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Thursday 18 July 2019 04:02:09 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में उच्चतम न्यायालय के अतिरिक्त भवन परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्हें विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में अनुदित उच्चतम न्यायालय के 100 महत्वपूर्ण फैसलों की एक प्रति भेंट की गई। राष्ट्रपति ने कहा कि नौ विभिन्न भारतीय भाषाओं में न्यायालय के जिन 100 अहम फैसलों का अनुवाद किया गया है, उन फैसलों ने एक नई शुरुआत की है, इनमें श्रम कानूनों, उपभोक्ता संरक्षण, परिवार और व्यक्तिगत कानूनों, भूमि अधिग्रहण और किराया विवादों को निपटाने से संबंधित फैसलों को प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि ये आम लोगों की चितांओं से जुड़े विषय हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करने का यह काम सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के ज्यादातर फैसले और विशेष रूपसे संवैधानिक मामलों से जुड़े फैसले सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि शुरुआती तौरपर यह कानूनी विवादों को सुलझाने के लिए एक वरदान साबित होगा, लेकिन अंततः देश में कानून की बारीकियों को समझने में आसानी एवं बहुत मदद करेगा और इसके जरिए कानूनी रूपसे जागरुक और प्रबुद्ध समाज के निर्माण में भी मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय प्रणाली की दक्षता और जवाबदेही, गुणवत्ता और संख्या दोनों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां हमारे न्यायाधीशों की प्रतिभा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को दुनियाभर में सराहा जाता है, वहीं दूसरी ओर न्यायालयों में समय-समय पर रिक्तियों और न्यायाधीशों की संख्या की समस्या भी उत्पन्न हुई है, फिर भी आज हम इस स्थिति में हैं कि उच्चतम न्यायालय में सभी 31 रिक्त पदों को सक्षम जजों से भर दिया गया है, यह पूरे एक दशक के बाद हुआ है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए कॉलेजियम और सरकार को बधाई दी।