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Wednesday 20 November 2019 05:28:36 PM
एझीमाला (केरल)। भारत के राष्ट्रपति और भारतीय सैन्यबलों के सर्वोच्च कमांडर रामनाथ कोविंद ने आज एझीमाला में भारतीय नौसेना अकादमी को ध्वज प्रदान किया। यह ध्वज किसी सैन्य यूनिट को मिलने वाला सर्वोच्च सम्मान है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नौसेना अकादमी के 50 वर्ष पूरे होने पर आईएनए के वर्तमान और भूतपूर्व कर्मचारियों को इस दिवस को गौरवांवित करने के लिए उनके कठिन परिश्रम और समर्पण के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस अकादमी ने अपेक्षाकृत थोड़े समय में काफी ख्याति अर्जित की है। राष्ट्रपति ने इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि नौसेना अधिकारियों की पीढ़ी के लिए यह ध्वज प्रेरणा का प्रतीक बने। गौरतलब है कि तीनों सशस्त्र बलों में से पहलीबार 27 मई 1951 को नौसेना को यह ध्वज प्रदान किया गया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की तटरेखा बहुत विशाल है तथा यहां कई द्वीप मौजूद हैं, इन सभी द्वीपों और हमारी तटरेखा का सामरिक महत्व बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि समुद्र के माध्यम से हमारे कारोबार और ऊर्जा की आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा पूरा होता है, इसके मद्देनजर समुद्र की सुरक्षा बहुत आवश्यक है, ताकि जमीन पर आर्थिक तथा आधारभूत विकास और जनकल्याण सुनिश्चित हो सके। राष्ट्रपति ने कहा कि हम डिजिटल युग में रह रहे हैं और कल की जंग सूचना और प्रौद्योगिकी के मैदान में भी लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना अकादमी के तकनीकी स्नातकों से यह उम्मीद की जाती है कि वे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सदैव आगे रहें, ताकि जरूरत पड़ने पर वे बेहतर तैयारी के साथ प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने सभी कैडेटों से आग्रह किया कि वे अकादमी के प्रशिक्षण का भरपूर इस्तेमाल करें और भविष्य की जटिलता तथा अनिश्चितता से भरी दुनिया में बेहतर काम करें।
भारतीय नौसेना के 730 कैडेटों की भव्य परेड और सलामी गारद के दौरान आईएनए की ओर से अकादमी कैडेट कैप्टन सुशील सिंह ने ध्वज प्राप्त किया। इस अवसर को यादगार बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रपति ने एक विशेष पोस्टर कवर भी जारी किया। कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमवीर सिंह, केरल के बंदरगाह, संग्रहालय, पुरातत्व विभाग एवं अभिलेखागार राज्यमंत्री रामचंद्रन कदन्नापल्ली, दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमान प्रमुख वाइस एडमिरल एके चावला, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी एवं असैनिक अधिकारी, केरल की 32वीं बटालियन के एनसीसी कैडेट, सैनिक स्कूल कोडागू तथा पय्यानूर के बच्चे भी उपस्थित थे। कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए भारतीय नौसेना के जहाज मगर और सुजाता तथा भारतीय तटरक्षक जहाज सारथी का एट्टीकुलम खाड़ी में लंगर उठाया गया।