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Friday 30 August 2019 04:08:40 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर राजभवन में वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी और डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करने पर सम्मानित किया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने कहा कि व्यायाम एवं खेल से शारीरिक तथा शिक्षा एवं चिंतन मनन से व्यक्ति का मानसिक विकास होता है, कहा भी जाता है कि ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।’ उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में केवल खेलते या पढ़ते ही नहीं रहना चाहिए, अपितु जीवन का एक उद्देश्य होना चाहिए, खेलने के समय खेलना और पढ़ने के समय पढ़ना।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जो पाठ शिक्षा नहीं सिखा पाती, वह खेल का मैदान सिखा देता है, खेलते समय अनुशासन में रहना, नेतृत्व की आज्ञा का पालन करना, खेल में जीत के समय उत्साह, हारने पर सहिष्णुता तथा विरोधी के प्रति प्रतिरोध का भाव न रखना, अपनी असफलता का पता लगने पर जीतने के लिए पुनः प्रयत्न करना, यह सब खेल ही सिखाता है। उन्होंने कहा कि खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन सभी विश्वविद्यालयों में होने चाहिएं, इससे देश को नई प्रतिभाएं मिलेंगी। राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ियों ने जैसे अपनी प्रतिभा के आधार पर पदक प्राप्त किए हैं, उसी प्रकार वे देश के योग्य और जिम्मेदार नागरिक भी बनें। राज्यपाल ने कहा कि नए भारत के निर्माण में युवाओं की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने खिलाड़ियों का आह्वान किया कि वे भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाएं, पानी को बर्बाद होने से बचाएं, स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें और उतना ही भोजन थाली में लें जितनी आवश्यकता हो, ताकि जूठन न बचे, बचे हुए खाने का उपयोग गरीब बच्चों की भूख मिटाने के लिए हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री सफाई कर सकते हैं तो शर्म किस बात की, शिक्षकों के साथ विद्यार्थी भी स्वच्छता अभियान में स्वतः जुड़ें। उन्होंने कहा कि देश से ग़रीबी तभी दूर होगी, जब साधन सम्पन्न लोग दूसरों की जरूरतों को देखेंगे।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर फिट इंडिया अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य है कि जब मनुष्य मानसिक एवं शारीरिक रूपसे फिट होगा तो देश भी फिट होगा। उन्होंने विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे आसपास के गांव को गोद लें और गांवों को रोग मुक्त, टीबी मुक्त, प्लास्टिक मुक्त, कुपोषण मुक्त और शिक्षा युक्त बनाने का नवाचार करें। उन्होंने कहा कि यह प्रयास होना चाहिए कि हर बच्चा पहली से 12वीं तक शिक्षा अवश्य प्राप्त करे और ड्राप-आउट जीरो प्रतिशत हो। उन्होंने कहा कि छात्राओं के लिए नजदीक में स्कूल न होने के कारण आमतौर पर उनकी पढ़ाई छूट जाती है, उनमें विश्वास जगाकर उनके पढ़ने का वातावरण बनाएं। इस मौके पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव, विश्वविद्यालय के पदाधिकारी एवं खेल प्रशिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम में वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने स्वागत उद्बोधन दिया और डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापित किया।