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Monday 16 March 2020 03:46:55 PM
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की अपनी पार्टी के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की। गृहमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास के लिए सभी कदम उठा रही है, जिसका अगले कुछ महीनों में जमीनी स्तरपर सुस्पष्ट बदलाव दिखने लगेगा। अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि सरकार का क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन लाने का कोई इरादा नहीं है और ऐसी किसी भी बातचीत का कोई आधार भी नहीं है। अमित शाह ने कहा कि धारा 370 निरस्त किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यही बात कही थी। गृहमंत्री ने कहा कि यह भारत के हितों के लिए भी अच्छा है, क्योंकि यह क्षेत्र एक सीमावर्ती क्षेत्र है। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रतिबंधों को लेकर प्रतिनिधिमंडल की आशंकाओं को दूर किया और कहा कि रियायतों पर सभी निर्णय जमीनी वास्तविकताओं पर आधारित हैं और किसी दबाव के कारण नहीं है। उन्होंने निवारक नज़रबंदी से लोगों को रिहा किए जाने, इंटरनेट की बहाली करने, कर्फ्यू में ढील देने जैसे कदमों का उल्लेख किया और कहा कि यहां तक कि राजनीतिक कैदी भी आने वाले समय में रिहा कर दिए जाएंगे, क्योंकि सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं होनी चाहिए, चाहे वह आम कश्मीरी हो या सुरक्षा कर्मचारी। गृहमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में जम्मू-कश्मीर की एक बेहतर अधिवास नीति होगी और व्यापक सलाह-मशवरों के बाद शीघ्र ही एक विवेकसम्मत आर्थिक विकास नीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के क्रियांवयन में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा और सभी वर्गों के हितों पर ध्यान दिया जा रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के त्वरित आर्थिक विकास के लिए शीघ्र ही एक औद्योगिक नीति घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले ही एक लैंड बैंक का सृजन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष में जम्मू-कश्मीर ने 13,000 करोड़ रुपये आकर्षित किए हैं और उम्मीद है कि 2024 तक क्षेत्र में तीन गुना और अधिक निवेश आएगा, क्योंकि इसके लिए प्रचुर संभावना है और निवेशक भी इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में बेरोज़गारी की समस्या का समाधान होगा। गृहमंत्री ने दोहराया कि गुज्जरों, खानाबदोशों और अन्य समुदायों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा एवं आरक्षण मुद्दे पर शीघ्र ही एक आयोग गठित किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर बैंक से संबंधित मुद्दे पर उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वह व्यक्तिगत रूपसे इसपर गौर करेंगे। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन में त्रुटियों का समाधान फास्ट ट्रैक आधार पर किया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि वह लेफ्टिनेंट गवर्नर को भी एक वरिष्ठ नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने को कहेंगे, जो सप्ताह में दो बार पीड़ितों से मिलेगा। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को निचले स्तरपर भी फीडबैक गृह मंत्रालय को उपलब्ध कराने को कहा। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास के लिए सभी पार्टियों और व्यक्ति विशेषों से सुझाव एवं फीडबैक पाने की इच्छुक है।