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Tuesday 3 September 2019 02:18:24 PM
टोक्यो। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने टोक्यो में जापान के रक्षामंत्री ताकेशी इवाया के साथ जापान-भारत रक्षा मंत्रालयी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दोनों मंत्रियों ने परस्पर सरोकार के अनेक मुद्दों पर चर्चा की, इनमें मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की व्यवस्थाओं को सशक्त करना, क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम करने की दिशा में नई पहलें शामिल हैं। भारत की ओर से आसियान देशों को केंद्र में रखते हुए एक नियम आधारित व्यवस्था तथा समावेशी और सबके लिए सुरक्षा पर जोर दिया गया। क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थायित्व के संदर्भ में भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी के महत्व के बारे में भी बातचीत की गई। दोनों मंत्रियों ने उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के बारे में मुक्त और बेबाक चर्चा की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत और सीमापार आतंकवाद दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री से कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और अनुच्छेद 370 को निरस्त करना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए लाभदायक है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है। उन्होंने जापानी कंपनियों और हितधारकों को लखनऊ में होने वाले द्विवार्षिक डेफएक्सपो 2020 में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। राजनाथ सिंह ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से भी मुलाकात की और शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बेजोड़ संबंध की सराहना की। रक्षामंत्री ने रक्षा मंत्रालयी वार्ता में विमर्श की विषय सामग्रियों के बारे में जापान के प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
जापान-भारत रक्षा मंत्रालयी बैठक में एक सामान्य समझदारी कायम हुई कि रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और भी अधिक सहयोग कायम होना चाहिए। बैठक में भारत-प्रशांत दृष्टिकोण पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रक्षामंत्री से आग्रह किया कि वे उनके अभिवादन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराएं। शिंजो आबे इस महीने न्यूयॉर्क में यूएनजीए के साथ-साथ आयोजित बैठक के दौरान नरेंद्र मोदी से मिलने के प्रति आशांवित हैं। राजनाथ सिंह ने टोक्यो के इचीगाया में जापानी सेल्फडिफेंस बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने जापान के रक्षा मंत्रालय मुख्यालय में सलामी गारद का निरीक्षण भी किया।