स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 2 June 2020 06:41:40 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 125वें वार्षिक सत्र में उद्घाटन भाषण दिया। इस वर्ष के वार्षिक सम्मेलन की विषय वस्तु थी-'नए विश्व के लिए भारत निर्माण : जीवन, आजीविका, विकास'। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कोरोना महामारी के कारण इस तरह के ऑनलाइन कार्यक्रम नए और सामान्य प्रतीत हो रहे हैं, यही मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत है, जिसने हर कठिनाई में रास्ता निकाल लिया है। उन्होंने कहा कि एक ओर हमें इस वायरस से लड़ने और देशवासियों की जान बचाने के लिए सख्त कदम उठाने पड़े हैं और दूसरी तरफ हमें अर्थव्यवस्था को भी स्थिर करना है, बल्कि इसे और भी तेज गति प्रदान करनी होगी। वार्षिक सत्र के विषय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने गैटिंग ग्रोथ बैक पर चर्चा शुरू करने के लिए भारतीय उद्योग जगत की सराहना की। उन्होंने उद्योग को इससे भी आगे बढ़ने का आग्रह किया और कहा कि हाँ! हम निश्चित रूपसे अपनी वृद्धि दरको वापस लाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिभा और प्रौद्योगिकी भारत के नवपरिवर्तन और ज्ञान, भारत के किसानों, एमएसएमई में भारत की क्षमताओं और संकट प्रबंधन में उनका विश्वास ही उन्हें वृद्धि दर को वापस लाने के बारे में आश्वस्त करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना ने विकास की गति को धीमा किया होगा, लेकिन आज सबसे बड़ा तथ्य यह है कि भारत लॉकडाउन चरण से आगे निकल गया है और उसने अन-लॉक चरण एक में प्रवेश कर लिया है, अन-लॉक चरण एक में अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खुल गया है। उन्होंने कहा कि 8 जून के बाद देश में बहुत कुछ खुलने वाला है, अर्थव्यवस्था में वृद्धि वापस आनी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जब कोरोना वायरस दुनिया में फैल रहा था, भारत ने सही समय पर सही कदम उठाए, आज हमें यह पता चल गया है कि भारत में लॉकडाउन के प्रभाव की व्यापकता अन्य देशों की तुलना में कितनी है। उन्होंने कहा कि कोरोना से मुकाबला कर अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, इसके लिए सरकार वे फैसले ले रही है, जो तुरंत जरूरी हैं और लंबे समय के लिए जरूरी हैं। प्रधानमंत्री ने इस संकट की स्थिति में लोगों की मदद करने में सरकार के प्रयासों की जानकारी भी दी।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ने गरीबों को तत्काल लाभ प्रदान करने में बहुत मदद की है, इस योजना के अंतर्गत लगभग 74 करोड़ लाभार्थियों को राशन पहुंचाया गया है, प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त राशन भी दिया जा रहा है, चाहे वह महिलाएं हों, विकलांग हों, बुजुर्ग हों, मजदूर हों, सभी को इसका लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को 8 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर वितरित किए हैं, 50 लाख निजी कर्मचारियों को उनके बैंक खातों में ईपीएफ की 24 प्रतिशत राशि का सरकारी योगदान मिला है, जो कि 800 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री ने 5 चीजें सूचीबद्ध कीं, जो एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने और भारत को तेजी से विकास के मार्ग पर वापस लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं-इरादा, समावेशन, निवेश, बुनियादी ढांचा और नवपरिवर्तन। उन्होंने कहा कि ये हाल ही के सरकार के साहसिक फैसलों में झलकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कई क्षेत्रों को भविष्य के लिए तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे लिए सुधार कोई आकस्मिक या बिखरा हुआ फैसला नहीं हैं, हमारे लिए सुधार सर्वांगी, सुनियोजित, एकीकृत, आपस में जुड़ा हुआ और भविष्य की प्रक्रियाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सुधारों का अर्थ है-निर्णय लेने की हिम्मत और उन्हें तर्कसंगत निष्कर्ष तक ले जाना। उन्होंने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड (आईबीसी), बैंक के विलय, जीएसटी और फेसलेस आईटी मूल्यांकन जैसे निजी उद्यमों के लिए एक उत्साहजनक इको सिस्टम बनाने के लिए सरकार की पहल का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ऐसे नीतिगत सुधार भी कर रही है, जिनके बारे में देश