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Wednesday 17 July 2019 02:53:55 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतरत्न सी सुब्रमण्यम सभागार पूसा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 91वें स्थापना दिवस एवं पुरस्कार समारोह में कहा है कि आईसीएआर ने अपने प्रयासों से भारत को न केवल एक खाद्यान्न आयातक राष्ट्र से एक निर्यातक राष्ट्र के रूपमें स्थापित किया, वरन खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भरता प्रदान करते हुए पोषणिक सुरक्षा की तरफ कदम भी बढ़ाए हैं। उन्होंने बताया कि देश के कुशल कृषि वैज्ञानिकों के अनुसंधान और किसान भाइयों की कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप दलहन उत्पादन में वर्ष 2017-18 में लगभग 25 मिलियन टन का नया रिकॉर्ड हासिल किया गया है, बागवानी में तो तिहरे शतक का आंकड़ा पार कर लिया गया है, यही नहीं, देश तिलहन सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। कृषिमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का फोकस वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर है, इसी के मद्देनज़र वर्ष 2018 एवं 2019 का केंद्रीय बजट पूरी तरह से किसानों और खेती-बाड़ी को समर्पित किया गया है, बजट में कृषि मंत्रालय को 1,30,485 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो वर्ष 2018-19 के मुकाबले 140 प्रतिशत अधिक है, यह किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, इसमें किसानों और कृषि वैज्ञानिकों का योगदान महत्वपूर्ण है।
कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं, जिसमें एमएसपी में बढ़ोतरी करना, खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई का अनुमोदन करना, दशकों से अटकी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना, फसल बीमा योजना का विस्तार करना, 100 प्रतिशत नीम लेपित यूरिया का उपयोग करना और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को लागू करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के वितरण का पहला दौर पूरा किया जा चुका है और अब दूसरे दौर में वितरण का कार्य भी शुरु कर दिया गया है, इसके अतिरिक्त किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की गई है, इससे प्रत्येक किसान को जोड़ा जा रहा है। फसल उपज के भंडारण के लिए ‘ग्रामीण भंडारण योजना’ के माध्यम से किसानों को उनके गांव में ही भंडारण की सुविधा प्रदान की जाएगी, इसके साथ ही किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए दस हजार नए ‘किसान उत्पादक संगठन’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए जल प्रबंधन एक बड़ा विषय है, कम जल से खेती हो, इसके लिए ‘प्रति बूंद ज्यादा फसल’ की अवधारणा को गंभीरता से लेना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी कुल खेती योग्य भूमि में सूक्ष्म सिंचाई का प्रतिशत बढ़ाना होगा, सिंचाई की दृष्टि से जल संकट से बचने के लिए प्रधानमंत्री ने दूरदर्शिता दिखाते हुए नए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की पोषण सुरक्षा के लिए सरकार ने 'पोषक अनाज' की खेती और खपत को प्रोत्साहित करने हेतु राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2018 पर राष्ट्रीय बाजरा मिशन प्रारंभ किया था, इसके साथ ही आईसीएआर ने विभिन्न फसलों में 35 जैव सक्षम किस्में निकाली हैं, जिनका कुपोषण कम करने में महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने बताया कि कृषि और किसानों को आगे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने आईएआरई पूसा संस्थान की तर्ज पर दिल्ली से बाहर पहलीबार आईएआरआई असम और आईएआरआई झारखंड की स्थापना की है। सरकार प्रयोगशाला से खेत तक कार्यक्रम को मजबूती प्रदान कर रही है और इस दिशा में आईसीएआर के कृषि विज्ञान केंद्र भी बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कृषि विकास और खेती का रकबा बढ़ाने के साथ-साथ युवाओं का रुझान खेती की ओर बढ़ाने के लिए नीति निर्माण की आवश्यकता जाहिर की। कृषिमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहलीबार सीधे किसानों के बैंक खातों में 87,000 करोड़ रुपये की बड़ी राशि जमा की जा रही है। कृषिमंत्री ने आईसीएआर के विशिष्ट पुरस्कार पाने वाले संस्थानों, किसानों और पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित तौरपर इन पुरस्कारों से कृषि कार्यों से जुड़े संस्थानों व लोगों को प्रेरणा मिलेगी, जिससे वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी लक्ष्य को प्राप्त करने में निश्चित रूपसे सफलता हासिल होगी।