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Friday 5 June 2020 05:56:08 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की एकवर्ष की उपलब्धियों पर एक ई-पुस्तिका जारी की है। डॉ जितेंद्र सिंह ने डीओपीपीडब्ल्यू टीम को सुधारों की श्रृंखला को पूरा करने के लिए बधाई दी, जिसने न केवल नरेंद्र मोदी सरकार की संवेदनशीलता को उजागर किया, बल्कि कोरोना महामारी के कठिन समय में टीम की निष्ठा को भी ऊंचा बनाए रखा। उन्होंने कहा कि पेंशनभोगियों की चिंता और भय को दूर करने के लिए यह विभाग अग्रणी डॉक्टरों के साथ कोविड पर वेबिनार आयोजित करने के साथ ही अपने कर्तव्य से भी आगे बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि पेंशन विभाग को बुजुर्गों और सेवानिवृत्त लोगों की सेवा करने का एक अनूठा अवसर प्राप्त है, जो अवसर किसी भी अन्य विभाग के पास मौजूद नहीं है।
पेंशन नीति में सुधारों की एक श्रृंखला के रूपमें सबसे उल्लेखनीय सुधार सीसीएस पेंशन नियम-1972 के नियम 54 में संशोधन करना था, जिसके माध्यम से सरकारी कर्मचारी की 7 वर्ष की सेवा पूरी होने से पहले होने वाली दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन प्रदान की जा सके। इससे पहले केवल वही परिवार बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन के पात्र थे, जिन मृतक सरकारी कर्मचारी ने 7 वर्ष की सेवा पूरी कर ली थी। हाल के वर्षों में एक अन्य ऐतिहासिक पहल पुरानी पेंशन योजना को उन कर्मचारियों के लिए लागू करना था, जो सेवा में 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद शामिल हुए, लेकिन जिनकी भर्ती का परिणाम 1 जनवरी 2004 से पहले घोषित कर दिया गया था। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों की यह मांग लंबे समय से थी, इसके कारण कई मामले अदालत में दर्ज थे और कर्मचारियों के बीच चिंता का कारण बने हुए थे।
नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के तुरंत बाद ही पेंशनभोगियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की एक श्रृंखला भी शुरू की गई जैसे-बुजुर्ग पेंशनभोगियों को अपनी शिकायत दर्ज कराने में सुविधा प्रदान करने और लंबित शिकायतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 1800111960 के साथ एक एकीकृत शिकायत प्रकोष्ठ और कॉल सेंटर की व्यवस्था, अखिल भारतीय पेंशन अदालत का आयोजन, जिसमें लाइव इंटरेक्टिव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 50 से ज्यादा स्थानों को जोड़ा गया, इसके फलस्वरूप एक ही आयोजन में 4,000 से ज्यादा शिकायतों का समाधान किया गया। पिछले एक वर्ष में किए गए अन्य कल्याणकारी कार्यों में पेंशन वितरण बैंकों की सहायता से जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए घरपर सेवा प्रदान करने की सुविधा शामिल है, 24 शहरों में पेंशनर्स संघों को शामिल करके घर अभियान के द्वारा डीएलसी, जम्मू में पहली क्षेत्रीय अदालत का आयोजन और पेंशनभोगियों के लिए जीवनयापन को सुविधाजनक बनाने के लिए बैंकों को समेकित निर्देश जारी करना शामिल है।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने प्रसिद्ध पल्मोनोलॉजिस्ट और एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया और डॉ प्रसून चटर्जी एसोसिएट प्रोफेसर एम्स के साथ कोविड-19 पर पेंशनरों के लिए एक टेली परामर्श का आयोजन किया। डॉ क्षत्रपति शिवाजी सचिव (पी एंड पीडब्लू) ने पेंशन में सुधार करने हेतु डीओपीपीडब्ल्यू का लगातार मार्गदर्शन करने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री को धन्यवाद दिया, जिसके कारण पेंशनभोगियों का जीवन बहुत प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि यह विभाग उन कुछ विभागों में से एक है, जहां पर कोविड महामारी से पहले भी शतप्रतिशत ई-ऑफिस मौजूद था और इसलिए महामारी के संक्रमण की चरम सीमा के दौरान घर से काम करने की व्यवस्था को लागू करना आसान था। सभी अधिकारियों को एक वीपीएन उपलब्ध कराया गया है, जो उन्हें कहीं से भी काम करने में सक्षम बनाता है और इसलिए इस विभाग की कार्यप्रणाली महामारी के दौरान भी अप्रभावित रही है। संयुक्त सचिव संजीव नारायण माथुर ने इस कार्यवाही को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूरा किया, जो पूरी तरह से ऑनलाइन था। रुचिर मित्तल उप सचिव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।