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Wednesday 19 June 2019 05:42:01 PM
नई दिल्ली। समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैतियों से निपटने के लिए समुद्री क्षेत्रीय सहयोग नेटवर्क को विस्तार देते हुए आज दिल्ली में भारतीय तटरक्षक बल और आरईसीएएपी ने संयुक्त रूपसे 12वीं कार्यशाला का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन भारतीय तटरक्षक बल के अतिरिक्त महानिदेशक वीएसआर मूर्ति और आरईसीएएपीआईएससी के कार्यकारी निदेशक मासाफुमी ने किया। वीएसआर मूर्ति ने इस अवसर पर समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैतियों की समस्या से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग नेटवर्क को और भी मजबूत करने तथा विभिन्न हितधारकों के बीच सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया को सुगम करने के संबंध में आरईसीएएपीआईएससी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आरईसीएएपी समझौते के तहत क्षमता निर्माण को परस्पर सहयोग का मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि इसके लिए तीसरी बार कार्यशाला आयोजित करके भारत ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आरईसीएएपीआईएससी के कार्यकारी अधिकारी कूरोकी ने समुद्री मार्ग से होने वाले परिहवन को सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और खासतौर से तटरक्षक बलों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सूचनाओं का आदान-प्रदान सरकारों और जहाजरानी उद्योग की एक साझा जिम्मेदारी है और सही समय पर सटीक जानकारियों का आदान-प्रदान इसके उद्देश्यों की पूर्ति करता है। कार्यशाला में सूचना साझा केंद्र में संबंधित मंत्रालयों के साथ ही राजनयिक कोर के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैती से संबंधित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, अभियोजन प्रक्रियाओं, फोरेंसिक और उभरते खतरों से निपटने की जानकारी और प्रशिक्षण संबंधित विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।