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Tuesday 6 August 2019 06:04:45 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के दीक्षांत समारोह में 237 छात्रों को डिप्लोमा प्रदान किया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने वर्ष 2010 और 2019 के बीच एनएसडी में तीन साल का पाठ्यक्रम पूरा करने वाले देशभर के 237 छात्रों का अभिनंदन किया। संस्कृति राज्यमंत्री ने इस अवसर पर छात्रों को बधाई दी और एनएसडी के छात्र के रूपमें डिप्लोमा ग्रहण करने के लिए उन्हें सौभाग्यशाली करार दिया। उन्होंने कहा कि एनएसडी का अध्ययन और अनुभव आनेवाले दिन में इन छात्रों को निश्चित रूपसे केवल अच्छा कलाकार बनने में ही नहीं, बल्कि बेहतर इंसान बनने में भी सहायता करेगा। संस्कृति राज्यमंत्री ने कहा कि यदि ये छात्र आज खुदपर गौर करेंगे तो इस संस्थान की बदौलत वे खुद को बदला हुआ व्यक्तित्व पाएंगे।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दुनिया में नाट्य कला प्रशिक्षण का प्रमुख संस्थान है, जिसे हाल ही में अमेरिका की सीईओ वर्ल्ड पत्रिका ने विश्व के सर्वोत्तम फिल्म स्कूलों में से 14वां दर्जा प्रदान किया है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि 60 वर्ष के समृद्ध इतिहास के साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय भारतीय और विश्व रंगमंच के बड़े नामों में से एक है और मुझे यह कहते हुए बेहद गर्व और विश्वास महसूस होता है कि भारत में ललित कला क्षेत्र में मौजूद आधे से अधिक लोगों के इस प्रतिष्ठित संस्थान के साथ संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि रंगमंचकर्मी हमारे संस्थान की ओर अपेक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं के साथ देखते हैं, इससे थियेटर के प्रति हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है एवं हमारे स्नातक उन महत्वाकांक्षाओं को अपने हुनर और विश्वास के साथ पूरा कर रहे हैं, जिनके कार्य भविष्य में हमें और ज्यादा गौरवांवित करेंगे। एनएसडी सोसाइटी के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ अर्जुनदेव चारण ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह रंगमंच के क्षेत्र में व्यावसायिक विशेषज्ञता की स्वीकारोक्ति है।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय 1959 में स्थापित भारत में अपनी तरह का एकमात्र संस्थान है और यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा पूरी तरह वित्तपोषित एक स्वायत्त संगठन है। दुनिया के अग्रणी रंगमंच प्रशिक्षण संस्थानों में से एक एनएसडी की स्थापना संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में हुई थी और 1975 में यह पूरी तरह स्वतंत्र इकाई बन गया। यह संस्थान सिद्धांतों के व्यावहारिक कार्यांवयन पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए रंगमंच के प्रत्येक पहलू में तीन साल के पूर्णकालिक, आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की पेशकश करता है। समारोह में एनएसडी के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार, रंगमंच की जानी-मानी हस्ती, एनएसडी के पूर्व निदेशक रतन थियाम और संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव निरूपमा कोतरू भी उपस्थित थे। डॉ अर्जुनदेव चारण और प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।