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Monday 2 September 2019 04:14:27 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने राजधानी नई दिल्ली में पुराना किला में जब्त एवं पुनर्प्राप्त पुरावस्तुओं की गैलरी का उद्घाटन किया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की यह गैलरी पुराना किला के धनुषाकार प्रकोष्ठों में स्थित है और सार्वजनिक रूपसे जब्त और पुनर्प्राप्त प्राचीन वस्तुओं को प्रदर्शित करती है। प्रह्लाद सिंह पटेल ने गैलरी के दौरे के बाद मीडिया से कहा कि यह गर्व की बात है कि हम अपनी विरासत की पिछली पुरावस्तुओं को विदेशों से वापस लाने में सफल रहे हैं और पांच वर्ष में बरामद की गई पुरावशेषों की संख्या अबतक की सबसे अधिक संख्या है। उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया, जिन्होंने न केवल इन पुरावशेषों को पुनः प्राप्त करने में मदद करने के प्रयास किए, बल्कि विदेश में अपने आधिकारिक दौरों के दौरान वे व्यक्तिगत रूपसे उन्हें वापस भी लाए हैं। उन्होंने कहा कि इससे विश्व के विभिन्न देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक संबंधों में निरंतर सुधार हो रहा है। इस प्रयास में उन्होंने एएसआई, सीबीआई, डीआरआई जैसी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के अथक प्रयासों की सराहना की।
पुरावस्तुओं की गैलरी में प्रदर्शित धरोहरें केंद्रीय पुरातन संग्रह का एक हिस्सा है, जिन्हें एएसआई की खोज और उत्खनित पुरावशेषों एवं उन पुरावस्तुओं को भी जिन्हें विदेश मंत्रालय और विभिन्न कानून लागू करने वाली एजेंसियों यानी पुलिस, सीबीआई, राजस्व खुफिया निदेशालय और कस्टम अधिकारियों की सहायता से पुनः प्राप्त और जब्त किया गया था। सीएसी में कुल 2,72,824 पुरावशेष संग्रहित किए गए हैं, जिनमें से 4,144 जब्त अथवा पुनर्प्राप्त पुरावशेष हैं। जब्त और पुनर्प्राप्त प्राचीन वस्तुओं की गैलरी सीएसी संग्रह से प्राचीन से आधुनिककाल से संबंधित 198 जब्त और पुनर्प्राप्त किए गए पुरावशेषों का एक हिस्सा प्रदर्शित करती है। प्रदर्शनी आगंतुकों को विरासत की बहुमूल्य वस्तुओं के अवैध व्यापार और उन्हें पुनः प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया और नियमों के बारे में भी जागरुक करती है। गैलरी दो समानांतर वर्णनों को प्रदर्शित करती है, जो तस्करी की गई पुरावस्तुओं के देश-प्रत्यावर्तन के महत्व की एक समग्र समझ प्रदान करेगी। कथानकों में से एक सांस्कृतिक विरासत के महत्व, हमारी विरासत को नियंत्रित करने वाले कानून, सांस्कृतिक वस्तुओं की चोरी और तस्करी और तस्करी की प्राचीन वस्तुओं की पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया सहित संग्रहालय प्रदर्शन के एक बड़े परिप्रेक्ष्य को स्थापित करती है, जबकि दूसरी कथानक कलाकृतियों के आंतरिक सौंदर्य गुणों और आइकनोग्राफी पर ध्यान केंद्रित करेगी।
पुराना किला दिल्ली में गैलरी में प्रदर्शित ये वस्तुएं आदिकाल से आधुनिककाल तक और विभिन्न उद्गम स्थानों से जुड़ी हुई हैं। पुनर्प्राप्त या जब्त की गई पुरावशेषों की विस्तृत श्रृंखला में पत्थर और धातु की मूर्तियां, सिक्के, चित्र, हाथी दांत और तांबे की कलाकृतियां, वास्तुशिल्प पैनल आदि शामिल हैं। कई मूल्यवान पुरावशेष, कलाकृतियां और मूर्तियां भारत से चुरा ली गई हैं और विदेशों में बेची गई हैं। पुरातनता और कलानिधि अधिनियम-1972 और नियम-1973 के अनुसार यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का कर्तव्य है कि वह इनकी चोरी, अवैध निर्यात को रोके तथा पुरावशेषों के घरेलू व्यापार को विनियंत्रित करे। अबतक एएसआई ने भारत से चुराकर संयुक्तराज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, जर्मनी, कनाडा और इंग्लैंड भेजी गईं 44 पुरावस्तुओं को वहां से वापस ले लिया है और 119 अधिक पुरावशेष पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया में हैं। एएसआई के जागरुक प्रयासों के कारण इन कुछ वर्षों के दौरान एएसआई के तहत किसी भी केंद्रीय रूपसे संरक्षित स्मारक या संग्रहालय से कोई वस्तु चोरी नहीं हो पाई है। शुक्रवार को छोड़कर गैलरी सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सार्वजनिक रूपसे खुली रहेगी।