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Wednesday 10 July 2019 01:41:06 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सिख समाज की गुरु-शिष्य परम्परा केवल सिखों के लिए ही नहीं, बल्कि प्रत्येक भारतीय के लिए मायने रखती है, हर भारतीय सिख परम्परा के लिए सम्मान का भाव रखता है और इस परम्परा पर गौरव की अनुभूति करता है, इसलिए गुरु परम्परा से जुड़े पर्व और त्योहार सिख समाज तक सीमित नहीं होने चाहिएं, बल्कि सभी भारतीयों को मिलकर इन्हें मनाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने ये विचार अपने सरकारी आवास पर आयोजित साहिब श्रीगुरुनानक देव महाराज के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित महान कीर्तन दरबार में व्यक्त किए। मुख्यमंत्री ने कीर्तन दरबार में बैठकर कीर्तन भी सुना। उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व की तैयारी के लिए निकली भव्य यात्रा का अपने आवास पर स्वागत करना तथा परमपवित्र श्रीगुरुग्रंथ साहिब के सामने कीर्तन दरबार में सम्मिलित होना उनका सौभाग्य है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ दिन पश्चात गुरुनानक देवजी के 550वें प्रकाश पर्व का शुभारम्भ होगा, केंद्र और राज्य सरकार इस कार्यक्रम के साथ जुड़ी है। उन्होंने कहा कि गुरुनानक देवजी हम सभी के हैं, उनके आशीर्वाद से ही वर्तमान में हम स्वतंत्र और प्रगतिशील हैं, यह कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुनानक देवजी का संदेश पूरी मानवता के लिए है, उनके 550वें प्रकाशोत्सव को पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ मनाया जाना चाहिए, इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कमेटी गठित की है और सभी सरकारें इस आयोजन में सम्मिलित होंगी एवं राज्य सरकार इस आयोजन में पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाबी अकादमी तथा राज्य के पर्यटन, संस्कृति, सूचना और सम्बंधित विभागों को आयोजन हेतु एक कार्यक्रम बनाकर, उसे लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में गुरुनानक देवजी से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए भी कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुनानक देवजी ने मानवता के कल्याण के लिए अनेक यात्राएं कीं, वृहत्तर भारत के अतिरिक्त उन्होंने अन्य देशों की यात्राएं कीं और अपनी आध्यात्मिक शक्ति से लोगों को सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुनानक देवजी ने बाबर के अत्याचारों का डटकर विरोध किया और लोगों को उसके अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भक्ति की शक्ति है, जो लोगों को सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है तथा धर्म पर आंच आने पर सत्य के संधान हेतु प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि यही सिख परम्परा भी है, गुरुनानक देवजी से प्रारम्भ हुई इस परम्परा में गुरु गोविंद सिंह तक आकर शस्त्र और शास्त्र का अद्भुत समन्वय दिखता है। उन्होंने कहा कि भक्ति, शक्ति, पुरुषार्थ तथा परिश्रम में प्रत्येक सिख अग्रणी रहता है, यह समाज अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से अपना स्थान बना रहा है, देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब की बड़ी भूमिका है, उत्तर प्रदेश में तराई क्षेत्र के विकास में सिख समाज का बड़ा योगदान है, सिख समाज की प्रगति और सफलता में गुरु कृपा का भी योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख परम्परा का इतिहास पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए, सिख गुरुओं के संदेश से युवाओं को परिचित कराने के लिए गुरुनानक देव स्टडी सर्किल ने जो कार्यक्रम बनाया है, राज्य सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को यह जानकारी होनी चाहिए कि देश और धर्म इसलिए सुरक्षित है, क्योंकि गुरु परम्परा ने त्याग और बलिदान दिया है।
महान कीर्तन दरबार कार्यक्रम को अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख तथा गुरुनानक देव स्टडी सर्किल के चीफ कोलोबोरेटर ब्रिजिंदर पाल सिंह ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पधारे सिख समुदाय के प्रमुख धर्म गुरुओं को सम्मानित किया। सम्मानित धर्मगुरुओं में बाबा वचन सिंह, बांग्ला साहिब, बाबा तेजा सिंह, बाबा राजेंद्र सिंह, बाबा अनूप सिंह, बाबा मोहन सिंह, बाबा दलजीत सिंह, बहन इंदरजीत कौर खालसा, बाबा अजायब सिंह अभ्यासी, सरदार गुरुदास सिंह, बाबा निर्मल सिंह, बाबा तरसेम सिंह सम्मिलित थे। अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख ने मुख्यमंत्री को सरोपा भेंट किया। महान कीर्तन दरबार में गुरुनानक यात्रा-कानपुर से अयोध्या के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम में भूपिंदर सिंह ‘गुरदासपुरी’ ने कीर्तन प्रस्तुत किए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, नगरविकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, चिकित्सा शिक्षामंत्री आशुतोष टंडन, परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र देव सिंह, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह, जनप्रतिनिधि, संत समाज और श्रद्धालु उपस्थित थे।