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Wednesday 19 June 2019 06:21:36 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में स्वतंत्र प्रभार युवा मामले और खेल राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले हफ्ते नीदरलैंड के हर्टोजेनबोश में आयोजित विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन के लिए भारतीय तीरंदाजों के दल को सम्मानित किया है। भारतीय खेल प्राधिकरण के मुख्यालय में तीरंदाजों से मुलाकात करते हुए उन्हें टोक्यो-2020 का ओलंपिक कोटा और इस चैम्पियनशिप में तीन पदक जीतने के लिए बधाई दी। भारत ने इस प्रतियोगिता में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं। इस प्रकार यह विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में इनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत ने 2015 में इसी प्रतियोगिता में दो रजत पदक जीते थे, जो इस चैंपियनशिप में भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारतीय पुरुष रिकर्व टीम के अतनु दास, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव ने एक रजत पदक जीता है।
खेल राज्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारत सरकार इन खिलाड़ियों, अन्य खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले तथा ओलंपिक पदक जीतने की क्षमता रखने वाले सभी खिलाड़ियों को हर प्रकार की सहायता दे रही है। उन्होंने कहा कि एथलीट जो भी सहायता मागेंगे, सरकार उन्हें उपलब्ध कराएगी, चाहे वह कोचिंग हो या तकनीकी सुविधाएं हों। किरेन रिजिजू ने खुशी जताई कि पुरुषों की टीम पहले ही ओलंपिक कोटा जीत चुकी है और महिला तीरंदाज भी इस बारे में बहुत आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि भारत पारंपरिक रूपसे तीरंदाजी में बहुत मजबूत रहा है, अगर हम इस खेल में ओलंपिक स्वर्ण जीतेंगे तभी हम इस बात को सच साबित कर पाएंगे। तीरंदाज अतनु दास ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय शुरुआत की थी और उनकी वर्तमान विश्व रैंकिंग 22 है। तरुण दीप राय ने 19 साल की उम्र में एक तीरंदाज के रूपमें 2003 में अपना करियर शुरु किया था,वे भी 2005 में विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष रिकर्व टीम का हिस्सा थे।
प्रवीण जाधव ने एथलेटिक्स में अपना करियर शुरु किया। एक वर्ष के लिए उन्होंने पेशेवर तीरंदाजी की, जिसमें उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। वे एक दिहाड़ी मजदूर के पुत्र हैं। उनका कहना है कि तीरंदाजी के उपकरण बहुत महंगे हैं, वह सरकारी योजनाओं से प्राप्त सहायता के कारण ही खेलों में आगे बढ़ने में सक्षम रहे हैं। इस वर्ष के रजत पदक के साथ भारत की पुरुषों की टीम ने अगले साल के टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा अर्जित कर लिया है। इससे ओलंपिक में व्यक्तिगत रिकर्व प्रतियोगिता के लिए भारतीय पुरुषों का तीन एथलीटों का पूरा कोटा भी मिल गया है। महिलाओं की श्रेणी में ज्योति सुरेखा वेनम ने महिलाओं की कंपाउंड तीरंदाजी में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत पदक जीता है, उन्होंने तुर्की की यसिम बोसटन को शूटऑफ में हराकर कांस्य पदक जीता है। वेनम एक प्रशिक्षित तैराक भी हैं, उन्होंने 4 साल की उम्र में कावेरी नदी को तीन बार पार करके लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। यह ज्योति सुरेखा वेनम का दूसरा विश्व चैंपियनशिप टीम पदक था, वह 2017 की विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम में भी शामिल थी।
ज्योति सुरेखा वेनम ने 2018 में विश्वकप फाइनल सहित पांच मिश्रित टीम पदक जीते थे। भारतीय महिलाओं की कंपाउंड टीम ने 2018 की शुरुआत से ही शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने एशियाई खेलों में रजत पदक और बर्लिन और अंताल्या विश्वकप में रजत पदक जीता था। ज्योति सुरेखा वेनम और मुस्कान किरार जीत का हिस्सा रही हैं। मुस्कान किरार की पहली अंतर्राष्ट्रीय जीत 2017 में हुई, लेकिन विश्व चैम्पियनशिप से पहले उन्होंने मार्च 2018 में बैंकॉक में आयोजित तीरंदाजी एशिया कप, चरण-1 प्रतियोगिता में महिलाओं की कंपाउंड फाइनल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। खेल राज्यमंत्री ने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण सभी प्रशिक्षण सहायता उपलब्ध करने के साथ-साथ ओलंपिक की तैयारी के लिए टीमों के प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए, ध्यान केंद्रित करने के लिए और कौशल को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए एक मानसिक प्रशिक्षक की व्यवस्था भी कर रहा है।