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Friday 19 July 2019 01:51:59 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत वाणिज्य विभाग के ई-मार्केटप्लेस और भारतीय इस्पात प्राधिकरण के बीच जीईएम संगठनात्मक रूपांतरण दल परियोजना प्रबंधन इकाई की स्थापना के लिए एक समझौता हुआ है। समझौता ज्ञापन पर जीईएम के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस सुरेश कुमार और सेल के निदेशक (तकनीकी) हरिनंद राय ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर इस्पात मंत्रालय में सचिव बिनॉय कुमार और वाणिज्य मंत्रालय में सचिव अनूप वधावन और सेल के सीएमडी अनिल चौधरी भी उपस्थित थे। सार्वजनिक खरीद प्रणाली सरकार के प्रभावी और कुशल कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सरकार के विभिन्न स्तरों पर सभी क्षेत्रों के प्रदर्शन को मजबूती देता है।
जीईएम-राष्ट्रीय खरीद मंच की शुरुआत अगस्त 2016 में योजनाएं ठीक से नहीं बनने, अपर्याप्त प्रतिस्पर्धा, खरीद प्रक्रिया में देरी, उच्च निविदा प्रीमियम/ बुनियादी ढांचे की उच्च लागत, भ्रष्टाचार के आरोपों और शिकायतों को दर्ज करने की खराब व्यवस्था जैसी कमियों को दूर करने के लिए की गई थी। जीईएम सार्वजनिक खरीद की सभी जरूरतों के लिए प्रौद्योगिकी और डोमेन डेटाबेस का लाभ उठाते हुए एक खुला, समावेशी और प्रभावी समाधान प्रदान करता है। सरकारी कार्यालयों को बाज़ार आधारित सरकारी खरीद से जोड़ने के लिए वित्त मंत्रालय के परिव्यय विभाग ने केंद्र पिछले महीने केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रालयों तथा विभागों को जीओटीटी की सेवाएं लेने पर विचार करने का आग्रह किया था। जीओटीटी क्रेता एजेंसी की व्यापार गतिविधियों, प्रक्रियाओं, क्षमताओं आदि में मदद करेगी, ताकि एजेंसी, खुले बाजार आधारित खरीद के लिए जरूरी बदलाव ला सके।
वाणिज्य विभाग और इस्पात प्राधिकरण में इस समझौते पत्र से सेल जीओटीटी स्थापित करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पहली कंपनी बन गई है। अनुमान है कि जीओटीटी पीएमयू की पहल से सेल पहले वर्ष में 1700 करोड़ रुपये तक का लेनदेन (वार्षिक सकल खरीद मूल्य-जीएमवी) करने में सफल होगी। आने वाले वर्ष में कुल लेनदेन 9,000 करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद है। इस प्रकार कंपनी अपनी सार्वजनिक खरीद का कुशलतापूर्वक मुद्रीकरण कर पाएगी।