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Wednesday 7 August 2019 01:04:11 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने यूपी 100 मुख्यालय लखनऊ के अभिव्यक्ति सभागार में राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस की एक दिवसीय लिंग संवेदीकरण कार्यशाला में कहा है कि लिंग संवेदीकरण एवं एम्पावरमेंट का वास्तविक तत्पर्य यह है कि प्रत्येक महिला निर्भिक होकर अपने जीवन के निर्णय स्वयं ले सके और पुलिस को ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए, जिसमें यह सम्भव हो सके। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा को सुनिश्चित कर ही हम समग्र विकास और प्रगति की ओर अग्रसर हो सकते हैं। ओपी सिंह ने लिंग संवेदीकरण विषय की प्रासंगिकता और उपयोगिता पर प्रकाश डाला और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ महिलाओं की समाज में महत्वपूर्ण भागीदारी को स्वीकार करने का आह्वान किया।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने फेसबुक, ट्वीटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से प्राप्त महिला संबंधी शिकायतों में उत्तर प्रदेश पुलिस की त्वरित प्रभावी कार्रवाई के संबंध में कई उदाहरण दिए। उन्होंने महिला संबंधी अपराधों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस की प्रतिबद्धता को सराहा। पुलिस महानिदेशक ने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे कार्यक्रमों से उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों के अंदर संवेदनशील भावना में वृद्धि होगी और यह प्रयास उनको संवेदी पुलिस बनाने में सार्थक और उपयोगी सिद्ध होगा। पुलिस महानिदेशक ने कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों से भी अपेक्षा की कि कार्यशाला से प्राप्त अनुभवों का वे अपने-अपने जनपदों और इकाईयों में व्यापक प्रचार-प्रसार करके अपने अधिकारियों एवं सहकर्मियों को भी इसकी उपयोगिता एवं जानकारी से अवगत कराएंगे।
लिंग संवेदीकरण कार्यशाला में राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली से आए विषय विशेषज्ञों ने लिंग संवेदीकरण एवं महिला संबंधी अपराधों से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विचार व्यक्त किए और प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान किया। राष्ट्रीय महिला आयोग के काउंसलर सर्वेश कुमार पांडेय ने लिंग संवेदीकरण और पुलिस और जनता के बीच बेहतर संवाद एवं संबंध पर विचार व्यक्त किए। प्रिया भारद्वाज कनिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली एवं देबलीना बनर्जी ने महिलाओं के साथ होने वाले अपराध, विवाह संबंधी प्रकरण एवं महिला संबंधी अपराधों में पुलिस की कार्रवाई और भूमिका पर प्रकाश डाला। साइबर पीस फाउंडेशन से जैनिस वर्गीज ने महिलाओं के साथ हो रहे साइबर क्राइम के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला में अपर पुलिस महानिदेशक (मानवाधिकार) एमके बशाल, अपर पुलिस महानिदेशक यूपी-100 डीके ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार और प्रत्येक पुलिस इकाई ने प्रतिभाग किया।