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बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध उपासक संघ का कार्यक्रम

भगवान बुद्ध की शिक्षाओं में समाधान व शांति-राज्यपाल

'बौद्ध धर्म भारत के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक सेतु'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 18 May 2019 02:10:54 PM

buddha worshipers association program on buddha purnima

लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक आज बुद्ध पूर्णिमा पर बौद्ध बिहार शांति उपवन लखनऊ में संयुक्त बुद्ध उपासक संघ के कार्यक्रम में शामिल हुए। राज्यपाल ने बौद्ध पूर्णिमा पर बधाई देते हुए कहा कि भगवान बुद्ध का दर्शन एवं मानव के प्रति उनकी अपार करूणा और गहन संवेदना समाज के लिए अमृत संजीवनी है। उन्होंने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उन्हें आदरांजलि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की मन को छू लेने वाली शिक्षाएं व्यक्ति को समाधान की ओर ले जाती हैं। उन्होंने महात्मा बुद्ध के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने राजपाट एवं घर परिवार त्याग कर कठोर तप से ‘बुद्धत्व’ प्राप्त किया था।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि महात्मा बुद्ध सामाजिक समानता और समरसता के पक्षधर थे, उनके अष्टांग मार्ग में एक वैचारिक दर्शन है, उनकी शिक्षाएं मनुष्य के जीवन में संजीवनी का संचार करती हैं और उनके प्रेरणादायक विचारों से मन को शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म मूलतः भारत की श्रवण परम्परा से उत्पन्न धर्म और दर्शन है, बौद्ध धर्म अपनी सहजता और सरलता के कारण देखते-देखते तिब्बत, चीन, मलेशिया, जापान, म्यांमार, थाइलैंड, कोरिया जैसे अनेकों देश में फैला हुआ है और ऐसे सभी देशों के बीच बौद्ध धर्म भारत के लिए धार्मिक एवं आध्यात्मिक सेतु के रूपमें कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि अंधविश्वास और कुरीतियों को दूर करते हुए भगवान बुद्ध ने जो व्यवहारिक और सहज शिक्षा एवं दर्शन दिया है, वह आज भी प्रासंगिक है।
राज्यपाल ने कहा कि पांच वर्ष में यह पहला अवसर है, जब उन्हें बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में आने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि राज्यपाल प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मंत्रिमंडल के सदस्यों, उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश एवं न्यायधीशों को शपथ दिलाता है, पर प्रोटोकाल में ऐसा है कि वह स्वयं कहीं नहीं जा सकता, जबतक कि उसे आमंत्रित न किया जाए। उन्होंने आयोजकों द्वारा पहलीबार बुलाए जाने के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में आचार्य दयासागर बौद्ध ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें एक मांगपत्र सौंपा। कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षु प्रज्ञासील ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी उपस्थित थे।

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