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Friday 2 August 2019 01:09:46 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में अनुकम्पा आधार पर चुने गए उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। चुने गए 9 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि अनुकम्पा आधार पर नियुक्तियों के लिए सरकार की एक प्रणाली है, जिसमें सेवानिवृत्ति से पहले जिस सरकारी कर्मचारियों का निधन हो जाता है उसके आश्रितों को रोज़गार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि उचित आवेदकों की नियुक्ति उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर की जाती है और आजीविका को समर्थन देने के लिए की जाती है।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रसन्नता और संतोष व्यक्त किया कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने यह लम्बित प्रक्रिया पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि यह मानवीय विषय है और इस कदम से परिवारों को आजीविका की आवश्यकताओं को पूरी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि अनुकम्पा आधार पर 18 रिक्तियां थीं, जिसमें से 9 का चयन किया गया है और नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। उन्होंने उम्मीदवारों को बधाई दी और सरकार की प्रणाली में योगदान देने के लिए परिश्रम करने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि पिछली बार इस तरह की नियुक्ति वर्ष 2011 की रिक्तियों को भरने के लिए 2014 के दौरान की गई थी, अभी 2012 और उससे आगे की रिक्तियों को भरने के लिए नियुक्तियां की जा रही हैं, इन वर्षों में कुल 18 रिक्तियां हुईं और 18 आवेदन प्राप्त हुए।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि अनुकम्पा आधार पर सर्वाधिक सुपात्र आश्रितों की नियुक्ति हो एक उपसमिति बनाई गई है, ताकि आश्रितों की आर्थिक स्थिति का सत्यपान किया जा सके। उन्होंने कहा कि जांच समिति की 15 मई 2019 को बैठक हुई थी, जिसमें अनुकम्पा नियुक्तियों के लिए दिशा-निर्देशों के आधार पर आवेदकों का मूल्यांकन किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच समिति ने उप समिति की रिपोर्ट पर भी विचार किया था और 2012 से चली आ रही रिक्तियों को भरने के लिए एमटीएस पद पर 9 सर्वाधिक पात्र आवेदकों की सिफारिश की गई थी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे पहले मृतक कर्मचारी के शोकाकुल परिवार को 7 वर्ष तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। इस दौरान प्रशासनिक सुधार तथा लोक शिकायत तथा पेंशन विभाग के सचिव केवी ईअपेन और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।