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Wednesday 27 May 2020 05:59:54 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने 2 अप्रैल 2020 को कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने की कोशिशें और ज्यादा बढ़ाते हुए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप लांच किया था, जिसका उद्देश्य ब्लूटूथ पर आधारित किसी से संपर्क साधने, संभावित हॉटस्पॉट्स का पता लगाने और कोविड-19 के बारे में प्रासंगिक जानकारी के प्रचार-प्रसार में सक्षम होना है। आरोग्य सेतु ऐप के 26 मई की तारीख तक 114 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हो चुके हैं जो दुनिया में किसी भी अन्य संपर्क साधने वाले ऐप के उपयोगकर्ताओं से ज्यादा हैं। यह ऐप 12 भाषाओं और एंड्रॉयड, आईओएस एवं केएआईओएस प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। देशभर में नागरिक आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल अपने आपको, अपने चाहने वालों और राष्ट्र को सुरक्षित रखनेके लिए कर रहे हैं। बहुत से युवा इस ऐप को अपना अंगरक्षक भी मानते हैं।
आरोग्य सेतु की प्रमुख खासियत पारदर्शिता, निजता तथा सुरक्षा है और भारत की ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर नीति की तर्ज पर आरोग्य सेतु के सोर्स कोड को अब सार्वजनिक कर दिया गया है। इस एप्लीकेशन के एंड्रॉयड वर्जन सोर्स कोड को समीक्षा और सहकार्य के लिए https://github.com/nic-delhi/AarogyaSetu_Android.git.The पर उपलब्ध करा दिया गया है। इस एप्लीकेशन के आईओएस वर्जन को अगले 2 सप्ताह के भीतर ओपन सोर्स के रूपमें जारी कर दिया जाएगा और इसके बाद सर्वर कोड को भी जारी कर दिया जाएगा। आरोग्य सेतु ऐप के लगभग 98 प्रतिशत उपयोगकर्ता अभी एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर हैं। डेवलपर समुदाय के लिए सोर्स कोड को सार्वजनिक कर देना पारदर्शिता और सहयोग के सिद्धांत के प्रति अनवरत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आरोग्य सेतु का विकास सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और नागरिकों के बीच सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह भारत के प्रतिभावान युवा प्रौद्योगिकीय विशेषज्ञों की कठिन मेहनत का फल भी है, जिन्होंने इस विश्वस्तरीय उत्पाद को बनाने के लिए रात दिन काम किया है। आम लोगों के लिए इस सोर्स कोड को जारी करने के साथ ही सरकार सहयोग बढ़ाने और प्रतिभावान युवाओं और देश के नागरिकों के बीच मौजूद सर्वोच्च प्रौद्योगिकीय विशेषज्ञता का लाभ उठाने, सामूहिक रूपसे इस महामारी का मुकाबला मिलकर करने में शामिल अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों के काम में मदद करने के लिए एक मजबूत और सुरक्षित प्रौद्योगिकी समाधान बनाने की दिशा में अग्रसर है। यह ऐप कोविड-19 के खिलाफ विशेषताओं का एक समग्र समूह और अपने लॉन्च के 8 सप्ताह के भीतर कई मामलों में प्रथम साबित हुआ है।
जब हम लाक्षणिक खाका बनाते हुए इस महामारी विज्ञान के नए आंकड़ों को देखते हैं तो वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के संक्रमितों से संपर्क साधने और स्वयं आकलन करने के अन्य संसाधनों की तुलना में इस ऐप की पहुंच और प्रभाव संभवतः सबसे अधिक है। आरोग्य ऐप के 114 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओं में से दो-तिहाई उपयोगकर्ताओं ने खुद ही कोविड-19 का शिकार होने के जोखिम का पता लगाने के लिए अपना आकलन परीक्षण किया। इससे लगभग 500,000 ब्लूटूथ संपर्कों की पहचान करने में मदद मिली है। जिन लोगों की पहचान कोविड-19 पॉजिटिव मामलों के ब्लूटूथ संपर्क या जिनका उनके आकलन के आधार पर मदद पहुंचाने की जरूरत के रूपमें वर्गीकृत किया गया, उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण संपर्क करता है। अब तक इस ऐप ने 9,00,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं तक संपर्क साधा और उन्हें क्वॉरेंटाइन होने, सावधानियां बरतने और जांच कराने की सलाह देने के रूप में मदद की।
