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सेवानिवृत्त कर्मचारी देश की संपदा हैं-राज्यमंत्री

सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श कार्यशाला एवं अनुभव पुरस्कार दिए

अखिल भारतीय पेंशन अदालत का भी आयोजन किया गया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 24 August 2019 12:36:54 PM

dr. jitendra singh presenting the anubhav awards- 2019

नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन कल्याण विभाग में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी देश की संपदा हैं और उनकी क्षमताओं का कारगर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह बात राजधानी दिल्ली में सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श कार्यशाला और अनुभव पुरस्कार 2019 कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम का आयोजन कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने किया था। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अनुभव पोर्टल 2015 प्रधानमंत्री के आह्वान पर तैयार किया गया था, जिसका उद्देश्य सेवानिवृत्त अधिकारियों के समृद्ध अनुभवों को डिजिटल रूपमें संरक्षित करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में पुरस्कार योजना शुरु की गई, ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। वर्ष 2016 से ही हर वर्ष वार्षिक समारोह का आयोजन भी होने लगा, यह इस श्रृंखला का चौथा वार्षिक पुरस्कार है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर अखिल भारतीय पेंशन अदालत का भी उद्घाटन किया। देश के कई हिस्सों में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने पेंशन अदालतों का आयोजन किया, जिनमें हजारों मामलों पर गौर किया गया, पचास से अधिक केंद्रों को वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए दिल्ली के सम्मेलन से जोड़ा गया। ये मामले संस्कृति मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, राज्यसभा और लोकसभा सचिवालय इत्यादि से जुड़े थे। सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श कार्यशाला में कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से संबंधी विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अनुभव देश के लिए लाभदायी हैं। उन्होंने देशभर में पेंशन अदालतों के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पेंशन अदालतों के आयोजन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बैंकों को भी पेंशनभोगियों की समस्याओं के प्रति जागरुक होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं को सरल बनाने की जरूरत है, ताकि व्यावहारिक समस्याएं और अड़चनें दूर हो सकें।
पेंशन सचिव केवी ईप्पन ने कहा कि पिछले वर्ष पेंशन अदालत में 12,849 मामले आए थे, जिनमें से 9,368 मामलों का समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया आसान हो। उन्होंने बताया कि एक पेंशन डैशबोर्ड निगरानी के लिए शुरु किया गया है, ताकि शिकायत निपटान प्रणाली और कारगर हो सके। उन्होंने कहा कि यह पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे का अंग है।

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