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Tuesday 2 July 2019 04:04:05 PM
नई दिल्ली। कृषि, ग्रामीण विकास, जल संरक्षण और इसका समुचित इस्तेमाल करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के प्रमुख मुद्दों में शामिल है। प्रधानमंत्री ने अपने वादे के अनुसार और नीति आयोग की नियंत्रण परिषद की बैठक में किए गए विचार-विमर्श के बाद भारतीय कृषि के सुधार के लिए मुख्यमंत्रियों की एक उच्चाधिकार समिति गठित की है। समिति के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस संयोजक हैं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, केंद्रीय कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सदस्य हैं और नीति आयोग के रमेश चंद सदस्य सचिव बनाए गए हैं।
कृषि सुधार उच्चाधिकार समिति के कार्य होंगे-कृषि में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करना तथा राज्यों एवं केंद्रितशासित प्रदेशों के सुधारों को अपनाने तथा समयबद्ध कार्यांवयन के तरीके के बारे में सुझाव देना। भारत सरकार के कृषि एवंकिसान कल्याण मंत्रालय के राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा गया राज्य व केंद्रशासित प्रदेश कृषि उत्पाद एवं पशुधन विपणन (संवर्द्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2017। भारत सरकार के कृषि एवंकिसान कल्याण मंत्रालय के राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा गया राज्य व केंद्रशासित प्रदेश कृषि उत्पाद एवं पशुधन, ठेका खेती एवं सेवाएं (संवर्द्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2018। अनिवार्य वस्तु अधिनियम (ईसीए) 1955 के विभिन्न प्रावधानों का परिक्षण करना और उन स्थितियों का पता लगाना जब अनिवार्य वस्तु अधिनियम की आवश्यकता हो। कृषि विपणन एवं बुनयादी ढांचे में निजी निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से अनिवार्य वस्तु अधिनियम में बदलाव के लिए सुझाव देना। ई-नाम, ग्राम और अन्य संबंधित केंद्र प्रायोजित योजनाओं के साथ बाजार सुधारों को जोड़ने के लिए उपाय सुझाना।
कृषि निर्यात बढ़ाने, खाद्य प्रसंस्करण के विकास में तेजी लाने और आधुनिक विपणन सुविधा के लिए निवेश आकर्षित करने, मूल्य श्रृंखलाओं तथा साजोसामान के बारे में नीतिगत उपाय सुझाना। वैश्विक मानदंडों के अनुसार कृषि प्रौद्योगिकी विकसित करने और किसानों कोउन्नत बीज, पौधे के लिए पोषण सामग्री तथा कृषि के क्षेत्र में विकसित देशों के अनुसार खेती की मशीनें उपलब्ध करानेके उपायों के बारे में सुझाव देना। कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से किसी अन्य सुधारों के बारे में बताना। यह समिति अपनी अधिसूचना की तिथि से दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी। गौरतलब है कि भारतीय कृषि में सुधार के लिए मुख्यमंत्रियों की उच्चाधिकार समिति नीति आयोग से संबंधित है।