स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 16 June 2020 02:19:14 PM
नई दिल्ली। भारत अब ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी जीपीएआई या जीईई-पे को लॉंच करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, मैक्सिको, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर सहित प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की लीग में शामिल हो गया है। जीपीएआई एक अंतर्राष्ट्रीय और बहु-हितधारक पहल है जो एआई के जिम्मेदारीपूर्ण विकास और मानवाधिकारों, समावेशन, विविधता, नवाचार और आर्थिक विकास में उपयोग का मार्गदर्शन करने पर आधारित है। यह प्रतिभागी देशों के अनुभव और विविधता का उपयोग करके एआई से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों की बेहतर समझ विकसित करने का अपने किस्म का पहला प्रयास भी है।
विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस पहल के तहत एआई से संबंधित प्राथमिकताओं पर अत्याधुनिक अनुसंधान और अनुप्रयुक्त गतिविधियों की सहायता करते हुए एआई के संबंध में सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की जाएगी। जीपीएआई, एआई के जिम्मेदारीपूर्ण विकास को बढ़ावा देने के लिए साझेदारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से उद्योग, नागरिक समाज, सरकारों और शिक्षाविदों के प्रमुख विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा और भारत ऐसी कार्यप्रणालियां भी विकसित करेगा, जिनसे यह दर्शाया जा सके कि कोविड-19 के मौजूदा वैश्विक संकट से बेहतर ढंग से निपटने के लिए एआई का लाभ किस प्रकार उठाया जा सकता है।
इस तथ्य पर गौर करना भी उपयुक्त होगा कि भारत ने हाल ही में नेशनल एआई स्ट्रेटेजी और नेशनल एआई पोर्टल लॉंच किया है और साथ ही वृद्धि और विकास में सहायता प्रदान करते हुए मानव के समावेशन और सशक्तीकरण के दृष्टिकोण साथ शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, ई-कॉमर्स, वित्त, दूरसंचार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई का लाभ उठाना शुरू कर दिया है। जीपीएआई में संस्थापक सदस्य के रूपमें शामिल होने से भारत समावेशी विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग के अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वैश्विक विकास में सक्रिय रूपसे भाग लेगा। जीपीएआई को पेरिस में ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकॉनोमिक कोऑपरेशन एंड डेवलेपमेंट में सचिवालय तथा मॉंट्रियल और पेरिस में एक-एक विशेषज्ञता केंद्र सहित दो विशेषज्ञता केंद्रों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।