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Monday 24 March 2025 05:56:19 PM
शिलांग। योग साधकों ने परंपरा, प्रकृति और स्वास्थ्य को जोड़ते हुए भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में आश्चर्यजनक प्राकृतिक चमत्कारों से ओतप्रोत मेघालय में 'डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज' पर योगासन किए।पूर्वोत्तर आयुर्वेद और होम्योपैथी संस्थान (एनईआईएएच) ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2025 से पहले धुंध भरी पहाड़ियों, बहते झरनों और प्राचीन जड़ों की फुसफुसाहट केबीच यह अनूठा योग सत्र आयोजित किया। प्रतिभागियों ने कहाकि यह न केवल एक योग कार्यक्रम था, बल्कि यह प्रकृति और मानवीय भावना दोनों के लचीलेपन और सामंजस्य का प्रमाण भी था। उनका कहना थाकि यह एक पुल की तरह ही है, जो खासी शिल्प कौशल की पीढ़ियों के माध्यम से समय की कसौटी पर खरा उतरा है, यह योग धैर्य, शक्ति और संतुलन का प्रतीक है।
लिविंग रूट ब्रिज पर योगासन इस बातका प्रतीक हैकि कैसे प्राचीन ज्ञान आधुनिक स्वास्थ्य केसाथ सहजता से मिलकर टिकाऊ, सचेत जीवन जीने केलिए प्रेरित कर सकता है। लिविंग रूट ब्रिज यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल होने की प्रक्रिया में है। यह ब्रिज रबर और अंजीर के पेड़ों की जड़ों से पूरी तरह हवा में बुना हुआ है, जो चामत्कारिक तौरपर एक जीवंत मार्ग बनाता है और समय केसाथ मजबूत होता जाता है। हरे-भरे वर्षावन और झरनों से घिरा पुल यह दिखाने को काफी हैकि योग सिर्फ एक अभ्यास से कहीं ज्यादा प्रकृति केसाथ तालमेल बिठाने वाली ज़िंदगी जीने का तरीका है। गौरतलब हैकि वर्ष 2014 में संयुक्तराष्ट्र की ओर से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने केबाद से भारत ने अपने कुछ सबसे प्रतिष्ठित स्थलों पर योग सत्र आयोजित करके दुनिया के योग अनुभव को फिरसे परिभाषित किया है।
ताजमहल से लेकर कोणार्क सूर्य मंदिर तक, गेटवे ऑफ़ इंडिया से लेकर लाल किले तक, हर जगह इतिहास, संस्कृति और खुशहाली की कहानी बयां करती है। अब लिविंग रूट ब्रिज भी इस सूची में शामिल हो गया है, जो मेघालय के पवित्र परिदृश्यों के केंद्र में योग की भावना को लेकर आया है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2025 की उल्टी गिनती जारी है। ऐसे आयोजन न केवल योग को बढ़ावा देंगे, बल्कि भारत की शानदार प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को भी उजागर करेंगे। इस प्राचीन पुल पर किए गए प्रत्येक आसन से संदेश स्पष्ट हैकि योग केवल स्टूडियो तक सीमित नहीं है, यह दुनिया, प्रकृति और संतुलन तथा कल्याण चाहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का है।