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Saturday 23 May 2020 07:15:59 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के अंतर्गत ‘बाघ और पर्यटन’ विषय पर नवीनतम वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार भारत में बाघों के आवास क्षेत्र की समृद्ध विरासत और भारत में पर्यटन के साथ इसकी प्रासंगिकता के बारे में था। वेबिनार सत्र का संचालन पर्यटन मंत्रालय में अपर महानिदेशक रुपिंदर ब्रार ने किया और प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षण फोटोग्राफर और फिल्म निर्माता, नेशनल जियोग्राफिक फेलो, फोटोग्राफी में बाफ्टा के विजेता और उत्कृष्ट छायांकन के लिए ईएमएमवाई नामांकित संदेश कदूर ने प्रस्तुतिकरण दिया। अगुम्बे के सुरम्य जंगलों के बीच संदेश कदूर ने अपनी किशोरावस्था में यात्रा के दौरान बाघ और पर्यटन पर एक घंटा लंबी बातचीत शुरू की थी, जब वे प्रसिद्ध ब्रिटिश शिकारी जिम कॉर्बेट की किताबें पढ़ते थे और जंगल की बड़ी बिल्लियों के बारे में जानने के लिए प्रेरित होते थे। लगभग 8 साल पहले ही उन्होंने बाघ और पर्यटन पर एक वीडियो तैयार करने के लिए पूरे भारत की यात्रा की, जिसमें उन्होंने समझा कि भारतीय पर्यटन इन शक्तिशाली धारीदार जीवों की बड़ी आबादी से कैसे प्रभावित हैं।
संदेश कदूर ने उल्लेख किया है कि हालांकि मानव जाति का बाघों के प्रति आकर्षण सहस्राब्दियों से अस्तित्व में है। भारत के दक्षिण पश्चिमी समुदायों के माध्यम से आंतरिक संबंध को सफलतापूर्वक देखा गया है, जो मंदिर से मंदिर और गांव से गांव तक पैदल चलने वाले बाघधारियों में खुद को चित्रित करके बाघों के प्रति अपनी श्रद्धा दिखाते हैं। तटवर्ती कर्नाटक का प्रसिद्ध लोकनृत्य हुली वेशा या पीली येसाइस, नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के सम्मान में किया जाता है, जिनका पसंदीदा जानवर बाघ है। दुनिया के बाघों की 70 प्रतिशत आबादी भारत के विभिन्न परिवासों में पाई जाती है, जिनमें देशभर में फैले 50 रिज़र्वों में बड़ी बिल्लियों की लगभग 15 प्रजातियां मौजूद हैं। उत्तर भारत के उत्तराखंड राज्य में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से शुरू होकर उत्तर पूर्व असम में काजीरंगा नेशनल पार्क की नम भूमि और पूर्वी पश्चिम बंगाल के सुंदरबन से लेकर राजस्थान में रणथंभौर नेशनल पार्क की सूखी भूमि, मध्य भारत में मध्य प्रदेश में कान्हा और बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से लेकर पश्चिमी घाटों के वर्षा वनों नागरहोल नेशनल पार्क, पेरियार टाइगर रिज़र्व, बांदीपुर नेशनल पार्क और अनामलाई टाइगर रिज़र्व, दक्षिण भारत में मदुमलाई नेशनल पार्क जैसे कई अन्य स्थानों पर इन बड़े जानवरों को सुरक्षित रखा गया है।
वृत्तचित्र वाइल्ड कैट्स ऑफ इंडिया के फिल्म निर्माता संदेश कदूर का जोर देकर कहना है कि एक जिम्मेदार पर्यटक होने और सह-अस्तित्व का अभ्यास करने से इन विशाल बिल्लियों के जीवन की रक्षा करने का लंबा रास्ता तय होगा। वन्यजीवों में भारत की आश्चर्यजनक विविधता लोगों को बड़ी संख्या में देश का दौरा करने के लिए आकर्षित करती है और ऐसी भीड़ बाघों और अन्य वन्य जानवरों के लिए खतरा हो सकती है, अगर स्थिरता को केंद्र बिंदु नहीं बनाया जाता है। देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला 14 अप्रैल 2020 को शुरू की गई थी, जिसमें अब तक 22 सत्रों में देशभर के विभिन्न पर्यटन उत्पादों और अनुभवों को प्रदर्शित किया जा चुका है। इस श्रृंखला ने अब तक 90,000 से अधिक दर्शकों को आकर्षित किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन एक पेशेवर टीम के साथ सीधे तकनीकी सहायता प्रदान करके देखो अपना देश वेबिनार के संचालन में मंत्रालय का सहयोग कर रही है। वेबिनार के सत्र अब https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA पर और पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के सभी सोशल मीडिया हैंडलों पर उपलब्ध हैं। ‘बाइसिकल टूर्स-एक्सप्लोरिंग इंडिया ऐट द पेस ऑफ पैडल’ पर आज भी वेबिनार हुआ।