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Wednesday 22 April 2020 11:00:41 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोविड के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान में बड़ा योगदान करने के लिए रोटरी क्लब की सराहना की है। रोटरी क्लब के लोगों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंस में डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि मैं कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रोटरी क्लब के योगदान को काफी अहमियत देता हूं, पीएम केयर्स तथा अस्पतालों के लिए उपकरण, सैनिटाइजर, भोजन, व्यक्तिगत सुरक्षा किट और एन95 मास्क आदि के संदर्भ में रोटरी क्लब का योगदान सराहनीय है। डॉ हर्षवर्धन ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के उद्देश्य से देशभर के रोटरी क्लब के सदस्यों के साथ बातचीत की। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि 27 साल पहले जब उन्होंने सार्वजनिक जीवन में कदम रखा, तबसे उन्होंने रोटरी क्लब को दिल्ली और समूचे भारत में पोलियो उन्मूलन के लिए अपनी अनुकरणीय सेवाएं देते हुए देखा है। उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब फिर कोरोना संक्रमण जैसी चुनौती से निपटने के प्रयासों में भारत सरकार के साथ दृढ़ प्रतिबद्धता से खड़ा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि दुनिया के 215 देशों में अपने पैर पसार चुके कोरोना संक्रमण को पराजित करने के लिए हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं और मिलकर काम करना होगा। डॉ हर्षवर्धन ने रोटरी क्लब के पीएम केयर्स कोष में 26 करोड़ की राशि का योगदान प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि रोटरी क्लब ने लोगों के कल्याण के लिए जो भी मानवीय कार्य किए हैं, वे सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने चीन में कोरोना वायरस फैलने के खुलासे के साथ ही अपने यहां बचाव के कदम उठाने शुरु कर दिए थे और अगले दिन ही कदम उठाते हुए पहले संयुक्त निगरानी समूह की बैठक की गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह गठित किया गया, ताकि स्थिति के अनुसार महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकें, यह देशभर में इस घातक वायरस के खिलाफ एक उत्साही युद्ध की शुरूआत करने के लिए पर्याप्त था। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की कार्रवाईयों पर रोटरी क्लब की सकारात्मक और योग्य टिप्पणियों को सुनकर मैं बेहद संतुष्ट हूं, कोरोना संक्रमण से निपटने में डब्ल्यूएचओ सहित विश्वभर के नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भारत की सराहना की है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अधिकांश देश कोरोना वायरस के उन्मूलन के लिए टीका और दवा विकसित करने के प्रयासों में शामिल हैं, दुनिया इस तथ्य को स्वीकार करती रही है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत अन्य देशों की तुलना में बहुत बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि एक वैक्सीन के विकास में अधिक समय लगने वाला है, इसलिए तबतक हम एक प्रभावी सामाजिक टीके के रूपमें लॉकडाउन के नियमों के अनुपालन और सामाजिक दूरी बनाए रखने के सिद्धांतों पर निर्भर हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कई देश बहुत जरूरी टीके और दवा की खोज में लगे हैं, लेकिन इसे विकसित करने और फिर दुनियाभर में इलाज के लिए इस्तेमाल करने में काफी लंबा समय लगेगा। उन्होंने कहा कि भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी इस दिशा में कुछ नया करने के काम में लगा है, इसके अलावा कई ऐसी परियोजनाओं का वित्तपोषण भी किया जा रहा है, जिससे परीक्षण प्रक्रिया काफी तेज हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोबरा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ने केवल दो घंटे में कोविड-19 की पुष्टि करने वाली कम लागत वाली डायग्नोस्टिक टेस्ट किट विकसित की है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की वित्तपोषित चित्रा किटलैंप-एन नामक परीक्षण किट खासतौर से सार्स सीओवी-2 एन-जीन परीक्षण के लिए विशिष्ट है। यह जीन के दो क्षेत्रों का पता लगा सकती है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि परीक्षण किसी भी तरह से विफल न हो।
डॉ हर्षवर्धन ने आसपास के जोखिमों के बारे में जानने के लिए लोगों की जिज्ञासा का उल्लेख करते हुए आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन की प्रभावशीलता पर भी प्रकाश डाला, जिसे 5 करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है, यह भारत सरकार द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्लिकेशन है, इसका उद्देश्य कोविड-19 से संबंधित जोखिमों, सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रासंगिक सलाह के संबंध में एप्लिकेशन के उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने और लगातार सूचना देने के लिए भारत सरकार की पहल को बढ़ावा देना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना के प्रकोप के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की अभूतपूर्व मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के वितरण को सक्षम बनाने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों को टेली-परामर्श, डिजिटल पर्चे और दवाओं की होम डिलीवरी से संबंधित सेवाएं भी प्रदान की जा सकती हैं। उन्होंने रोटरी क्लब के लोगों से कहा कि वे कुछ निहित स्वार्थी तत्वों और गैरजिम्मेदार लोगों की गलत सूचनाओं पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि कोरोना से उबरने के लिए भारत सरकार ने 543 करोड़ एसएमएस भेजे हैं और वास्तविक बातचीत शुरू होने से पहले मोबाइल पर प्री-रिकॉर्डेड कॉलर ट्यून संदेश चल रहे हैं।