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Saturday 22 June 2019 02:42:48 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने भाऊराव देवरस सेवा न्यास की अर्द्धवार्षिक पत्रिका 'सेवा चेतना योग विशेषांक' का राजभवन में विमोचन किया। राज्यपाल ने विशेषांक लोकार्पण को अतिमहत्वपूर्ण बताया और कहा कि योग दिवस पर पूरे विश्व को योग का विराट दर्शन हुआ है, जिसमें राजभवन भी सहभागी रहा है, भारत सहित विश्व के लगभग 200 देशों में योग दिवस मनाया गया है और योग विशेषांक का लोकार्पण वास्तव में उसी का एक सूक्ष्म दर्शन है, जो विचार करने के लिए बाध्य करता है। उन्होंने कहा कि योग मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है, मन और शरीर के समन्वय से शांति मिलती है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि हमें अपनी परम्परा और संस्कृति को पहचानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार योग को विश्व मंच पर रखा, वह सराहनीय है और भारत से जाकर लोगों ने योग की महत्ता पूरे विश्व में फैलाई है। राम नाईक ने कहा कि विशेषांक ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे तभी कार्यक्रम की सार्थकता बढ़ती है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्मरणात्मक पुस्तक चरैवेति!चरैवेति!! का अब तक 10 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है और 27 जून 2019 को मुंबई में ब्रेल लिपि हिंदी, मराठी एवं अंग्रेजी में पुस्तक का लोकार्पण होगा, 30 जून को पुणे विश्वविद्यालय में पुस्तक के जर्मन तथा 6 जुलाई को असमिया भाषा संस्करण का राजभवन आसाम में लोकार्पण होगा। उन्होंने कहा कि चरैवेति!चरैवेति!! के मर्म में ही सफलता निहित है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष जयकृष्ण सिन्हा ने कहा कि योग विशेषांक पुस्तिका पाठकों के लिए बहुमूल्य है। उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरू बन रहा है, आज उसकी झांकी देखी जा रही है, सम्पूर्ण विश्व योग से जुड़ गया है, आत्मा और परमात्मा तक पहुंचने का साधन है योग। उन्होंने कहा कि योग मनुष्य को मनुष्य से जोड़ने का काम करता है। पद्मश्री ब्रह्मदेव शर्मा (भाईजी) ने भाऊराव देवरस के जीवन पर प्रकाश डालते हुए पत्रिका के प्रकाशन के लिए बधाई दी। पत्रिका के सम्पादक डॉ विजय कर्ण ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की और विशेषांक के बारे में विस्तृत जानकारी दी।