ने उम्मीद छोड़ दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद बनाए गए नियमों और कानूनों ने किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया था, कृषि उपज बाजार समिति कानून में संशोधन के बाद अब किसानों को देश के किसी भी राज्य में, किसी को भी अपनी उपज बेचने का अधिकार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए श्रम सुधार किए जा रहे हैं, गैर-रणनीतिक क्षेत्र जिनमें निजी क्षेत्रों की अनुमति नहीं थी, उन्हें भी खोल दिया गया है, कोयला क्षेत्र में अब वाणिज्यिक खनन की अनुमति है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार जिस दिशा में आगे बढ़ रही है, चाहे हमारे खनन क्षेत्र हों, ऊर्जा क्षेत्र या अनुसंधान और प्रौद्योगिकी, उद्योगों को भी हर क्षेत्र में अवसर मिलेंगे और युवाओं के लिए भी नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इन सबसे हटकर अब देश के रणनीतिक क्षेत्रों में निजी उद्यमियों की भागीदारी भी एक वास्तविकता बन रही है। उन्होंने कहा कि चाहे आप अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं या परमाणु ऊर्जा में नए अवसरों का पता लगाना चाहते हैं, आपके लिए संभावनाएं पूरी तरह से खुली हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र हमारे देश के आर्थिक इंजन की तरह है और यह सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत योगदान देता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा में सुधार करने की उद्योग की लंबे समय की मांग पूरी हो गई है, यह एमएसएमई को बिना किसी परेशानी के बढ़ने में सक्षम करेगा और उन्हें एमएसएमई की स्थिति बनाए रखने के लिए अन्य रास्तों का पालन नहीं करना होगा। उन्होंने कहा कि देश के एमएसएमई में काम करने वाले सहयोगियों के लाभ के लिए 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में वैश्विक निविदाएं निकाली गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया से भारत की उम्मीदें बढ़ी हैं और वे भारत पर ज्यादा भरोसा करते हैं, भारत ने चिकित्सा आपूर्ति के साथ 150 से अधिक देशों की मदद की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया एक भरोसेमंद, विश्वसनीय साथी की तलाश कर रही है, भारत में एक संभावना, शक्ति और क्षमता है। उन्होंने उद्योग से भारत के प्रति विकसित विश्वास का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि को फिर से हासिल करना इतना मुश्किल भी नहीं है, सबसे बड़ी बात यह है कि अब भारतीय उद्योगों के पास एक स्पष्ट रास्ता है और वह है आत्मनिर्भर भारत। उन्होंने स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भर भारत का अर्थ है कि हम और अधिक मजबूत हो जाएंगे और दुनिया को गले लगा लेंगे, विश्व अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ना और मददगार होना। प्रधानमंत्री ने एक मजबूत स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण के लिए निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की हिस्सेदारी को मजबूत करता है।
प्रधानमंत्री ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोरोना के बाद सीआईआई जैसे बड़े संस्थानों को एक नई भूमिका में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने देश में बने उत्पादों को दुनिया के लिए बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उद्योग से सभी क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह किया। उन्होंने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों पीपीई उद्योग को 3 महीने के भीतर करोड़ों का बनाने के लिए उद्योग की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने उद्योग से आग्रह किया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में किसानों के साथ निवेश और साझेदारी को खोलने का पूरा लाभ उठाएं, अब गांव के नज़दीक स्थानीय कृषि उत्पादों के समूहों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र को देश की विकासयात्रा केलिए भागीदार मानती है। उन्होंने वादा किया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुड़ी उद्योग की हर जरूरत का ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने उद्योग जगत से देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लेने और इस संकल्प को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाने को कहा।