए इसी तरह से प्रस्‍तावकों और द्वितीयकों की संख्‍या बढ़ाकर 5 प्रस्‍तावक और 5 द्वितीयक के स्‍थान पर 20 प्रस्‍तावक और 20 द्वितीयक कर दिया गया। जमानत की रकम रुपये 2500 से बढ़ाकर रूपये 15000 कर दी गयी।
भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 55 (2) के प्रावधानों के अनुसार संसद के दोनों सदनों और राज्‍य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्‍यों के मतों का मूल्‍य
राष्‍ट्रपति चुनाव 2012

क्र.संख्‍या राज्‍यकानामविधानसभामेंसीटों कीसंख्‍या (प्रभावी)जनसंख्‍या

(1971 जनगणना)

हरविधायक केमतकामूल्‍य राज्‍यकेकुलमतोंकामूल्‍य
1.आंध्रप्रदेश

294

43502708

148

148×294=43512

2.अरुणाचलप्रदेश

60

467511

8

008×060=480

3.असम

126

14625152

116

116×126=14616

4.बिहार

243

42126236

173

173×243=42039

5.छत्‍तीसगढ़

90

11637494

129

129×090=11610

6.गोवा

40

795120

20

020×040=800

7.गुजरात

182

26697475

147

147×182=26754

8.हरियाणा

90

10036808

112

112×090=10080

9.हिमाचलप्रदेश

68

3460434

51

051×068=3468

10.जम्‍मूऔरकश्‍मीर*

87

6300000

72

072×087=6264

11.झारखंड

81

14227133

176

176×081=14256

12.कर्नाटक

224

29299014

131

131×224=29344

13.केरल

140

21347375

152

152×140=21280

14.मध्‍यप्रदेश

230

30016625

131

131×230=30130

15.महाराष्‍ट्र

288

50412235

175

175×288=50400

16.मणिपुर

60

1072753

18

018×060=1080

17.मेघालय

60

1011699

17

017×060=1020

18.मिजोरम

40

332390

8

008×040=320

19.नगालैंड

60

516449

9

009×060=540

20.ओडीशा

147

21944615

149

149×147=21903

21.पंजाब

117

13551060

116

116×117=13572

22.राजस्‍थान

200

25765806

129

129×200=25800

23.सिक्किम

32

209843

7

007×032=224

24.तमिलनाडु

234

41199168

176

176×234=41184

25.त्रिपुरा

60

1556342

26

026×060=1560

26.उत्‍तराखंड

70

4491239

64

064×070=4480

27उत्‍तरप्रदेश

403

83849905

208

208×403=83824

28पश्चिमबंगाल

294

44312011

151

151×294=44394

29दिल्‍लीराष्‍ट्रीय राजधानीक्षेत्र

70

4065698

58

058×070=4060

30पुडुचेरी

30

471707

16

016×030=480

योग

 

4120

549302005

 

= 549474

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