स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 21 June 2019 05:05:04 PM
नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग के भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान ने म्यांमार के निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के लिए चुनाव प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने इस अवसर पर दुनियाभर में लोकतंत्र को मजबूत करने और प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, विश्वास और निष्पक्षता के लिए चुनाव प्रबंधन निकायों के बीच चुनाव की बेहतरीन प्रक्रियाओं को साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने भारत में आम चुनाव-2019 में प्रौद्योगिकी के सफल इस्तेमाल का उल्लेख किया, जिसमें ईवीएम के साथ वीवीपैट के प्रयोग की पहल, मतदाताओं और निशक्तजनों के लिए एप्लिकेशन की शुरुआत, डाक मतपत्रोंके प्रेषण के लिए इलेक्ट्रानिक पद्धति का इस्तेमाल तथा सी विजिल जैसी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से बड़ा बदलाव दिखा। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरे उत्साह के साथ भाग लेने और ऐसे विभिन्न क्षेत्रों की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिनमें म्यांमार की चुनावी प्रक्रिया के दौरान प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा सके। चुनाव प्रौद्योगिकी में क्षमता विकास पर 2018-19 के दौरान आयोजित 9 कार्यक्रमों की श्रृंखला का यह 7वां कार्यक्रम था। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन भारतीय निर्वाचन आयोग के अनुभवी अधिकारियों ने किया।
विदेश मंत्रालय के माध्यम से म्यांमार के निर्वाचन आयोग के अनुरोध पर इस कार्यक्रम की रूपरेखा विशेष रूपसे बनाई गई थी। आईआईआईडीईएम ने म्यांमार में 2020 में होने वाले आम चुनाव के लिए वहां के अधिकारियों के प्रशिक्षण की जरूरतों का विश्लेषण-2017 में किया था और इसके आधार पर ही उनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तय की। कार्यक्रम में निर्वाचन आयोग के महानिदेशक धीरेंद्र ओझा ने चुनाव प्रक्रिया में विभिन्न हितधारकों द्वारा सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल पर अपने विचार प्रकट किए। आईआईआईडीईएम के निदेशक विवेक खरे ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आईआईआईडीईएम के वरिष्ठ सलाहकार डॉ नूर मोहम्मद ने चुनाव प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के महत्व पर प्रकाश डाला। निर्वाचन आयोग के सचिव एसबी जोशी ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।