कोविड-19 की जांच कराने हेतु जितने लोगों को इस ऐप के जरिए सलाह दी गई, उनमें से लगभग 24 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया। इसकी तुलना 26 मई की तारीख तक कुल 31,26,119 लोगों की जांच में से 1,43,380 लोगों में कोविड-19 पॉजिटिव यानी कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने की दर कुल मिलाकर लगभग 4.65 प्रतिशत से की जा सकती है। इससे साफ है कि संपर्क साधने के इस ऐप से उन लोगों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है, जिन्हें जांच कराने की जरूरत है और इस तरह इस महामारी को काबू करने के लिए सरकारी प्रयासों में तेजी लाने में मदद मिल रही है। ब्लूटूथ संपर्कों और इसकी स्थिति के आंकड़ों के विश्लेषण से कोविड मामलों की उचित संभाव्यता के साथ संभावित हॉटस्पॉट्स की पहचान करने में मदद मिलती है, जिससे राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस महामारी की रोकथाम के लिए समय रहते जरूरी कदम उठाने में सहूलियत होती है।
कोविड पॉजिटिव लोगों से संपर्क साधने और उनकी आवाजाही के तरीकों के सिद्धांतों, जनसंख्या स्तर महामारी मॉडलिंग और देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 की मौजूदगी को लेकर एक नई सोच इस बीमारी के लिए लाक्षणिक खाका तैयार करने के इस नवीन तरीकों से आरोग्य सेतु ने देशभर में उप-डाकघर के स्तर पर 3,500 से ज्यादा हॉटस्पॉट्स की पहचान की। पहले के आंकड़ों के साथ आरोग्य सेतु से प्राप्त आंकड़ों में उप-डाकघर स्तर पर उभरते हॉटस्पॉट्स का अनुमान लगाने की काफी संभावना है। आज पूरे भारत में लगभग 1,264 उभरते हॉटस्पॉट्स की पहचान की गई जिसका इस ऐप के अभाव में पता नहीं लग पाता। इसके बाद इन अनुमानित हॉटस्पॉट्स में अधिकांश का परीक्षण किया गया जो अगले 17 से 25 दिनों में वास्तविक रूप से हॉटस्पॉट बन जाएंगे। उदाहरण के रूप में आरोग्य सेतु ने जब किसी खास दिन किसी जिले में 3 मामलों की पहचान की तो उस जिले में अगले 15 दिन में 82 मामले दर्ज हो गए। उस ब्लूटूथ आधारित संपर्क साधने और हॉटस्पॉट की पहचान के इस अनूठे मेल से हासिल सटीक जानकारी इस संक्रमण श्रृंखला को तोड़ने में प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
आरोग्य सेतु पर 114 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं में लगातार इस्तेमाल हो रहे इस उभरते उत्पाद का सोर्स कोड जारी करना एक चुनौती है। सोर्स कोड को विकसित करना और उसका रखरखाव आरोग्य सेतु टीम और डेवलपर समुदाय, दोनों की एक बड़ी जिम्मेदारी है। किसी चीज के बचाव के लिए रखी जाने वाली जगह को साझा करना वास्तविक उत्पादन पर्यावरण है। इस उत्पाद से संबंधित सभी नई जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी। ओपन सोर्स विकास की मदद की प्रक्रिया का प्रबंधन राष्ट्रीय सूचना केंद्र करेगा। कोड से संबंधित सुझावों को आग्रह समीक्षाओं के जरिए संसाधित किया जाएगा। आरोग्य सेतु के सोर्स कोड को अपाचे लाइसेंस वर्जन 2.0 के तहत लाइसेंस मिला हुआ है और यह जैसा है वैसा के आधार पर उपलब्ध है। कोड में बदलाव के साथ सोर्स कोड के किसी भी तरह के फिर से इस्तेमाल के लिए डेवलपर की जरूरत पड़ेगी। इससे संबंधित और विस्तृत जानकारी https://www.mygov.in/aarogya-setu-app/ पर सवाल जवाब दस्तावेजों के रूपमें प्राप्त की जा सकती है।
आरोग्य सेतु के सोर्स कोड को ओपन सोर्स बनाते समय भारत सरकार ने डेवलपर समुदाय से आरोग्य सेतु को और अधिक मजबूत एवं सुरक्षित बनाने के लिए इसमें किसी प्रकार की कमी की पहचान करने या कोड में और सुधार के लिए मदद मांगी है। इस उद्देश्य के लिए सरकार ने सुरक्षा अनुसंधानकर्ताओं के साथ साझेदारी करने के उद्देश्य से एक 'बग बाउंटी' कार्यक्रम भी लॉन्च किया है, ताकि आरोग्य सेतु की सुरक्षा कार्यसाधकता की जांच की जा सके, इसकी सुरक्षा में सुधार या बढ़ोतरी करते हुए इसमें उपयोगकर्ताओं का भरोसा बढ़ाया जा सके। 'बग बाउंटी' को लेकर विस्तृत जानकारी अलग से साझा की जा रही है। 'बग बाउंटी' कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मायगाव के नवीन पोर्टल https://innovate.mygov.in/ पर उपलब्ध है। भारत सरकार कोविड का सामना करने में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के प्रति देश के नजरिए से मिली सीख और बाकी दुनिया के साथ भी उपलब्ध समाधान को साझा करने की इच्छुक है। भारत का कहना है कि कोई भी सरकार इस महामारी का सामना करने में इसका इस्तेमाल कर सकती है।