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Wednesday 11 September 2019 06:23:03 PM
मथुरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मथुरा में देश में पशुओं के खुरपका, मुंहपका रोग और ब्रूसेलोसिस के नियंत्रण एवं उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की। पूर्णतः केंद्र सरकार के प्रायोजित इस कार्यक्रम की व्यय राशि 12652 करोड़ रुपये है। पशुओं में बीमारियों में कमी लाने के प्रयास के तहत देशभर में 60 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने टीकाकरण और रोग प्रबंधन, कृत्रिम गर्भाधान और उत्पादकता पर राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम एवं देश के सभी 687 जिलों के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में एक राष्ट्रव्यापी कार्यशाला भी शुरु की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण और पशुधन हमेशा ही भारत की आर्थिक सोच और इसके दर्शन के केंद्र में रहे हैं, इसीलिए चाहे स्वच्छ भारत अथवा जल जीवन अभियान हो अथवा कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने की बात हो, हम हमेशा प्रकृति और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन कायम रखने की कोशिश करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में प्लास्टिक के एकल इस्तेमाल में कमी लाने पर जोर देते हुए कहा कि हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि इस वर्ष 2 अक्टूबर तक हमारे घरों, कार्यालयों, कार्यस्थलों को प्लास्टिक के एकल इस्तेमाल से छुटकारा मिले। उन्होंने सभी स्वयं सहायता समूहों, नागरिक समाज, गैर-सरकारी संगठनों, महिलाओं एवं युवाओं के संगठनों, महाविद्यालयों, विद्यालयों, प्रत्येक सरकारी और निजी संगठनों, प्रत्येक व्यक्ति से अपील की कि वे प्लास्टिक के एकल इस्तेमाल को रोकने के इस अभियान में शामिल हों। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें प्लास्टिक बैगों के लिए सस्ते और आसान विकल्पों को ढूंढना चाहिए और हमारे स्टार्टअप उद्योगों के माध्यम से बहुत से समाधान निकाले जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण और दूध उत्पादन से संबंधित कई और भी कार्यक्रम शुरु किए। उन्होंने कहा कि किसानों को आय बढ़ाने में पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन आदि में निवेश करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में हम खेती और संबंधित क्रियाकलापों के संदर्भ में एक नई पहुंच के साथ आगे बढ़े हैं और पशुधन, दूध उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं उनकी विविधता के क्रम में आवश्यक कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पशुओं के लिए हरे चारे और पोषक आहार की नियमित आपूर्ति के लिए एक समुचित समाधान ढूंढने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में दुग्ध क्षेत्र के विस्तार के लिए नवाचार और नई प्रौद्योगिकी समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे गांवों से इस प्रकार की नई खोजें की जाएं, इसके लिए हमने ‘स्टार्टअप ब्रांड चैलेंज’ की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने युवाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी अवधारणाओं को आगे ले जाने और उनके लिए समुचित निवेश जुटाने के लिए गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा, इससे रोज़गार के नए अवसर तैयार होंगे।