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Wednesday 10 July 2019 02:46:15 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पूर्वांचल के विकास का ठोस मॉडल तैयार किया जाए, जिसमें कृषि, पर्यटन, शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, निर्यात इत्यादि पर पूरी तरह से फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विकास के मॉडल में रोज़गार के प्रचुर अवसर प्रदान करने की भी क्षमता होनी चाहिए, तभी यह अपने उद्देश्य को पूरा कर सकेगा। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में विकास और रोज़गार की अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं, इन सम्भावनाओं के दोहन के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा और राज्य सरकार पूर्वांचल के विकास के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने लोकभवन में पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में कहा कि इस बोर्ड का गठन परामर्शी संस्था के रूपमें किया गया है, इसका दायित्व पूर्वांचल विकास के लिए सकारात्मक सुझाव देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं का आकलन करते हुए उनके बेहतर क्रियांवयन में बोर्ड अपने सुझाव दे सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चाधिकारियों को बोर्ड के उपाध्यक्षों तथा सदस्यों को प्रोटोकॉल के तहत सभी अनुमन्य सुविधाएं तीन दिन के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने नियोजन व वित्त विभाग को बोर्ड के प्रति प्रापर प्रोटोकॉल लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने नियोजन विभाग के तहत क्षेत्रीय नियोजन प्रभाग के प्रस्तुतिकरण का भी अवलोकन किया। पूर्वांचल जनपदों में शिक्षास्तर में सुधार के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्षों तथा समस्त सदस्यों को पूर्वांचल शिक्षाविदों के साथ बैठकर विचार-विमर्श करना चाहिए और इसके बाद एक कार्ययोजना प्रस्तुत करनी चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके। उन्होंने बोर्ड के उपाध्यक्षों तथा सदस्यों से प्राथमिक विद्यालयों के भवनों में कायाकल्प योजना के तहत कराए गए विभिन्न विकास कार्यों का अध्ययन करने को कहा और जहां सुधार की सम्भावना हो, वहां अपने सुझाव देने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने जुलाई माह से संचालित स्कूल चलो अभियान तथा अन्य अभियानों के क्रियांवयन की स्थिति का आकलन करने का भी सुझाव दिया, जिससे यह पता चल सकेगा कि यह अभियान कितनी सफलता के साथ पूर्वांचल में लागू किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड पूर्वांचल विकास के लिए लोगों में सकारात्मक सोच का आधार तैयार करे, पर्यटन विकास, कृषि के लिए उन्नत बीजों की उपलब्धता, कृषकों की दोगुनी आय, सिंचाई व्यवस्था इत्यादि पर लोगों से विचार-विमर्श कर अपने बहुमूल्य सुझाव दें। मुख्यमंत्री ने पूर्वांचल के सुप्रसिद्ध ‘काला नमक’ चावल की उत्पादकता बढ़ाने और फिर इसे एक ब्रांड के रूपमें स्थापित करने और पैकेजिंग कर इसके निर्यात की सम्भावना को तलाशने का भी सुझाव दिया। इसी प्रकार जनपद प्रतापगढ़ के आंवले से बने उत्पादों की मार्केटिंग का भी सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों की समस्याओं पर अपनी रिपोर्ट सम्बंधित जिलाधिकारी या विभाग को दे सकता है एवं बोर्ड अपने सुझावों की रिपोर्ट शासन को भी उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि इस बोर्ड के सभी सदस्य पूर्वांचल के विकास के लिए कटिबद्ध होकर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बोर्ड की मीटिंग हर तीन महीने पर पूर्वांचल के मंडलों में आयोजित करने के निर्देश दिए।
पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष (आजमगढ़) नरेंद्र सिंह ने बोर्ड के साथ अन्तर्विभागीय समन्वय पर जोर दिया और पूर्वांचल विकास के लिए रोडमैप बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने पूर्वांचल में चिकित्सा सुविधा को और प्रभावी बनाए जाने को कहा। पूर्वांचल विकास बोर्ड के दूसरे उपाध्यक्ष (वाराणसी) दयाशंकर मिश्र ने पूर्वांचल क्षेत्रों की प्राथमिक चिकित्सा, प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति, नहर निर्माण, जल संरक्षण, तालाबों की रीचार्जिंग, वाराणसी को विश्व धरोहर के रूपमें मान्यता दिलाने, नई काशी के निर्माण, चंदौली के आसपास के क्षेत्रों और झरनों तथा सलखल के फॉसिल पार्क का पर्यटन स्थल के रूपमें विकसित किए जाने के सम्बंध में विचार व्यक्त किए। बैठक में मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव नियोजन दीपक त्रिवेदी, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव सिंचाई टी वेंकटेश, प्रमुख सचिव लोकनिर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, मंडलायुक्त प्रयागराज आशीष गोयल और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।